माँ पर हिन्दी कविता Sad Poem on Maa in Hindi : दोस्तों हमने माँ पर लिखी गयी कुछ बेहतरीन कविताओं का संग्रह किया है. वैसे तो माँ पर की कोई व्याख्या नहीं की जा सकती है
क्योंकी दुनिया की किसी भी कलम में इतनी ताकत नहीं है की वह माँ को परिभाषित कर दे. माँ पवित्रता, त्याग, ममता, प्यार की वो मूर्त है जिसका कर्ज कभी चुकाया नहीं जा सकता है. एक माँ ही जो सबका ख्याल रखती है.
एक माँ ही जिसके बुलाने पर भगवान भी आ जाते है. हमने Mothers day par Maa ke liye kavita का संग्रह किया है.
(1) माँ को बेटी की पुकार कविता (Maa ko Beti ki Pukar)
पहली धड़कन भी मेरी धडकी थी तेरे भीतर ही,
जमी को तेरी छोड़ कर बता फिर मैं जाऊं कहां.
आंखें खुली जब पहली दफा तेरा चेहरा ही दिखा,
जिंदगी का हर लम्हा जीना तुझसे ही सीखा.
खामोशी मेरी जुबान को सुर भी तूने ही दिया,
स्वेत पड़ी मेरी अभिलाषाओं को रंगों से तुमने भर दिया.
अपना निवाला छोड़कर मेरी खातिर तुमने भंडार भरे,
मैं भले नाकामयाब रही फिर भी मेरे होने का तुमने अहंकार भरा.
वह रात छिपकर जब तू अकेले में रोया करती थी,
दर्द होता था मुझे भी, सिसकियां मैंने भी सुनी थी.
ना समझ थी मैं इतनी खुद का भी मुझे इतना ध्यान नहीं था,
तू ही बस वो एक थी, जिसको मेरी भूख प्यार का पता था.
पहले जब मैं बेतहाशा धूल मैं खेला करती थी,
तेरी चूड़ियों तेरे पायल की आवाज से डर लगता था.
लगता था तू आएगी बहुत डाटेंगी और कान पकड़कर मुझे ले जाएगी,
माँ आज भी मुझे किसी दिन धूल धूल सा लगता है.
चूड़ियों के बीच तेरी गुस्से भरी आवाज सुनने का मन करता है,
मन करता है तू आ जाए बहुत डांटे और कान पकड़कर मुझे ले जाए.
जाना चाहती हूं उस बचपन में फिर से जहां तेरी गोद में सोया करती थी,
जब काम में हो कोई मेरे मन का तुम बात-बात पर रोया करती थी.
जब तेरे बिना लोरियों कहानियों यह पलके सोया नहीं करती थी,
माथे पर बिना तेरे स्पर्श के ये आंखें जगा नहीं करती थी.
अब और नहीं घिसने देना चाहती तेरे ही मुलायम हाथों को,
चाहती हूं पूरा करना तेरे सपनों में देखी हर बातों को.
खुश होगी माँ एक दिन तू भी,
जब लोग मुझे तेरी बेटी कहेंगे.
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(2) Short Hindi Poem on Maa
मेरी आंखों का तारा ही, मुझे आंखें दिखाता है.
जिसे हर एक खुशी दे दी, वो हर गम से मिलाता है.
जुबा से कुछ कहूं कैसे कहूं किससे कहूं माँ हूं
सिखाया बोलना जिसको, वो चुप रहना सिखाता है.
सुला कर सोती थी जिसको वह अब सभर जगाता है.
सुनाई लोरिया जिसको, वो अब ताने सुनाता है.
सिखाने में क्या कमी रही मैं यह सोचूं,
जिसे गिनती सिखाई गलतियां मेरी गिनाता है.
-Dinesh Raghuvanshi
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(3) माँ का त्याग हिंदी कविता (Maa ka Tyaag hindi Kavita)
तुम एक गहरी छाव है अगर तो जिंदगी धूप है माँ
धरा पर कब कहां तुझसा कोई स्वरूप है माँ
अगर ईश्वर कहीं पर है उसे देखा कहां किसने
धरा पर तो तू ही ईश्वर का रूप है माँ, ईश्वर का कोई रुप है माँ
नई ऊंचाई सच्ची है नए आधार सच्चा है
कोई चीज ना है सच्ची ना यह संसार सच्चा है
मगर धरती से अंबर तक युगो से लोग कहते हैं
अगर सच्चा है कुछ जग में तो माँ का प्यार सच्चा है
जरा सी देर होने पर सब से पूछती माँ,
पलक झपके बिना घर का दरवाजा ताकती माँ
हर एक आहट पर उसका चौक पड़ना, फिर दुआ देना
मेरे घर लौट आने तक, बराबर जागती है माँ
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सुलाने के लिए मुझको, तो खुद ही जागती रही माँ
सहराने देर तक अक्सर, मेरे बैठी रही माँ
मेरे सपनों में परिया फूल तितली भी तभी तक थे.
मुझे आंचल में लेकर अपने लेटी रही माँ.
बड़ी छोटी रकम से घर चलाना जानती थी माँ
कमी थी बड़ी पर खुशियाँ जुटाना जानती थी माँ.
मै खुशहाली में भी रिश्तो में दुरी बना पाया.
गरीबी में भी हर रिश्ता निभाना जानती थी माँ.
-Dinesh Raghuvanshi
(4) माँ की ममता कविता Maa Ki Mamta Hindi
कि लगा बचपन में यू अक्सर अँधेरा ही मुकद्दर है.
मगर माँ होसला देकर यू बोली तुम को क्या डर है,
मै अपना पन ही अक्सर ढूंढता रहता हू रिश्तो में
तेरी निश्छल सी ममता कहीं मिलती नहीं माँ.
गमों की भीड़ में जिसने हमें हंसना सिखाया था
वह जिसके दम से तूफानों ने अपना सिर झुकाया था
किसी भी जुल्म के आगे, कभी झुकना नहीं बेटे
सितम की उम्र छोटी है मुझे माँ ने सिखाया था
भरे घर में तेरी आहट कहीं मिलती नहीं माँ
तेरी हाथों की नर्माहट कहीं मिलती नहीं माँ
मैं तन पर ला दे फिरता दुसाले रेशमी
लेकिन तेरी गोदी की गर्माहट कहीं मिलती नहीं माँ
तैरती निश्छल सी बातें अब नहीं है माँ
मुझे आशीष देने को अब तेरी बाहें नहीं है माँ
मुझे ऊंचाइयों पर सारी दुनिया देखती है
पर तरक्की देखने को तेरी आंखें नहीं है बस अब माँ
-Dinesh Raghuvanshi
(5) माँ की परिभाषा कविता Maa Ki Pribhaasha Hindi Kavita
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है
हम कुंठित हैं तो वह एक अभिलाषा है
बस यही माँ की परिभाषा है.
हम समुंदर का है तेज तो वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम एक शूल है तो वह सहस्त्र ढाल प्रखर
हम दुनिया के हैं अंग, वह उसकी अनुक्रमणिका है
हम पत्थर की हैं संग वह कंचन की कृनीका है
हम बकवास हैं वह भाषण हैं हम सरकार हैं वह शासन हैं
हम लव कुश है वह सीता है, हम छंद हैं वह कविता है.
हम राजा हैं वह राज है, हम मस्तक हैं वह ताज है
वही सरस्वती का उद्गम है रणचंडी और नासा है.
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है.
बस यही माँ की परिभाषा है.
–Shailesh Lodha
(6) प्यारी माँ कविता Pyari Maa Hindi Poem
प्यारी जग से न्यारी माँ,
खुशियां देती सारी माँ।
चलना हमें सिखाती माँ,
मंजिल हमें दिखाती माँ।
सबसे मीठा बोल है माँ,
दुनिया में अनमोल है माँ।
खाना हमें खिलाती है माँ,
लोरी गाकर सुलाती है माँ।
प्यारी जग से न्यारी माँ,
खुशियां देती सारी माँ।
(7) माँ की सहनशीलता कविता Maa ki Sahanashilata Hindi Poem
बड़ी ही जतन से पाला है माँ ने
हर एक मुश्किल को टाला है माँ ने.
उंगली पकड़कर चलना सिखाया,
जब भी गिरे तो संभाला है माँ ने.
चारों तरफ से हमको थे घेरे,
जालिम बड़े थे मन के अंधेरे.
बैठे हुए थे सब मुंह फेरे,
एक माँ ही थी दीपक मेरे जीवन में.
अंधकार में डूबे हुए थे हम,
किया ऐसे में उजाला है माँ ने.
मिलेगा ना दुनिया में माँ सा कोई,
मेरी आंखें बड़ी तो वो साथ रोई.
बिना उसकी लोरी के न आती थी निंदिया,
जादू सा कर डाला है माँ ने.
बड़ी ही जतन से पाला है माँ ने
हर एक मुश्किल को टाला है माँ ने.
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(8) माँ का प्यार कविता Maa Ka Pyar Hindi Poem
ओ मेरी प्यारी माँ,
सारे जग से न्यारी माँ.
मेरी माँ प्यारी माँ,
सुन लो मेरी वाणी माँ.
तुमने मुझको जन्म दिया,
मुझ पर इतना उपकार किया.
धन्य हुई मैं मेरी माँ,
ओ मेरी प्यारी माँ.
अच्छे बुरे में फर्क बताया,
तुमने अपना कर्तव्य निभाया.
अच्छी बेटी बनूंगी माँ,
ओ मेरी प्यारी माँ.
करूंगी तेरा मैं गुणगान,
करूंगी तेरा मैं सम्मान.
शब्द भी पड़ गए थोड़े तेरे गुणगान के लिए माँ,
ओ मेरी प्यारी माँ.
(9) माँ की व्याख्या कविता Maa Ki Vyakhya Hindi Kavita
गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है,
सितारों ने गगन से माँ के लिए सलाम भेजा है.
संवेदना है, भावना है, एहसास है माँ,
जीवन के फूलों में खुशबू का आभास है माँ.
पूजा की थाली है माँ मंत्रों का जाप है माँ,
माँ मरुस्थल में बहता मीठा सा झरना है.
माँ त्याग है तपस्या है सेवा है माँ,
जिंदगी की कड़वाहट है अमृत का प्याला है माँ.
पृथ्वी है जगत है धूरी है,
माँ बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है.
माँ का जीवन में कोई पर्याय नहीं है,
माँ का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता.
और माँ जैसा दुनिया में कोई हो नहीं सकता,
और माँ जैसा दुनिया में कोई हो नहीं सकता.
(10) तू धरती पर ख़ुदा है माँ कविता Tu Dharti Par Khuda hai Maa Hindi Poem
तू धरती पर ख़ुदा है माँ,
पंछी को छाया देती पेड़ों की डाली है तू माँ.
सूरज से रोशन होते चेहरे की लाली है तू,
पौधों को जीवन देती है मिट्टी की क्यारी है तू.
सबसे अलग सबसे जुदा,
माँ सबसे न्यारी है तू.
तू रोशनी का खुदा है माँ,
बंजर धरा पर बारिश की बौछार है तू माँ.
जीवन के सूने उपवन में कलियों की बहार है तू,
ईश्वर का सबसे प्यारा और सुंदर अवतार है तू माँ.
तू फरिश्तों की दुआ है माँ,
तू धरती पर ख़ुदा है माँ.
(11) माँ का आंचल Maa ka Aanchal Hindi Kavita
माँ की ममता करुणा न्यारी,
जैसे दया की चादर.
शक्ति देती नित हम सबको,
बन अमृत की गागर.
साया बनकर साथ निभाती,
चोट न लगने देती.
पीड़ा अपने ऊपर ले लेती,
सदा सदा सुख देती.
माँ का आंचल सब खुशियों की रंगारंग फुलवारी,
इसके चरणों में जन्नत है आनंद की किलकारी.
अद्भुत माँ का रूप सलोना बिल्कुल रब के जैसा,
प्रेम की सागर से लहराता इसका अपनापन ऐसा.
(12) माँ की भावना Maa ki Bhavanan Hindi Poem
मैंने माँ को है जाना, जब से दुनिया है देखी
प्यार माँ का पहचाना, जब से उंगली है थामी.
त्याग की भावना जो है माँ के भीतर,
प्यार उससे भी गहरा जितना गहरा समंदर.
अटल विश्वास माँ का, माँ की ममता डोरी
माँ के आंचल की छांव, माँ की मुस्कान प्यारी.
माँ ही है इस जहां में जो सबसे न्यारी,
सीचती है जो हमारे जीवन की क्यारी.
माँ की आंखों में देखें सपने हजार हमारे वास्ते,
मंजिलें बनाई ने अपनी न माँ ने चूने अपने रास्ते.
डगमगाए कदम जो तो है थाम लेती,
गर हो जाऊं उदास तो माँ प्यार देती.
मेरे लिए वह करती अपनी खुशियां कुर्बान,
गम के सैलाब में भी बिखेरती है मुस्कान.
वो सिमटी थी घर तक रखती थी सब का मान,
हर कमी को पूरा करने में जिसने लगा रखी है जान.
वजूद माँ का और माँ की पहचान,
रखना माँ के लिए सदा ह्रदय में सम्मान.
(13) बहुत याद आती है माँ Sad Poem on Maa in Hindi
बहुत याद आती है माँ,
मैं हूं कौन बताया था माँ ने.
मुझे पहला कलमा पढ़ाया था माँ ने.
वो यह चाहती थी कि मै सिख जाऊ.
वो हाथो से खिलाती थी मुझ को,
कभी लोरिया भी सुनाती थी मुझ को.
वह नन्हे से पैर चलाती थी मुझको,
कभी दूर जाकर बुलाती थी मुझको.
मेरा लड़खड़ाकर पहलू में गिरना,
उठाकर गले से लगाती थी मुझको.
कि चलना सिखाती है माँ,
बहुत याद आती है माँ.
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माँ पर यह सब कविता बहुत पसंद है, मैं अपनी माँ के लिए यह सब लिखूंगा, आपके समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद /
Happy Mothers Day
क्योंकी दुनिया की किसी भी कलम में इतनी ताकत नहीं है की वह माँ को परिभाषित कर दे. माँ पवित्रता, त्याग, ममता, प्यार की वो मूर्त है जिसका कर्ज कभी चुकाया नहीं जा सकता है. एक माँ ही जो सबका ख्याल रखती है.
Jannat ka har lamha dirar kiya tha,
God main uthakar jab maa ne pyar kiya tha ,
Sab Kah rhe the ki aaj ka din maa ka hai,
Vo kon sa din hai jo maa ke bin hai,
Sanata chha gya bantvare ke kisse main ,
Jab maa ne puchha main hoon kis ke hisse mein ,
Ek achchi maa har kisi ke pass hoti hai
Lekin ek achchi aulad har maa ke pass nhi hoti,
Jha mangne par puri har mannat hoti hai,
Maa ke pairon mein hi sari jannat hoti hai 😋 😍
बहुत सुन्दर कबिता है पढ़कर दिल खुश हो गया।
बहुत बहुत धन्यवाद जी
माँ नाम है बहुत ही छोटा
लेकिन वह ही है धरती से भी बड़ी,
चलना हमे सीखते है माँ
मंज़िल हमे दिखाति है माँ
सबसे मीठा बोल है माँ
दुनिया में अनमोल है माँ
माँ ही हमे डांटती है
भा ही हमे प्यार करती है
माँ ही है हमारे सब कुछ
माँ से आगे कोई नहीं है ।
बहुत अच्छा लिखा है आप ने Tannistha Pramanik
aapne last 3rd line main first ward ma ki jagha bha ligha hai it good
Poet k naam b likho yaar
Sofiya shaik ji name likhe huye hai aap dhyan se padhe
Mujhe bahut acchi lagi ankon me asu as gaya
Vanshika ji parsnsha karne ke liye aap ka bahut bahut dhanyawad, aise hi hindi yatra par aate rahe.
Thank you for your poems
I have completed my assignment with the help of Hindi yatra
Thank you harshad ji
Thank u 😁n nice poems 🥰❤️❤️
Thank you jyoti ji, keep visiting hindiyatra
मां
ममता की देवी है मां,
हर रूप में अवतरण लेती है मां।
जगत की जगजननी है मां,
हर मुश्किलों से बचाती है मां।
जीवन का मूल मंत्र है मां,
हर इंसान को जीना सिखाती है मां।
बच्चो को जन्म देती है मां,
उफ़ किए बिना पाल पोसती है मां।
ईश्वर का स्वरूप है मां,
जीवन का जीवंत उदाहरण है मां।
संसार की गरिमा है मां,
सुखी जीवन की पराकष्ठा है मां।
गौरव झा aap ne bahut acchi kavita likhi hai hum isse jald hi post me shamil krenge.
आप मुझे एक अच्छी सी कविता लिख कर भेज सकते है जल्दी से अभी । मेरी प्यारी मां ।जल्दी से भेजदो इस पर प्लीज़.
Nirupma जी हमने लिखी हुई है, आप यहाँ से कॉपी कर के अपनी माता जी को भेज सकती है
Meri maa Meri takdir hai.jannat ka sukun hai.maa Santi ka pratik h.sabd hai .arth hai.meri MAA Mamta ka allokik drish hai
Jaya shukla ji aap ne bahut hi accha likha hai, aise hi hindi yatra par aate rahe
बेहद खूसूरती के साथ आपने maa की भावो को प्रदर्शित किया है।🙏
प्रशंसा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सुमित कुंवर जी
बहुत याद आती माँ की
शांतिलाल मीणा जी आप की वेदना को हम समझ सकते है, इसलिए हमें माँ बाप का हमेशा ख्याल रखना चाहिए
Kya main aapke kavita apne youtube channel par bol sakta hu Aapke website ka link dekar???
Saurav Pandey ji aap hamari kavita apne youtube chhanel par bol sakte ho
Thanku mera Hindi assignment ho gaya🙏
welcome Niraj and keep visiting hindiyatra
bahut sahe likha he
tejal raut sarahna ke liye aap ka bahut bahut Dhanyawad.
Very good comment
The mothers give birth to us .
Like India she gives birth everyone .
Jai Bharat
मँ तुमहे सलमा ममा तुमहे सलमा
जय भारत माता की
जय मँ
Welcome Divyansh Sharma for appreciation. जय भारत माता
मा आपको कोटि कोटि प्रणाम
Nice kavita maa ke liyelove you maa
Thank you Asmita for appreciation and keep visiting hindiyatra.
Aap ne bahut accha kavita likha hai
Thank 🙏💕you mera help karne ke liye
Sir
Thank 🙏💕you so much
😍😍😍😍😍🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Aamod kumar, hame bhut khushi hui ki aav ko maa par likhi gyi kavita pasand aayi or sarahna ke liye dhanyawad, aise hi website par aate rahe.
I love you so much maa
Second one is the best
Thank you Hardik for appreciation.
maa hai to sabkuch hai maa bin jeevan adhura
maa k liy jisney jiya uska sab kuch hua pura
maa .. sapno mey v duao mey v din k ujalo mey v
sirf aur sirf humarey liy hi sochti ,,, bhagwan to humney dekha nahi
is dunia mey bhagwan agar koi hai to uo hai MAA aur siry MAA MAA,MAA,MAA,MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA MAA
माँ 😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😞
धन्य है वो जिनके सिर पर माँ का हाथ है
बलवन्त जाखड़ जी आप ने सही कहा, वेबसाइट पर आने के लिए धन्यवाद.
मुझे भी बहुत अच्छा लगा पड कर…
भास्कर राव जी हमे बहुत खुशी हुई आप को हमारे द्वारा लिखी हुई कविता पसंद आयी, धन्यवाद
बहुत अच्छा I love this all Kavita on maa I will write all for my mom’s thanks a lot for ur support
Welcome Vamakshi Sharma and keep visiting our website.
ईश्वर की पवित्र परछाई है माॅं
आप ने सही बोला, आप की इस स्नेहशील प्रतिक्रिया के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद, Dr. Anil Junwal
Aaj mujhe Meri MAA ki bahut yaad aa Rahi hai…. kavita Bahut achha hai Mai padh ke Bahut bhawuk ho Gayi hu aansu nahin Tahar Rahe h…. thankyou… miss you MAA 😘
Reeta minz ji parsnsha karne ke liye aap ka bahut bahut dhanyawad, aise hi hindi yatra par aate rahe.
मा पर कविताओं को पढ़ा बहुत अच्छा लगा
मा की याद आगयी, आँखोंसे आँशु चालक आये
मा को स्वर्ग बास का बीश साल पूरा हो चुका है
इतनेदिनोमे कभी मा की याद नहीं आईथी
आप का बहुत बहुत आभारी हूँ में
आपको दिलसे धन्यबाद
सिबा प्रसाद जी आप की सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर आते रहे.
I like your collection of poems so much. Thank you sir.
Welcome Kunal, keep visiting our website
Hame khushi hai hai ki aap ko maa par kavita acchi lagi, aise hi website par aate rhe or hame protsahit karte rahe dhanyawad
maa kavita bahut achi hai bhai. thankyou