Mera Priya Mitra Essay in Hindi – मेरा प्रिय मित्र पर निबंध

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दोस्तो आज हमने Mera Priya Mitra Essay in Hindi लिखा है मेरा प्रिय मित्र पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है। इस निबंध की सहायता से स्कूल के सभी विद्यार्थी  मेरे प्रिय मित्र पर एक अच्छा निबंध लिख सकते हैं जिससे वे परीक्षा में अच्छे अंको से उत्तीर्ण हो सकते है। हमने यह निबंध सरल भाषा में लिखा है।

जिससे कि विद्यार्थियों को इस निबंध को समझने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। मेरे प्रिय मित्र पर निबंध को हमने हर कक्षा के हिसाब से अलग-अलग भागों में  बांटकर लिखा है।

Mera Priya Mitra Essay in Hindi For Class 1,2,3


मेरे प्रिय मित्र का नाम विशाल है। मैं और मेरा मित्र आदर्श विद्या मंदिर नाम के विद्यालय में एक साथ पढ़ने जाते है। विशाल अपने नाम की तरह ही बहुत बड़े दिल का मित्र है वह सदा खुश रहता है

Mera Priya Mitra Essay in Hindi

और मुझे भी खुश रखता है। हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते है। मेरा मित्र विशाल स्वभाव का बहुत ही अच्छा है। हम दोनों विद्यालय में एक साथ खाना खाते हैं और एक दूसरे के साथ खाना बांटते भी है।

विशाल पढ़ाई में भी बहुत होशियार है वह हर बार अव्वल नंबर से पास होता है पहले मैं पढ़ाई में बहुत कमजोर था लेकिन जब से विशाल और मेरी गहरी दोस्ती हुई है तब से मैं भी हर बार अव्वल नंबर से पास होता हूं।

मेरा मित्र कभी कभी मेरे घर भी आता है और मेरी माता पिता उसे बहुत पसंद करते है। विशाल के पिताजी अध्यापक हैं और माताजी गृहणी है।

Mera Priya Mitra Essay in Hindi For Class 4,5,6


मेरे बहुत से अच्छे मित्र हैं लेकिन सबसे अच्छा मित्र अमित है। अमित मेरे घर के पास ही रहता है। अमित एक गरीब परिवार से है लेकिन बहुत ही होनहार एवं ईमानदार है।

वह सदा बड़ों का आदर करता है। उसकी सबसे अच्छी आदत यह है कि वह शाम को जल्दी सोता है और सुबह जल्दी उठकर हम दोनों साथ में सैर करने जाते है।

वह मुझे हमेशा नई नई कहानियां सुनाता है और मैं भी उसे हटाने के लिए चुटकुले सुनाता हूं। हमारी बचपन से ही अच्छी दोस्ती है अगर कभी मुझसे गलती भी हो जाती है तो वह मुझे माफ कर देता है।

अमित के पिताजी फल बेचते है वह कभी-कभी मेरे लिए केले और सेव भी लेकर आता है जिनको खाकर बड़ा आनंद आता है। अमित की माताजी घर पर रहकर कपड़ों की बुनाई करती है।

वह हमेशा मुस्कुराता रहता है जिसके कारण जो भी उसे देखता है वह खुश हो जाता है। जब भी मैं किसी मुसीबत में होता हूं तो वह सदा मेरे साथ खड़ा होता है और मेरा साथ निभाता है।

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हम दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ने जाते है। हम दोनों विद्यालय में जाते ही सबसे पहले गुरुजनों को प्रणाम करते हैं और फिर कक्षा में जाते है।

अमित पढ़ने में बहुत होशियार है वह हर बार कक्षा में प्रथम आता है। अमित इतना अच्छा लड़का है कि कभी-कभी हमारे विद्यालय के अध्यापक भी उसकी तारीफ करते है।

जब भी मैं निराश होता हूं तो वह मुझे हौसला देता है और कभी न हारने की सलाह देता है। हम दोनों विद्यालय से आने के बाद शाम को एक साथ क्रिकेट खेलते है। अमित समय का बड़ा पाबंद है वह कभी भी समय का दुरुपयोग नहीं करता है।

Mera Priya Mitra Essay in Hindi For Class 7,8,9


मेरे अधिक मित्र नहीं है लेकिन जो भी हैं वह अच्छे मित्र हैं लेकिन मेरा सबसे अच्छा मित्र अनिल है। अनिल स्वभाव का थोड़ा चंचल है लेकिन उतना ही होशियार और ईमानदार भी है। हम दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ते हैं इसलिए एक दिन उसने मेरी मुसीबत में मदद की थी उसके बाद से हम गहरे मित्र बन गए।

अनिल की सोच बहुत अच्छी है वह सभी के बारे में अच्छा ही सोचता है। वह कभी झूठ नहीं बोलता और हमेशा सत्य का साथ देता है उसे झूठ से सख्त नफरत है। वह अपने दादाजी से शिक्षाप्रद कहानियां सुनकर मुझे सुनाता है जिनसे मुझे भी शिक्षा मिलती है।

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वह सभी बड़े लोगों और गुरुजनों का हमेशा आदर करता है और उनसे विनम्रता से बात करता है। अनिल के पिताजी एक वकील है और अनिल भी बड़ा होकर वकील ही बनना चाहता है। उनकी माता जी गृहणी है जब भी मैं उनके घर पर जाता हूं तो वह मुझे बहुत स्नेह देती है।

अनिल की एक छोटी बहन है वह कक्षा 3 में पढ़ती है। वह मेरी बहन जैसी ही है और मैं उसे बहुत प्यार करता हूं। वह मुझे हर रक्षाबंधन पर राखी भी बांधती है।

मेरा प्रिय मित्र अनिल बहुत सहनशील है वह हर मुसीबत का डटकर सामना करता है। मैं हमेशा बड़ों की आज्ञा का पालन करता है। वह विद्यालय में हर बार कक्षा में प्रथम आता है वह पढ़ाई में होशियार होने के साथ-साथ उसकी रूचि खेलने में भी बहुत है।

वह बैडमिंटन खेल सबसे अच्छा खेलता है और हर बार विद्यालय की तरफ से खेलने जाता है और गोल्ड मेडल जीतकर लाता है। उसे विद्यालय में सभी विद्यार्थी पसंद करते है और हमारे गुरुजन भी उसकी प्रतिभा का लोहा मानते है।

हमारा अगर कभी झगड़ा होता है तो वह हमेशा मुझे माफ कर देता है हम रोज सुबह जल्दी उठ करें टहलने जाते हैं जिससे हमारा स्वास्थ्य सही रहता है और शरीर में चुस्ती स्फूर्ति बनी रहती है। अनिल विनम्र और सरल स्वभाव का है।

अनिल हमेशा दूसरों की मदद करता है एक दिन उसने एक बूढ़े व्यक्ति को सड़क पार कराई। वह हमेशा दूसरों की खुशियों के बारे में सोचता है। वह हमेशा सकारात्मक बातें ही करता है।

मैं जब भी मेरे घर आता है तो सभी को हंसा हंसा कर लोटपोट कर देता है उसके आते ही सबके वह पर अपने आप ही मुस्कान आ जाती है। वह इतना गुणी है फिर भी किसी बात का घमंड नहीं करता है।

Mera Priya Mitra Essay in Hindi For Class 10,11,12


मेरा सबसे प्रिय और सच्चा मित्र रवि है। रवि बहुत ही सरल स्वभाव का है रवि हमेशा बड़ों का आदर करता है और उनसे विनम्रता से बात करता है मैंने उसे कभी भी किसी से ऊंची आवाज में बात करते नहीं सुना है। रवि और में एक ही विद्यालय में पढ़ते है और रोज भी पहले जाते हैं सबसे पहले हम विद्यालय में बनी मां सरस्वती के मंदिर में दर्शन करते हैं और फिर गुरुजनों को प्रणाम करते है।

रवि की भाषा शैली बहुत ही कमाल की है वह सभी से इतने अच्छे से बात करता है कि सभी मुझे प्यार करते है। उसकी सोच सबसे अलग है वह सभी की मदद करता है वह कभी किसी से घृणा नहीं करता है जबकि मैं पहले घृणा करता था लेकिन अब रवि के साथ रहने के कारण मेरी आदत भी बदल गई है।

रवि के पिताजी शहर के बड़े अस्पताल में डॉक्टर है वे बहुत ही अच्छे हैं जब भी मैं उनके घर जाता हूं तो वह मुझे बहुत प्यार करते है और कभी-कभी हमें बाजार में घुमाने भी ले जाते है। रवि की माता जी एक अध्यापिका है वह बहुत ही शांत एवं विनम्र महिला है। जब भी मैं रवि के घर जाता हूं तो वह हमेशा मुझे नाश्ता करवाती है और हमारी पढ़ाई लिखाई के बारे में भी पूछती है।

रवि के दादा-दादी भी उनके साथ रहते हैं वह हमेशा हमें शिक्षाप्रद कहानियां सुनाते हैं और हमें बहुत ही स्नेह भी करते है। रवि भी अपने दादा-दादी की बहुत सेवा करता है और उनकी हर एक आज्ञा का पालन करता है। रवि के दादा-दादी बहुत ही अच्छे स्वभाव के है। उनसे मिलकर मुझे ऐसा लगता है कि जैसे मैं अपने दादा-दादी से मिल रहा हूँ।

रवि भी बड़ा होकर अपने पिताजी की तरह ही एक बड़ा डॉक्टर बनना चाहता है। सभी हमेशा मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करता है एक दिन की बात है जब हम दोनों साथ में बाजार में जा रहे थे तब एक अंधा व्यक्ति सड़क पार नहीं कर पा रहा था तो उसने उनका हाथ पकड़कर सड़क पार कर आयी यह देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा।

रवि के दिल में हमेशा सभी के लिए प्यार रहता है वह हमेशा मेरी मदद करता है पहले मैं पढ़ाई में कमजोर था लेकिन जब से रवि मेरा मित्र बना है तब से मैं भी कक्षा में अव्वल नंबरों से पास होता हूं। विद्यालय में रवि को सब जानते हैं और उसकी प्रतिभा का लोहा भी मानते है।

रवि और मेरा घर एक ही मोहल्ले में है इसलिए हम सुबह जल्दी उठकर बगीचे में घूमने भी जाते हैं और विद्यालय से आने के बाद में हम सभी मित्र मिलकर खो खो भी खेलते है खो खो हमारा पसंदीदा खेल है। रवि हर बार कक्षा में प्रथम आता है रवि पढ़ाई में होशियार होने के साथ-साथ खेलों में भी रुचि रखता है।

रवि का पसंदीदा खेल शतरंज है जब भी शतरंज खेल का आयोजन होता है तो रवि हमेशा उस में हिस्सा लेता है और जीत कर आता है वह हमेशा विद्यालय का नाम रोशन करता है। वह हमेशा साफ सुथरे कपड़े पहनता है और हमने भारत के स्वस्थ अभियान में हिस्सा लेकर हमारे मोहल्ले की सफाई भी की थी इसके लिए हम सभी को मोहल्ले वासियों की तरफ से सम्मानित भी किया गया था।

रवि और मुझे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना बहुत अच्छा लगता है इसलिए हम हर साल विद्यालय के वार्षिक उत्सव में कविताएं सुनाते है पिछली बार मैंने सूरज पर और रवि ने चांद पर कविता सुनाई थी और लोग कविताएं सुनकर बहुत खुश होते हैं हमारे लिए तालियां बजाते हैं यह देख कर मुझे बहुत ही अच्छा लगता है।

रवि सभी के साथ मिलजुल कर रहता है वह कभी भी किसी को नीचा नहीं दिखाता है और किसी से झूठ भी नहीं बोलता है उसे झूठ बोलने वाले लोगों से सख्त नफरत रहती है। हम दोनों विद्यालय में एक साथ खाना खाते हैं और एक दूसरे के साथ बांटते है। हम दोनों कभी भी कोई बात एक दूसरे से नहीं छुपाते है।

वह सदा आत्मविश्वास से भरा रहता है वह नई शिक्षा ग्रहण करने के लिए बड़ा उत्सुक रहता है उसके मुंह पर एक अलग सा ही तेज है जिसके कारण सभी लोग उसे प्यार करते है। वह हमेशा निस्वार्थ भाव से सभी की सेवा करता है हमारी दोस्ती में भी कभी कोई स्वार्थ नहीं रहा है शायद इसीलिए हम इतने अच्छे दोस्त है।

वह मेरा सच्चा मित्र है क्योंकि उसने विपत्ति में भी मेरा साथ नहीं छोड़ा था एक बार की बात है मैं बहुत बीमार हो गया था जब जैसे ही उसको पता चला वह मेरी सेवा करने के लिए दौड़ा दौड़ा हॉस्पिटल आ गया फोन तो दिन तक लगातार मेरे साथ रहा जब तक कि मुझे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज नहीं कर दिया गया।

रवि को पेंटिंग का बहुत शौख है उसे जैसे ही समय मिलता है वह तरह तरह की पेंटिंग बनाता रहता है एक दिन हम बगीचे में बैठे थे तब उसने बगीचे की हुबहू पेंटिंग बना दी यह सचमुच बहुत ही अच्छी थी उसने वह पेंटिंग मेरे जन्मदिन पर मुझे भेट मैं दी थी।

मैं जब भी मेरे घर पर आता है तो सबसे पहले मेरे माता पिता जी चरण स्पर्श करता है और उनका आशीर्वाद लेता है इससे यह जाहिर होता है कि वह बड़ों का कितना सम्मान और आदर करता है। वह हमेशा मेरे माता पिता जी से उनकी तबीयत के बारे में पूछता हूं यह देख कर कभी-कभी तो मेरी आंखों में आंसू आ जाते है कि कोई इतना अच्छा कैसे हो सकता है।

वह हमेशा ही मेरी प्रेरणा रहा है उसी के कारण आज मेरी आदतों में इतना बड़ा बदलाव आया है वह नहीं होता तो शायद आज मैं इतना अच्छा नहीं हो पाता। वह सही मायनों में मेरा सबसे प्रिय मित्र है। वह अच्छा मित्र होने के साथ-साथ एक अच्छा भाई भी है। मुझे गर्व है कि मुझे रवि जैसा प्रिय मित्र मिला।

आप जीवन में भले ही कम मित्र बनाएं लेकिन मित्र कैसे बनाएं जो कभी भी किसी भी मुसीबत में आपका साथ नहीं छोड़ें।


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