गणेश जी की सूंड किस तरफ होनी चाहिए, दाईं या बाईं ?

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हिंदू त्योहारों में सबसे बड़ा त्योहार दीपावली आने वाला है। इस त्यौहार पर हम मां लक्ष्मी की मूर्ति के साथ-साथ हिंदुओं में प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश की भी मूर्ति घर में स्थापित करते है।

लेकिन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते समय Ganesh Ji Ki Sund Kis Taraf Honi Chahiye. गणेश जी की सूंड दाएं तरफ होनी चाहिए या फिर बाईं तरफ होनी चाहिए इसका हमें नहीं पता होता है।

भगवान गणेश की सूंड का दाएं और बाएं तरफ का होना अलग-अलग प्रकार के फल देता है। भगवान गणेश को सुख समृद्धि का देवता माना गया है और साथ ही यह कहा गया कि भगवान गणेश की जो भी पूजा करता है उनका हर कार्य सफल होता है।

इसलिए भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते समय यह ध्यान में रखना बहुत जरूरी है कि गणेश जी की सूंड दाएं तरफ होनी चाहिए.

Ganesh Ji Ki Sund Kis Taraf Honi Chahiye Diwali

Ganesh Ji Ki Sund Kis Taraf Honi Chahiye

भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति होती है बेहद शुभ

दीपावली के पर्व पर आप जब भी घर में भगवान श्री गणेश की  मूर्ति की स्थापना करें तो ध्यान दें कि उनकी सूंड बाई तरफ होनी चाहिए.  माना जाता है कि बाई तरफ सूंड वाली भगवान गणेश की मूर्ति घर में अगर स्थापित कर दी जाती है तो घर में सुख शांति बनी रहती है और नकारात्मकता दूर हो जाती है।

बाईं सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति की विशेषता

भगवान गणेश की बाई तरफ मुड़ी हुई सूंड वाली मूर्ति इड़ा नाड़ी और चंद्रमा से प्रभावित मानी जाती है।  यदि आप अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करना चाहते हैं तो बाईं तरफ मुड़ी हुई सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए।

इस प्रकार की मूर्ति की स्थापना घर में करने से स्थाई कार्यों की पूर्ति और शिक्षा, धन, व्यापार, प्रगति, संतान सुख, विवाह, रचनात्मक कार्य और पारिवारिक सुख प्राप्त होता है।

दाहिनी ओर मुड़ी हुई सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति की विशेषता

दाहिनी ओर मुड़ी हुई सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति दाहिना स्वर हमारी पिंगला नाड़ी का प्रतिनिधित्व करता है. जिस मूर्ति में सूंड दाहिनी ओर होती है उसे दक्षिणा मूर्ति कहा जाता है।

इस मूर्ति को घर में स्थापित करने से दायां स्वर जागृत होने का अर्थ है कि यह स्वर सूर्य की ऊर्जा से प्रभावित होता है. ज्यादातर मंदिरो में ही दाहिनी ओर मुड़ी हुई सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की जाती है.

ऐसी मूर्ति के की पूजा करने से बड़े से बड़े संकट दूर होते है और दिन ऊर्जावान बना रहता है. विजय प्राप्ति, विघ्न विनाश, उग्रता, शत्रु पराजय और शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए ऐसी मूर्ति की पूजा फलदायी मानी जाती है। 

सिद्धि विनायक मंदिर में दाईं ओर सूंड वाली मूर्त है. इसलिए आज भी यहां पर लोगों की आस्था बनी हुई है और आय आज शिखर पर है।

सीधी सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति की विशेषता

सीधी सूंड वाली मूर्ति सुषुम्रा स्वर वाली मानी जाती है, ज्यादातर संत लोगों सीधी सूंड वाली मूर्ति की पूजा की जाती है. इसकी पूजा रिद्धि-सिद्धि, कुंडलिनी जागरण, मोक्ष, समाधि आदि के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।

घर के मुख्य द्वार पर किस तरफ सूंड वाली गणेश जी की मूर्ति लगानी चाहिए

बाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी की मूर्तियां  या तस्वीर घर के मुख्य द्वार पर लगानी चाहिए। हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस शुभ माना गया है. बाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी विघ्नविनाशक कहलाते हैं।

इसलिए घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी की बाई तरफ सूंड वाली मूर्ति लगाई जाती है जिस घर में नकारात्मक ऊर्जा,  बलाएं, विपदाएं प्रवेश न कर सके और घर में हमेशा सुख शांति बनी रहे।

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