5+ दोस्ती पर कविता – Poem on Friendship in Hindi

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Poem on Friendship in Hindi : दोस्तों आज हमने दोस्ती पर कविताएं लिखी है क्योंकि दोस्त हमारे जीवन में एक अहम स्थान रखते हैं वे जब दूर हो जाते है तब जीवन सूना सूना लगने लग जाता है. यह ऐसा रिश्ता है जो हम खुद बनाते है. बचपन में यही दोस्त हमारे साथ खूब मस्ती करते है

और बड़े हो जाने पर ना जाने कहां खो जाते हैं तो उन्हीं को याद करते हुए हमने कुछ कविताएं लिखी हैं जो आपकी दोस्ती को और मजबूत कर देंगी.

poem on friendship in hindi

Get Some Best Poem for Your Best Friend in Hindi

Best Poem on Friendship in Hindi


(1)

वो दोस्त ना जाने कहां गुम हो गया
बचपन में जो मेरे संग खेला करता था,
जो बारिश में मेरे संग भीगा करता था।

ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जब मेरे संग गांव की गलियों में खूब खेला करता था,
जिसके संग जिंदगी जिया करते थे।

ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जिसको सब कुछ बता दिया करता था,
जिसके संग खूब हंसी ठिठोली किया करता था।

ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जिसके संग स्कूल जाया करता था,
जिसके संग खाना बांटा करता था।

ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जिसके संग गोलगप्पे खाया करता था,
जिसके संग मेला देखने जाया करता था।

ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जिसके संग बाजारों में घूमा करता था,
जिसके संग फिल्में देखा करता था।

ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जिसकी एक आवाज पर दिल झूम उठता था,
जिसके संग हर पल खुश रहता था।

ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जो दोस्ती निभाने का वादा करता था,
जो दोस्त नहीं भाई बोला करता था।

यह भी पढ़ें – दोस्ती शायरी – Dosti Shayari in Hindi

– नरेंद्र वर्मा

Hindi Poem on Dosti –  ‘Yaadon Ka Pitaara Kholu to’


(2)

मैं यादों का पिटारा खोलू तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते है।

मैं गांव की गलियों से गुजरू
पेड़ की छांव में बैठू तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते है।

वो हंसते मुस्कुराते दोस्त
ना जाने किस शहर में गुम हो गए,
कुछ दोस्त बहुत याद आते है।

कोई मैं में उलझा है तो कोई तू उलझा है
नहीं सुलझ रही है अब इस जीवन की गुत्थी,
अब दोस्त बहुत याद आते है।

जब मैं मनाता हूं कोई त्यौहार
तो हंसते गाते दोस्त नजर आते है,
लेकिन अब तो होली, दिवाली भी मिलना नहीं होता।

कोई पैसा कमाने में व्यस्त है
तो कोई परिवार चलाने में व्यस्त है
याद करता हूं पुराने दिन तो
कुछ दोस्त बहुत याद आते है।

इंस्पायर्ड बाय – डॉ हरिवंश राय बच्चन

Poem on Friendship in Hindi – ‘Kuch Pal Ki Baatein’


(3)

कुछ पल की बातें,
कैसे दोस्ती में बदल गई पता नहीं चला।

कुछ हंसाने कुछ तराने याद आते है,
तेरे साथ बिताए हुए सारे पल याद आते।

ए दोस्त मैं जब तेरे साथ होता था,
तो पता नहीं कब सुबह से शाम हो जाती थी।

अब हर पल ऐसा लगता है ए दोस्त,
जैसे समय रुक सा गया है।

राह में चलते चलते मंजिलें तो मिल गई,
लेकिन तेरी दोस्ती छूट गई।

बचपन में देखे गए ख्वाब सब पूरे हो गए,
लेकिन तेरे बिना सब अधूरे से लगते है।

ए मेरे दोस्त एक बार फिर लोट आ,
फिर से वो बचपन के पल जीते है।

– नरेंद्र वर्मा

Main Na Janu dost Tere Dur Ho Jane Ke Baad Poem in Hindi


(4)

मैं ना जानू दोस्त तेरे दूर हो जाने के बाद,
यह जिंदगी कैसे जंग बन गई है।

मैं ना जानू दोस्त तेरे जाने के बाद,
यह गांव की गलियां कैसे सुनी हो गई है।

मैंने जानू दोस्त तेरे जाने के बाद,
वो खेल का मैदान अब सुना लगता है।

मैं ना जानू दोस्त तेरे जाने के बाद,
कैसे फूल जैसी जिंदगी पत्थर बन गई है।

खुद को मनाने की कोशिश करता हूं बहुत,
लेकिन क्या करूं दिल है कि मानता ही नहीं।

मैं ना जानू दोस्त तेरी दूर हो जाने के बाद,
मेरे चेहरे की हंसी कहां गुम हो गई।

मैं ना जानू दोस्त तेरे जाने के बाद,
बाजारों की रौनक भी फीकी लगती है।

तू कब आएगा मेरे भाई मेरे दोस्त,
तेरे को हर दिन गले लगाने का मन करता है।

– नरेंद्र वर्मा

Poem on Friendship in Hindi – ‘Main Yaadon Ki Kitab Kholu to’


(5)

मैं यादों की किताब खोलू तो
कुछ हंसते गाते चेहरे नजर आते है,
गौर से देखा तो कुछ दोस्त पुराने याद आते है।

कुछ शहरों के गुलाम हो गए
तो कुछ सपनों के गुलाम हो गए।

यादें और गहरी हुई तो
गुलाल में रंगे कुछ चेहरे याद आते है,
गौर से देखा तो कुछ दोस्त पुराने याद आते है।

धूल को उड़ते और
बारिश की बूंदों को टपकते देखा तो,
कुछ दोस्त पुराने याद आते है।

यादों की किताब के कुछ पन्ने पलटे तो
खट्टे-मीठे बेर और स्कूल के दिन याद आ गए ,
कुछ दोस्त पुराने याद आते है।

– नरेंद्र वर्मा

“दोस्त शब्द का मतलब” हिंदी कविता 


(6)

मेरे जीवन के ये तीन अक्षर के शब्द,
मेरे दिल के सबसे करीब ये शब्द।

छोटी हो या बड़ी बात,
खुशी हो या गम की बात।

उससे शेयर किए बिना नही रहना,
उससे शोल्भ करवाए बिना नही रहना।

मेरे जीवन के सबसे अच्छे पल तब होते है,
जब हम तीनो दोस्त साथ होते है।

तब शुरू होती है हर एक बात,
एक को दो मिलकर चिढ़ाते है।

पुराने बातो को याद करके हंसते है,
और फिर खुद बोलते है क्या समय था यार,
क्या कहने उस पल के यार।

आज भी एक मैसेज का इंतजार रहता है बस,
फिर क्या सब काम छोड़कर टाइम पर तैयार रहना है बस।

कभी गुस्सा तो कभी खुशी वाला पल होता है,
जब भी हम लोग मिलते है,
तो कभी खट्टी तो कभी मिट्ठी बात होती है।

स्कूल वाली बातो से शुरू होती है बात,
और कोचिंग वाली बातो पर खत्म होती है बात।

कुछ भी सीक्रेट हो सबसे पहले दोस्तों को बताना,
किसी को कुछ बताओ या ना बताओ पर अपने दोस्तो को जरूर बताना।

क्या यार है मेरे, ये यारी कभी ना टूटे,
चाहे कुछ भी हो, पर ये यारी कभी ना छूटे।

जब दोस्त की कोई बात दूसरो से सुनने को मिलती है,
तो चेहरा उदास कर बोलना,
यार ये तुने ठीक नही किया,

आज से कट्टी है तुझ से,
फिर दुसरे ही पल गले लग कर सबकुछ भुला देना।

– रानी झा


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20 thoughts on “5+ दोस्ती पर कविता – Poem on Friendship in Hindi”

  1. Aap ke kavitaye bahut dil ko chu lene wali hai
    Aapne kaha ke hum apni poems yaha upload kar sakte hai
    Toh meri aapse yeh request hai ke is friendship day aap kripiya meri ek poem upload kare

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