कौआ पर निबंध – Essay on Crow in Hindi

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Essay on Crow in Hindi : दोस्तों आज हमने कौआ पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है. इस निबंध की सहायता से सभी विद्यार्थी परीक्षाओं में निबंध लिख सकते है.

कौआ एक चतुर पक्षी होता है यह हमारे पर्यावरण को साफ रखने में हमारी मदद करता है क्योंकि यह है सड़ी गली वस्तुएं खा कर अपना भोजन करता है. इसीलिए आज हम इस निबंध की सहायता से कौआ के बारे में जानकारी देंगे.

Essay on Crow in Hindi

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10 Line Essay on Crow in Hindi


(1) कौआ मध्यम आकार का पक्षी होता है.

(2) यह काले रंग का होता है इसकी गर्दन स्लेटी रंग की होती है

(3) इसके दो छोटे पैर होते है जिसके पंजे नुकीले होते है

(4) कौवे की दो काली चमकीली आंखें होती हैं

(5) यह अन्य पक्षियों की तुलना में अधिक चतुर होता है

(6) कौआ भोजन में सड़ी गली रोटी, मांस, मिठाई, पक्षियों के अंडे इत्यादि वस्तुएं खा लेता है.

(7) इसकी एक मजबूत काले रंग की चोंच होती है

(8) इसकी आवाज बहुत कर्कश भरी होती है.

(9) कौआ वातावरण की सड़ी गली वस्तुओं को खा कर वातावरण को स्वच्छ रखता है

(10) कौवे की प्रजाति संसार के प्रत्येक देश में पाया जाता है

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कौआ एक पक्षी है जो कि दिखने में तो साधारण होता है लेकिन यह बहुत ही बुद्धिमान और चतुर होता है. सामान्यतः कौवा संसार के सभी प्रांतों में पाया जाता है.

कवर काले रंग का होता है इसके दो पैर और एक चोंच होती है. इसकी दो छोटी आंखें होती है. इसके गर्दन का भाग स्लेटी रंग का होता है.

कौवे की आवाज कठोर और कर्कश भरी होती है जिसके कारण कुछ लोग इसे पसंद नहीं करते है.

कौआ आमतौर पर अन्य कौओं के साथ झुंड में रहना पसंद करता है. यह पेड़ों पर छोटे-छोटे तिनको से घोसला बनाकर रहता है. इसका जीवनकाल लगभग 7 वर्ष का होता है लेकिन कुछ प्रजातियों का जीवनकाल 14 वर्ष एक का भी होता है.

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यह इंसानों द्वारा फैलाई गई गंदगी को हटाता है और वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करता है. यह भोजन में मनुष्य द्वारा फेंकी गई घड़ी गली वस्तुएं रोटी, डबल रोटी, सब्जी, मांस, मरे हुए पशु, कीड़े मकोड़े, मिठाई इत्यादि खा लेता है.

कौआ सभी प्रकार के वातावरण में रह लेता है इसको जहां पर भोजन मिल जाता है यह वही पर अपना घोंसला बना लेता है इसीलिए यह जंगलों के साथ साथ शहरों और गांव में भी पाया जाता है.

Essay on About Crow in Hindi 700 Words


भूमिका –

कौआ एक साधारण पक्षी होता है लेकिन इसमें असाधारण गुण भी होते है. इसका वैज्ञानिक नाम Corvus है. यह पूरे संसार भर में पाया जाता है.

इसकी कई प्रजातियां है जो अलग-अलग देशों में निवास करती है. भारत के राजस्थान राज्य में इसको “कागला” तथा मारवाडी भाषा में “हाडा” कहा जाता है.

भारत में श्राद्ध के दिनों में कवकों खाना खिलाया जाता है भारतीय लोगों का मानना है कि इससे उनके पूर्वजों को अच्छा जीवन मिलेगा.

शारीरिक संरचना –

पूरे विश्व भर में कौवे की 40 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं भारत में पाई जाने वाली प्रजाति का आकार लगभग 17 से 19 इंच होता है. इनका वजन आधा किलो से लेकर डेड किलो तक हो सकता है.

कौवे के दो काले नुकीले पंजे वाले पैर होते है. किसी भी वस्तु को पकड़ने के लिए यह अपने पंजों का ही इस्तेमाल करता है. इसका मुंह छोटा होता है और शरीर बड़ा होता है.

यह काले रंग का होता है लेकिन कुछ प्रजातियों में इसकी गर्दन पर स्लेटी रंग भी होता है. इसकी दो छोटी और काले रंग की आंखें होती है. इसके मुंह पर चोंच होती है जिसकी सहायता से यह भोजन को तोड़ मरोड़ कर खाता है.

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इसके शरीर पर बहुत ही छोटे छोटे बाल होते है जिसकी सहायता से यह सर्दी और गर्मी के मौसम में अपने आप को बचाए रखता है.

कौवे के दो पंख होते है जिससे यह एक स्थान से दूसरे स्थान पर उड़कर जा सकता है.

कौआ के कुछ तथ्य –

(1) कौआ प्रकृति को स्वच्छ रखने में सहायता प्रदान करता है यह इंसानों द्वारा फैलाए गए कचरे का निपटान करता है.

(2) यह खेतों में कीड़े मकोड़े पनपने नहीं देता उनको भोजन के रूप में खा लेता है जिसे फसल अच्छी होती है.

(3) कौआ बहुत चतुर होता है इसको पानी से आधे भरे हुए गिलास में कंकड़ डाल कर पानी पीते देखा गया है कई बार इसे इंसानों द्वारा बनाएगी स्ट्रो की सहायता से भी पानी पीता देखा गया है.

(4) यह भोजन में मांस, मछली, कीड़े मकोड़े, रोटी, डबल रोटी, सब्जियां, बीज, अनाज, नट, फल इत्यादि सभी तरह की वस्तुएं खा लेता है.

(5) कौआ अक्सर भैंस के ऊपर बैठकर छोटे कीड़े मकोड़े खाता रहता है.

(6) कौआ का जीवनकाल 7 से 8 वर्ष का होता है.

(7) कौवे को संस्कृतियों में से अच्छे भाग्य के रूप में देखा जाता है तो कुछ संस्कृतियों में बुरी किस्मत का संकेत माना जाता है.

(8) कौआ जब भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते है तो एक समूह के रूप में जाते है.

(9) कौआ को किसी भी प्रकार का खतरा होने पर यह कांव-कांव की आवाज में अन्य को बहुत सचेत कर देता है.

(10) कौआ मनुष्य की तरह लोगों के चेहरे याद रख सकता है.

(11) यह पेड़ों और चट्टानों पर घोसला बनाकर रहता है.

(12) नीदरलैण्ड कौओं को ट्रेनिंग देकर साफ सफाई के काम में लगाया गया है वहां पर कौवे सिगरेट और अन्य छोटे-मोटे कूड़े करकट को उठाकर डस्टबिन में डालने का काम करते है.

कौआ की जीवन शैली –

कौआ की जीवन शैली अन्य पक्षियों की तुलना में थोड़ी अलग होती है क्योंकि यह सर्वाहारी होता है यह मनुष्य की तरह सभी प्रकार का भोजन कर लेता है.

यह आमतौर पर समूह में रहना पसंद करता है और इंसानों से यह कम ही डरता है इसीलिए कई बार छोटे बच्चों के हाथों से रोटी छीनकर भी ले जाता है.

इसको जहां पर भोजन मिल जाता है यह वहीं पर अपने रहने का स्थान बना लेता है अक्सर यह ऊंचे पेड़ों और चट्टानों पर अपना घोंसला बनाकर रहता है.

कौआ की प्रजातियां –

कौआ की 40 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती है जिसमें से कुछ नाम इस प्रकार है कोरवस ब्राचिर्हिनचोस, कौरिनस, कोरैक्स, कोरोन, फ्रुगिलगस, मेलोरी, हौवाइनेसिस इत्यादि है.

निष्कर्ष –

कौआ एक अच्छा अच्छा पक्षी होता है जो कि हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रखता है और हमारी फसलों को कीड़े मकोड़ों से बचाता है. वर्तमान में कौवे की कुछ प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है इसलिए हमें इसको बचाना चाहिए. हमें सभी पक्षियों से प्यार करना चाहिए और उनका सरंक्षण भी करना चाहिए.


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6 thoughts on “कौआ पर निबंध – Essay on Crow in Hindi”

    • राजीव कौआ अपने कानो से सुनता है, कोए के कान उसके आँख के पीछे बालों में छुपे होते है

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