Anopcharik Patra in Hindi – अनौपचारिक पत्र लेखन

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Anopcharik Patra in Hindi : दोस्तों आज हमने अनौपचारिक पत्र लिखे है। पत्र लेखन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग है इनके द्वारा हम अपने परिचितों और अन्य व्यवहारिक कामों के लिए एक दूसरे से संवाद करने के लिए उपयोग में लेते है।

पत्र लेखन का एक महत्वपूर्ण प्रकार अनौपचारिक पत्र है। अनौपचारिक को पारिवारिक पत्र भी कहा जाता है क्योंकि इनके माध्यम से हम अपनी संवेदना, आभार, कृतज्ञता इत्यादि व्यक्त करते है।

Anopcharik Patra in Hindi

New Anopcharik Patra in Hindi for 5,6,7,8,9,10,11,12 Class student

All Type Anopcharik Patra / Informal Letter in Hindi


अनौपचारिक पत्र की परिभाषा –

भाई, बहन, चाचा, दादा, मित्रों रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों और सगे-संबंधियों को लिखे जाने वाले पत्र अनौपचारिक पत्र कहलाते है।

अनौपचारिक पत्र की महत्वपूर्ण बातें –

  • इसमें व्यक्तिगत सुख-दुख और अनुभव का विवरण होता है।
  • इसमें तथ्यों के साथ साथ आत्मिक भावों को भी महत्व दिया जाता है।
  • यह पत्र प्रेम भाव और विचार विमर्श के लिए भी लिखा जाता है।
  • इसकी भाषा शैली अनौपचारिक होती है।

अनौपचारिक पत्र के तीन भाग होते है –

पहला भाग – प्रथम भाग पत्र के सबसे ऊपर बाई तरफ लिखा जाता है, इसमें पत्र लिखने वाले का पता, तिथि और पत्र-प्रापक के लिए उचित संबोधन तथा अभिवादन होता है।

दूसरा भाग – दूसरा भाग पत्र का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है इसके अंदर पत्र लिखने का विषय मुख्य संदेश और इत्यादि विचार विमर्श की बातें लिखी जाती है।

तीसरा भाग – यह अनौपचारिक पत्र का अंतिम भाग होता है इसमें पत्र लिखने वाले का नाम और हस्ताक्षर होते है।

अनौपचारिक पत्र के संबोधन के प्रकार –

पूज्य – पिता जी, माता जी, गुरु जी इत्यादि।
आदरणीय – चाचा जी, मामा जी, भाई साहब, दीदी, भाभी जी इत्यादि।
श्रद्धेय – चाचा जी गुरुवर इत्यादि।
प्रिय – भाई, बहन, मित्र इत्यादि।

अभिवादन और समापन के प्रकार –

संबंध अभिवादन समापन
बड़ों कोप्रणाम, सादर प्रणाम, चरण स्पर्शआज्ञाकारी, स्नेह-पात्र, कृपया-पात्र, स्नेहकाक्षी
बराबर वालों कोसप्रेम, नमस्ते, नमस्कार तुम्हारा हितेषी, अभिन्न,  स्नेही,  शुभाकाक्षी
छोटो कोसुखी रहो, प्रसन्न रहो, शुभाशीर्वाद, शुभाशीषतुम्हारा, शुभचिंतक, शुभाकाक्षी, शुभेच्छु

Anopcharik Patra Format in Hindi


अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए तथा उसकी पढ़ाई के बारे में जानकारी मांगिए

विजय नगर, सेक्टर – 12, (पत्र भेजने का पता)
इंद्रा कॉलोनी, दिल्ली

मार्च 15, 20… (पत्र भजने की दिनांक)

प्रिय गौरव, (संबोधन)

चिरंजीवी रहो (अभिवादन)

तुम्हारा पत्र मिला तुमने अर्थ वार्षिक परीक्षा में जो अंक प्राप्त किए हैं वह संतोषजनक नहीं है। अब वार्षिक परीक्षा निकट आ रही है। तुम अपनी पढ़ाई के विषय में पूर्ण जानकारी दो।

प्रत्येक विषय में तुम्हारी क्या स्थिति है? कितने अंक पाने की संभावना है, पूरा विवरण दो। पत्र का उत्तर शीघ्र देना। (मुख्य संदेश)

(समापन) तुम्हारा बड़ा भाई

(पत्र भेजने वाले का नाम) बलराम त्रिपाठी

चाचाजी को पत्र लिखकर उनके द्वारा आपके जन्म-दिवस पर भेजे गए ऊपहार के लिए कृतज्ञता व्यक्त कीजिए।


ललित
न्यू इंडियन पब्लिक स्कूल
सेक्टर – 12, इंद्रा कॉलोनी,
दिल्ली

मार्च 15, 2020

पूज्य चाचाजी

सादर चरण-स्पर्श !
आपके द्वारा भेजा गया बधाई-पत्र तथा हाथ-घड़ी का उपहार प्राप्त हुआ। उपहार पाकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई। यह प्यारी-सी घड़ी मुझे बहुत अच्छी लगी।

सच कहूँ, मैं सोचता था कि काश ! मुझे मेरे जन्म दिवस पर कोई घड़ी दे दे। आपने न जाने कैसे मेरी यह इच्छा पढ़ ली आपका दिया हुआ उपहार मुझे मेरे अध्ययन में बहुत सहायता देगा इसकी टिक टिक मुझे प्रतिपल बीतते हुए समय की याद दिलाएगी।

इसकी सहायता से मैं समय का और अधिक अच्छा और नियमित उपयोग कर सकूंगा इस हार के लिए एक बार पुनः धन्यवाद !

आदरणीय चाचीजी को सादर नमस्कार तथा टिंकु, पिंकी को स्नेह !

भवदीय
ललित

बारहवीं के बाद कोर्स चुनने संबंधी सलाह देने का आग्रह करते हुए अपने बड़े भाई को पत्र।


परीक्षा भवन

नई दिल्‍ली-0005
दिनांक- 8 मई 2020

आदरणीय भाई साहब

सादर चरण स्पर्श!

मेरी बारहवीं की परीक्षाएँ समाप्त हो गई हैं। इस मास के अंत में परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। मुझे इन परीक्षाओं
में अच्छे अंक मिलने की उम्मीद है।

भैया, जैसा कि आप जानते हैं, मैंने कला विषय में बारहवीं की परीक्षाएँ दी हैं और मेरा पसंदीदा विषय हिंदी एवं इतिहास है। मैं आपसे सलाह लेना चाहता हूँ कि मुझे कॉलेज स्तर पर किस कोर्स अथवा विषय का चुनाव करना चाहिए।

मेरे कई मित्र इतिहास (आनर्स) विषय में ज़्यादा रुचि दिखा रहे हैं। क्या मुझे भी इसी विषय का चयन करना चाहिए।

आप यह भी जानते हैं कि मेरा सपना भविष्य में बेहतर नौकरी करने का है इसलिए आप मुझे खिलाने की में स्नातक स्तर पर कौन-कौन सा कोर्स अथवा विषय का चुनाव करूं जो आगे कि मेरी प्रतियोगी परीक्षाओं में उपयोगी हो।

माता जी पिता जी को प्रणाम!

आपके पत्र के इंतजार में

आपका सुमित

अपनी भूल के लिए क्षमा याचना करते हुए अपने पिताजी को पत्र लिखिए


विशाल नगर, जयपुर

18.02.20…

आदरणीय पिताजी,

सादर चरण स्पर्श

कल ही आपका पत्र प्राप्त हुआ, आपने प्रश्न किया है कि वार्षिक परीक्षा में मेरे इतने कम अंक आने का क्या कारण है परीक्षा उपयोगी कम वस्तु प्राप्त होने के कारण तथा गलत दोस्तों की संगति से मुझे कम अंक मिले हैं आपके पति ने मुझे सचेत कर दिया है।

कृपया मेरी इस गलती के लिए मुझे क्षमा कीजिए आशा, आप मुझे क्षमा कर देंगे। मैं उन्हें आपको वचन देता हूं कि इस बार परीक्षा में में शानदार सफलता प्राप्त करूंगा।

आपका आज्ञाकारी पुत्र

अमित गुप्ता

VI B

छोटी बहन को पत्र लिखकर समय के सदपयोग की सलाह दीजिए।


परीक्षा भवन,

क. ख. ग. नगर

16.7.20….

प्रिय नेहा,

ढेर सारा प्यार!

आशा है तुम सकुशल होगी। छात्रावास में भी तुम्हारा मन लग गया होगा। अब तक तुम्हारी दिनचर्या भी नियमित हो गई होगी। प्रिय नेहा, तुम सौभाग्यशाली हो कि तुमने एक अच्छे विद्यालय व छात्रावास में प्रवेश लिया है। तुम्हें स्वतंत्र रहकर अपना जीवन स्वयं बनाना है।

बड़ी बहन होने के नाते मैं तुम्हें यह कहना चाहती हूँ कि वहाँ रहकर तुम समय का सदपयोग करना। ऐसी दिनचर्या बनाना जिसमें अपने अध्ययन को अधिक समय दे सको।

तुम्हें पता है, ‘समय और लहरे किसी की प्रतीक्षा नहीं करतीं। यदि हम दिनचर्या का पालन नहीं करेंगे तो पछताने का भी अवसर मिलेगा। निष्ठापूर्वक पालन करने से ऐसा हो हो नहीं सकता कि सफलता न मिले. इसलिए वर्ष का एक-एक अध्यन में लगाना।

मम्मी और पापा की और से आर्शीवाद।

तुम्हारी बहन,
प्रीति

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13 thoughts on “Anopcharik Patra in Hindi – अनौपचारिक पत्र लेखन”

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