North East West South in Hindi : दोस्तों आज हमने दिशाओं के नाम लिखे इस बारे में बताया है। दोस्तों सभी दिशाओं का नाम तो याद होता है लेकिन इंग्लिश में होने के कारण हम हिंदी में जब उन दिशाओं को बोलते है तो हम असमंजस में पड़ जाते हैं कि कौन सी दिशा का नाम क्या है और वह किस और पड़ती है ।
हम सभी को दिशा का ज्ञान आवश्यक होना चाहिए क्योंकि इससे हम कहीं पर भी दिशा का पता लगा सकते हैं और दूसरों को भी इस बारे में ध्यान दे सकते है।
विद्यार्थियों को यह स्कूल में अच्छी प्रकार से पढ़ाया जाता है लेकिन जब बड़े हो जाते हैं तब धीरे-धीरे दिशा का नाम भूलने लग जाते है।
आइए इस पोस्ट में हम जानते हैं कि दिशाएं कितनी होती हैं और उनके क्या नाम होते है –
विषय-सूची
दिशाओं का नाम हिंदी और अंग्रेजी में | North East West South in Hindi
अंग्रेजी नाम | उच्चारण | हिन्दी नाम |
East | ईस्ट | पूर्व, पूरब |
West | वेस्ट | पश्चिम |
North | नॉर्थ | उत्तर |
South | साउथ | दक्षिण |
North – East | नॉर्थ ईस्ट | उत्तर – पूर्व |
North – West | नॉर्थ वेस्ट | उत्तर – पश्चिम |
South – East | साउथ ईस्ट | दक्षिण – पूर्व |
South – West | साउथ वेस्ट | दक्षिण – पश्चिम |
Eastern | ईस्टर्न | पूर्वी, पूर्वीय |
Western | वेस्टर्न | पश्चिमी, पाश्चात्य |
Northern | नॉर्थर्न | उत्तरी, उत्तरीय |
Southern | साउथर्न | दक्षिणी |
Southerner | साउथर्नर | दक्षिणवासी |
Southernmost | साउथर्नमोस्ट | सुदूर दक्षिणी |
Left | लेफ्ट | बाएँ |
Right | राइट | दाएँ |
Up | अप | ऊपर |
Down | डाउन | नीचे |
पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण दिशा का पता लगाने का आसान तरीका –
पूर्व दिशा (East) – पूर्व दिशा में होती है जहां से सूर्य का उदय होता है इसलिए इस दिशा को पहचानना बहुत ही आसान होता है ।
पश्चिम दिशा (West) – पश्चिम दिशा जान सूर्य अस्त होता है वह होती है ।
दक्षिण दिशा (South)- सूर्य के पूर्व से उदय होने के बाद वह जिस दिशा से पश्चिम की ओर जाता है उस दिशा को दक्षिण दिशा कहते है ।
उत्तर दिशा (North) – जिस दिशा में सूर्य नहीं जाता है उस दिशा को उत्तर दिशा कहते है ।
वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशाओं का नाम –
भारत में दिशाओं का बहुत अधिक महत्व है पौराणिक काल में दिशाओं के अनुसार ही भवनों का निर्माण किया जाता था पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अगर दिशा के अनुसार भवन बनाया जाए तो वहां पर सुख समृद्धि और हमेशा पॉजिटिव वातावरण बना रहता है।
हिंदू धर्म को मानने वाले लोग आज भी घर बनाते समय दिशाओं का ध्यान रखते हैं और उसी के अनुसार अपनी रसोई, भवन का द्वार, पानी का कुंड, नहाने धोने का स्थान निर्धारित दिशा में ही बनाते है ।
- उत्तर-पूर्व (ईशान)
- दक्षिण-पूर्व (आग्नेय)
- दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य)
- उत्तर-पश्चिम (वायव्य)
क्रमिक दिशाएँ या इंटरकार्डिनल दिशाएँ –
इंटरकार्डिनल और कार्डिनल दिशा के प्रत्येक सेट की मध्यवर्ती दिशा को द्वितीयक इंटरकार्डिनल दिशा कहा जाता है।
- पश्चिम-उत्तर पश्चिम (प. उ. प.)
- उत्तर-उत्तर पश्चिम (उ. उ. प.)
- उत्तर-उत्तर पूर्व (उ. उ. पू.)
- पूर्व-उत्तर पूर्व (पू. उ. पू.)
- पूर्व-दक्षिण पूर्व (पू. द. पू.)
- दक्षिण-दक्षिण पूर्व (द. द. पू.)
- दक्षिण-दक्षिण पश्चिम (द. द. प.)
- पश्चिम-दक्षिण पश्चिम (प. द. प.)
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