50+ देशभक्ति शायरी – Desh Bhakti Shayari in Hindi

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Desh Bhakti Shayari in Hindi : दोस्तों आज हमने देशभक्ति शायरी लिखी है, देशभक्ति हर देशवासी के दिल में होनी चाहिए, वर्तमान में लोग उन देशभक्तों को भूलते जा रहे है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपने आप को कुर्बान कर दिया था

और आजादी के बाद भी हमारे देश के बॉर्डर पर खड़े फौजी हमारी रक्षा करते है लेकिन हम उनके लिए कुछ भी नहीं करते है. अब तो ऐसे दिन आ गए हैं कि 26 जनवरी और 15 अगस्त को लोग छुट्टी का दिन मानने लगे है और पिकनिक मनाने चले जाते है.

हमें उन लोगों को बताना होगा कि हमारे लिए 26 जनवरी और 15 अगस्त कितना महत्व रखते है. इसीलिए हमने लोगों में जोश और उत्साह बढ़ाने के लिए देश भक्ति पर शायरी लिखी है.

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Get Some Latest Desh Bhakti Shayari in Hindi For All indian.

Best Desh Bhakti Shayari in Hindi


(1)

ना दे दौलत, ना दे शोहरत कोई शिकवा नहीं
बस भारत मां की संतान बना देना,
हो जाऊं शहीद तो बस तिरंगे में लिपटा देना।

(2)

हम वतन के सिपाही है
तन मन धन सब देश के नाम लिख जाएंगे
जान तो क्या रूह भी देश के नाम कर जाएंगे।

(3)

कि आ गया है वक्त अब वतन ए फिजा बदलो यारों
कुछ तो होश करो यूं ना खामोश रहो यारों ।

(4)

कोम को कबीलों में मत बाटिए,
लम्बे सफर को मीलो में मत बाटिए
ये बहता दरिया है मेरा भारत देश
इससे नदियों और झीलों में मत बाटिए।

(5)

खूब बहती है गंगा बहने दो
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो
लाल हरे में मत बांटो मुझको
छत पर मेरे एक तिरंगा रहने दो।

(6)

आरजू बस यही है
दम निकले तो तेरी बन्दगी में
जय हिंद का नारा हो,
तिरंगा कफ़न हमारा हो।

(7)

watan shayari

आरजू बस यही है
मेरी हर सांस देश के नाम हो
जो सिर उठे तो मेरे सामने तिरंगा हो
जो सिर झुके तो वतन को प्रणाम हो।

(8)

चिराग जलते है तो जलने दो
आसमां रोशन होता है होने दो
बंद करो हिन्दू मुस्लिम को बाटने का धंधा
अब हमे मिलजुलकर एक तिरंगे के नीचे रहने दो।

(9)

अब तो मरना जीना बस तिरंगे के नाम होगा,
अगला जन्म लिया तो मेरा देश हिंदुस्तान ही होगा।

(10)

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मेरा दिल मेरी धड़कन मेरी जान हो तुम
अब तो मेरे वजूद की पहचान हो तुम
ए मेरे भारत देश महान हो तुम महान हो तुम।

(11)

देश भक्ति जिसमें हो बस वो एक दिल साज है,
देश भक्ति जिसमें नहीं वो जिंदगी बेकार है।

(12)

ये तीन रंग का झंडा हमारी शान है,
इसी में पूरा हिंदुस्तान है।

(13)

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आजादी की कभी शाम ना होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी कभी बदनाम ना होने देंगे,
बची है रगो में एक बूंद भी लहू की
तब तक भारत माता का आंचल नीलाम ना होने देंगे।

(14)

ना हिंदुओं से ना मुसलमानों से ना सीखो से ना ईसाइयों से,
इस मुल्क को तकलीफ है गद्दार और बेईमानों से।

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(15)

जिन्हें हम हार समझ बैठे थे गला अपना सजाने को,
वहीं अब नाग पर बैठे हमी को काट खाने को।

(16)

आन बान और शान मेरे देश की ये फौजी नौजवान है,
तीन रंगों से सजा तिरंगा यही हमारी पहचान है।

(17)

तन अनेक पर एक प्राण स्वर अनेक पर एक गान,
हम कण कण पर छा जाएंगे बन कर भारत का स्वाभिमान।

(18)

तूफान कभी शांत नहीं होते
आंधियों से जो डर जाए वो मुकाम नहीं होते
जो देश के झंडे को सलाम नहीं करते
वो सच्चे इंसान नहीं होते।

(19)

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देश भक्ति जिसमें हो बस वो एक दिल साज है
देश भक्ति जिसमें नहीं वो जिंदगी बेकार है।

(20)

मत देख लेना निगाह उठा कर
मेरे वतन की तरफ वरना
वक्त भी तुम्हारा होगा
जगह भी तुम्हारी होगी
बस तिरंगा हमारा होगा।

(21)

फहराए तिरंगा अंबर में
मां का धानी परिधान रहे
जब तक चमके सूरज चंदा
ये मेरा प्यारा हिन्दुस्तान रहे।

(22)

जुनून नहीं इश्क हो तुम मेरा
तिरंगा नहीं शान हो तुम मेरी
मां नहीं जान हो तुम मेरी।

(23)

मन मेरे खुद को मग्न कर ले,
अमर शहीदों को नमन कर ले।

(24)

ए वीरों जोश ना ठंडा हो पाए कदम मिलकर चल,
माँ कसम मंजिल तेरे कदम चूमेगी आज नही तो कल।

(25)

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सलाम है तिरंगे को जिसमें मेरे देश की शान है,
ऊंचा रहेगा तिरंगा जब तक मेरे कतरे कतरे में जान है।

(26)

जब तक सांसे चले भारत मां तुझे प्रणाम करूं,
अगर हो जाऊं शहीद तो
तिरंगे में लिपटकर तेरा गुणगान करूं।

(27)

दुश्मन की औकात नहीं थी
ये तो देश के गद्दारों ने ही खंजर घोपा है
दुश्मन को बाद में पहले गद्दारों को मिटाना है।

(28)

लिख रहा हूं मैं अंजाम
जिसका कल आगाज आएगा
मेरे लहू का हर एक कतरा
इंकलाब लाएगा।

(29)

वीरों ने बलिदान दिया था हिन्दुस्तान बनाने को
तुमने हिन्दू-मुस्लिम बना दिया
छोड़ो ये मजहबी झगड़े, आओ सब मिलकर
फिर नया हिन्दुस्तान बना दे।

Desh Bhakti Status In Hindi

(30)

दुश्मन सुन ले हम क्षमा करना जानते है
तो हम लहू बहाना भी जानते है
अगर कि फिर से हिमाकत मेरे देश की
तरफ देखने की तो तेरा नाम ओ निशान मिटा देंगे।

(31)

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तन मन धन अर्पित कर दो अभिनव अभियान को
वंदन कर लो अमर शहीदों के खूनी बलिदान को
हिम शिखरों से ऊंची कर दो हिंदुस्तानी शान को
और वक्त पड़े तो मस्तक दे दो भारत स्वाभिमान को।

(32)

तिरंगा ही मेरा स्वाभिमान है
नहीं होने दूंगा तुझे नीलाम
जब तक मेरे शरीर में जान है।

(33)

कैसे छोड़ दूं मोहब्बत करना
मेरा देश ही मेरी जान है
इस पर मेरा हर कतरा कुर्बान है।

(34)

हर पत्ते पर तेरा नाम लिख दूंगा
जो आंख उठेगी तेरी तरफ
वो हर एक आंख को बंद कर दूंगा
देश के खातिर अपने आप को कुर्बान कर दूंगा।

(35)

बस अब एक ही तमन्ना है
दम निकले तो भारत मां के चरणों में निकले
कफन लिपटे तो तिरंगा ही लिपटे।

(36)

सीने में जुनून दिल में हिंदुस्तान रखता हूं
देखकर दुश्मन की सांसे थम जाए
आंखों में ऐसी जवाला रखता हूं।

(37)

एक पल में जो आकर गुजर जाता है ये वो हवा का झोंका नहीं
ये वो तूफान है जो दुश्मन को मारे बिना सोता नहीं।

(38)

mujhe chinta nhi moksh paaneki bas tirnga kafan ho

मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा बस मैं यही अरमान रखता हूं।

(39)

अगर मोहब्बत करनी है तो तिरंगे से करो,
ये धोखा नहीं देता है मरने पर भी साथ लिपटकर चला आता है।

(40)

हम वो वीर नौजवान है
जो भारत मां की तरफ आंख उठाने वाले का
जहानुम तक पीछा नहीं छोड़ते।

(41)

हमें हथियार उठाने पर मजबूर मत करना,
वरना बंदूक हमारी होगी और निशाना तुम्हारा सर होगा।

(42)

मेरे देश के वीरो को ललकार ने की कोशिश मत करो,
ए दुश्मनों, वरना नाश नहीं सर्वनाश होगा।

(43)

जब भारत मां मुझे पुकारती है
तो इस कदर दीवाना हो जाता हूं
कि मौत भी पास आए तो गले लगा लेता हूं।

(44)

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जन्नत से बढकर वतन कर ले
जय हिंद जय हिंद, वंदेमातरम्
अमर शहीदों को नमन कर ले।

Desh Bhakti Shayari

(45)

जिसके कदमों में झुका सारा जहां है,
वो मेरा प्यारा हिंदुस्तान है।

(46)

आज फिर कयामत होगी
महफिल तुम्हारी होगी दोस्त भी तुम्हारे होंगे
बस चर्चे हमारे हिंदुस्तान के होंगे।

(47)

दुश्मन क्या मारे इतनी उसकी औकात नहीं,
हम तो अपनो की ही साजिश के शिकार है।

(48)

नशा है मुझे मातृभूमि की शान का
क्यों करूं मैं किसी और की इबादत
मेरा तो वतन ही मेरा खुदा है।

(49)

ना पूछो मुझसे मैं कौन हूं क्या हूं
हमारी तो पहचान बस इतनी है
कि मैं भारत मां का लाल हूं।

(50)

खुशबू मेरे वतन की सांसो में इस तरह घुल गई है
कि जब भी कुछ बोलता हूं और सोचता हूं
तो जय हिंद, वंदेमातरम ही याद आता है।

(51)

आखरी तमन्ना है मेरी कि
मातृभूमि की रगो में ऐसे उतर जाऊं
जैसे बादल से पानी बन बरस जाऊं।

(52)

आज आसमान भी बहुत रोया है
किसी गद्दार की वजह से
मेरे देश ने एक फौजी खोया है।


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