5+ प्यार पर कविता – Love Poem in Hindi

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Love Poem in Hindi : दोस्तों आज हमने प्यार पर कविता लिखी है इन कविताओं के माध्यम से आप अपने प्यार का महत्व समझा सकते हैं अपनी भावनाओं को कविताओं के माध्यम से व्यक्त कर सकते है।

Love Poem in Hindi

Get Some Latest Poem on Love in Hindi.

Best Love Poem in Hindi


मुझे अपने हर दर्द का हमदर्द बना लो,
दिल में नहीं तो ख्यालों में बैठा लो,
सपनों में नहीं तो आंखों में सजा लो,
अपना एक सच्चा अहसास बना लो।।

मुझे कुछ इस तरह से अपना लो,
कि अपने दिल की धड़कन बना लो,
मुझे छुपा लो सारी दुनिया ऐसे,
कि अपना एक गहरा राज बना लो ।।

करो मुझसे मोहब्बत इतनी,
अपनी हर एक चाहत का अंजाम बना लो,
ढक लो मुझे अपनी जुल्फों इस तरह,
कि मुझे अपना संसार बना लो ।।

आप फूल बन जाओ मुझे भंवरा बना लो,
आप चांदनी बन जाओ मुझे चाँद बना लो,
रख दो अपना हाथ मेरे हाथों में इस तरह,
कि मुझे अपने जीवन का हमसफर बना लो ।

– नरेंद्र वर्मा

Acha Lagta Hai – Hindi Poetry About Love


शीर्षक – अच्छा लगता है

तेरा मुस्कुराना,
नजर ना मिलाना।
मेरा तेरे करीब जाना,
तेरा नजर यू झुकाना।
अच्छा लगता है ।।

मेरा तेरी गलियो से जाना,
तेरा दबे पांव चुपके से मुझे देख जाना,
अच्छा लगता है ।।

मेरा तेरे घर की गलियों से होकर जाना,
तेरा धीरे से खिड़की खोल कर मुझे देख जाना,
अच्छा लगता है ।।

तेरा हल्का सा ही सही पर मेरे बोलने पर काजल लगाना,
तेरा मेरे लिए मेहँदी लगाना,
अच्छा लगता है ।।

तेरा मेरे पास ना होना,
तेरी तस्वीर को देखकर तेरा अपने करीब होने का अहसास होना,
अच्छा लगता है ।।

तेरा मेरे लिए खाना लाना और
मेरे खाने से पहले तेरा चुपके से चख जाना.
अच्छा लगता है ।।

तुझे बिन बात के सताना,
तुझ से बिन बात के लड़ना,
हाँ, मुझे अच्छा लगता है ।।

– रानी झा

Kavita in Hindi for Love


तू इजाजत दे या न दे,
तेरी इबादत करता रहूंगा,
तू प्यार करे या ना करे,
मैं इजहार हर लम्हा करता रहूंगा।

तू मिले या ना मिले कोई शिकवा नहीं,
बस तेरी यादों में तुझसे मिलता रहूँगा,
दिल में ना बस सका मै तेरे,
पर तेरे ख्यालों में जरूर आऊंगा।

तू इजाजत दे या न दे,
तेरी यादों को ही सहारा बनाऊंगा,
तू परवाह करें या ना करें,
पर मैं आखरी सांस तक परवाह करता रहूंगा।

तू जिस्म की चाहत नहीं,
मेरी रूह की इबादत है,
जितने फासले है तेरे मेरे दरमियां,
उतनी ही शिद्दत से मोहब्बत करता रहूंगा।

तू इजाजत दे या न दे,
तेरी इबादत करता रहूंगा।

– नरेंद्र वर्मा

kehna to Bahut kuch Hai Tujh se – love Poetry


कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,
कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,
मगर कह कहाँ पाता हूँ,
सच है कि जीना है अब तेरे बग़ैर,
मगर एक पल भी रह नहीं पाता हूँ ।।।
कहना तो बहुत…………….

एक कोशिश रोज़ होती है तुझे भुलाने की,
मगर एक पल भी भुला कहाँ पाता हूँ,
देखता तो हूँ ख़्वाब हर रात,
मगर ख़ुद को सुला नहीं पाता हूँ ।।।
कहना तो बहुत…………….

लिये फिरता हूँ एक समन्दर इन आँखों में,
मगर रो लूँ जी भर ऐसा कहाँ कर पाता हूँ,
जीना ही मुमकिन कहाँ था तेरे बग़ैर,
मगर मज़बूर हूँ, मर भी नहीं पाता हूँ ।।।
कहना तो बहुत…………….

तू अगर देख पाती तो समझ जाती,
कि इस बेबसी को छुपा कहाँ पाता हूँ,
छलक जाता है दर्द कभी अल्फाज़ों से भी,
मगर मैं ख़ामोश भी रह नहीं पाता हूँ ।।।
कहना तो बहुत…………….

– गोरव मैथानी

Bepanah Pyar Hai Kavita


शीर्षक – बेपनाह प्यार है ।

जैसे राधा का श्याम से,
सीता का राम से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है ।।

जैसे भंवरे को फुलो से,
भगवान् को भक्तो से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है ।।

जैसे मीरा का कान्हा से,
जैसे शिव का पार्वती से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है ।।

जैसे सुर्य को किरण से ओंस को बुंद से।
जैसे बादल को बारिश से,
आंखो को काजल से,

जैसे नयनो का पलको से,
मांग का सिंदूर से,
जैसे पेन का स्याही से,
मुझे भी तुझसे बेपनाह प्यार है ।।

– रानी झा

Kuch Kah Rha Tha Wo – Hindi Love Poem


।।। कुछ कह रहा था वो ।।।

ध्यान से सुना जब उसको, तो कुछ कह रहा था वो,
याद करके अपनी वफ़ा को, शायद रो रहा था वो,
लगा यूँ कि वो कहता रहा अपने दिल के हर ज़ज़्बात को,
मैं तो जागता रहा उसकी दास्तां में, पर सो रहा था वो ।।
कुछ कह रहा था वो…………

उसने कहा हम बचपन से साथ थे, पर खो रहा था वो,
जो कुछ भी नहीं काट पाया था खुद, वही बो रहा था वो,
शायद अँधेरे ही हमारी किस्मत का उजाला थे हमेशा से,
जिन उजालों ने दी थी कालिख, उन्हीं उजालों को धो रहा था वो ।।
कुछ कह रहा था वो…………

उसका कुछ कहना और फिर रुक जाना, डर रहा था वो,
जो किया था खाली उसने मेरे दिल से, वही भर रहा था वो,
देखना, चाहना, मिलना, निभाना, या खो देना ये सब तो था मगर,
कहने को ही वो ज़िन्दा था सिर्फ़, पर मर रहा था वो ।।
कुछ कह रहा था वो…………

वैसे करता तो कुछ नहीं बस, यूँ ही लगा रहता था वो,
शायद एक दरवाजा था मोहब्बत का, खुला रहता था वो,
यूँ तो सब कुछ सूना – सूना ही होता था उसके बिन मग़र,
सामने हो निग़ाहों के वो हमेशा, फिर भरा रहता था वो ।।
कुछ कह रहा था वो…………

– गोरव मैथानी

Love Poem in Hindi – Aaj Bhi Sath to Nhi Hai


आज भी साथ तो नहीं है वो
पर रूह से कभी गया भी नहीं
हां भूली तो नहीं हूँ उसको
पर उसने याद कभी किया भी नहीं

हां मालूम है मुझे तुम्हें मुझसे प्यार हुआ नहीं था
पर जो मैंने किया वह झूठ नहीं था
हां तुमसे बहुत अलग हूँ मैं
इसलिए तुममें खुद को देखने का सपना सच नहीं हुआ

हां मुझे पता है जो कहा था तुमने आई लव यू
उसका कोई मतलब नहीं था
पर जो मैंने कहा वो शायद तुम समझ पाए ही नहीं

हां तुमने मुझे कभी महसूस नहीं होने दिया
कि तुम मुझसे प्यार नहीं करते
पर तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे ऐसे तुम होने दिया नहीं

हां तुमने बड़ी आसानी से जाने को बोल दिया
क्योंकि मैं तुम्हारे जज्बातों में थी नहीं

– आकांशा त्यागी


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