Essay on Corruption in Hindi : दोस्तों आज हमने भ्रष्टाचार पर निबंध लिखा है इसमें हमने भ्रष्टाचार क्या है, भ्रष्टाचार के कारण, भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव और इसको खत्म करने के उपाय के बारे में विस्तार से चर्चा की है।
भ्रष्टाचार पर लिखे गए निबंध की सहायता से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 और 12 के विद्यार्थियों को निबंध लिखने में सहायता होगी यह निबंध हमने विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए अलग अलग समय सीमा में लिखा है।
Essay on Corruption in Hindi for Student under 150, 300, 800 and 2500 words.
विषय-सूची
Short Essay on Corruption in Hindi 150 Words
हमारे देश में भ्रष्टाचार कई सदियों से चला आ रहा है और यह दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण हमारे देश की हालत खस्ता होती जा रही है। एक पद विशेष पर बैठे हुए व्यक्ति का अपने पद का दुरुपयोग करना ही भ्रष्टाचार कहलाता है।
ऐसे लोग अपने पद का फायदा उठाकर कालाबाजारी, गबन, रिश्वतखोरी इत्यादि कार्यों में लिप्त रहते है जिसके कारण हमारे देश का प्रत्येक वर्ग से प्रभावित होता है। इसके कारण हमारे देश की आर्थिक प्रगति को भी नुकसान पहुंचता है। भ्रष्टाचार दीमक की तरह है जो कि धीरे-धीरे हमारे देश को खोखला करता जा रहा है।
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आज हमारे देश में प्रत्येक सरकारी कार्यालय, गैर-सरकारी कार्यालय और राजनीति में भ्रष्टाचार कूट-कूट कर भरा हुआ है जिसके कारण आम आदमी बहुत परेशान है। इसके खिलाफ हमें जल्द ही आवाज उठाकर इसे कम करना होगा नहीं तो हमारा पूरा राष्ट्र भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा।
Best Essay on Corruption in Hindi 350 Words
वर्तमान में सभी देशो में भ्रष्टाचार एक प्रमुख समस्या है, भ्रष्टाचार के कारण ही आज भी हमारा भारत देश विकासशील देश ही बना हुआ है हमारे देश में चाहे कोई भी सरकार आ जाए लेकिन भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम ही नहीं लेता है बल्कि यह दिन प्रतिदिन अपनी जड़े और मजबूत करता जा रहा है।
हमारे यहां के लोगों में अब भ्रष्टाचार दिनचर्या में शामिल हो गया है क्योंकि जब भी वह किसी कार्य को करवाने जाते हैं तो उसके लिए रिश्वत देनी पड़ती है रिश्वत के बिना कोई अधिकारी कार्य ही नहीं करता है यह हमारे देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
भ्रष्टाचार की बीमारी ने हमारे देश को इस तरह से बीमार कर दिया है कि सभी सरकारी विभाग चाहे वो पुलिस हो शिक्षा विभाग हो, नगरपालिका विभाग हो या फिर कोई अन्य दस्तावेज बनाने का विभाग हर जगह भ्रष्टाचार दिखाई पड़ता है।
आजकल नेता लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए आम लोगों के बारे में जरा भी नहीं सोचते वे सिर्फ और सिर्फ पैसों के बारे में सोचते हैं आपने देखा होगा आजकल कभी पुल का निर्माण किया जाता है तो वह कुछ ही महीनों में गिर जाता है, सड़क उखड़ जाती है। कुछ महीनों का काम कई सालों में पूरा होता है
और मजे की बात तो यह है इतना सब होने के बावजूद भी उन बिल्डरों पर जरा भी कार्यवाही नहीं की जाती है और कार्यवाही होगी कैसे हमारा कानून ही इतना लचीला है कि कोई भी भ्रष्टाचार करके आराम से सजा से बच जाता है।
हमारे देश के कई बड़े नेताओं ने कहा है कि हम गरीबों के लिए योजनाएं तो बनाते हैं लेकिन हम केंद्र सरकार से 100 रुपए अगर गरीबों के लिए भेजते है तो गरीबों तक पहुंचते पहुंचते वह 10 पैसे के बराबर हो जाता है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे देश में कितना भ्रष्टाचार फैल चुका है।
हमें जल्द से जल्द भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना होगा इसके लिए सबसे पहले हमें चेतना होगा क्योंकि अगर हम ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे तो भ्रष्टाचार अपने आप बढ़ता रहेगा सरकार को भ्रष्टाचार रोकने के लिए कड़े कानून बनाने चाहिए जिससे भ्रष्टाचार करने वाला व्यक्ति भ्रष्टाचार करने से पहले दस बार सोचें।
Bhrashtachar Par Nibandh in Hindi 800 Words
रूपरेखा –
भ्रष्टाचार हमारे देश के लिए किसी महामारी से कम नहीं है इसके कारण आज हमारा देश अन्य देशों की विकास की तुलना में पिछड़ता जा रहा है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमारे देश में विकास हुआ हो या ना हुआ हो लेकिन भ्रष्टाचार का विकास दोगुनी गति से हुआ है।
भ्रष्टाचार की शुरुआत राजनीति से ही होती है वर्तमान में हमारे राजनेता इतने लालची हो गए है कि उन्हें अपने स्वार्थ के अलावा कुछ सूझता ही नहीं है। पूर्व के कुछ सालों में जितनी भी योजनाएं लागू हुई है उन सभी में घोटाला देखने को मिला है।
यह सभी घोटाले नेताओं और बड़े अफसरों की मिलीभगत के कारण होता है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए हमारे नेताओं ने ही इस पर कोई कड़ा कानून नहीं बनाया है। आज भ्रष्टाचार में हमारे देश का बड़े विभाग से लेकर छोटे से छोटा विभाग भी लिप्त है।
हर दिन अखबारों में भ्रष्टाचार की चर्चा रहती है कोई ना कोई राजनेता या अफसर पूछ लेता पकड़ा जाता है फिर भी हमारी सरकार मौन रहती है।
भ्रष्टाचार का दुष्प्रभाव –
(1) भ्रष्टाचार के कारण हमारे देश का आर्थिक विकास रुक सा गया है।
(2) भ्रष्टाचारी है जिसके कारण हमारा देश हर प्रकार के क्षेत्र में दूसरे देशों की तुलना में पिछड़ता जा रहा है।
(3) भ्रष्टाचार के कारण ही आज भी हमारे गांव तक बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं पहुंच पाई है।
(4) इसके कारण गरीब और गरीब होता जा रहा है और अमीर और अमीर होता जा रहा है।
(5) सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं का लाभ भ्रष्टाचार के कारण गरीबों तक पहुंच ही नहीं पाता है।
(6) भ्रष्टाचार के कारण भाई भतीजा वाद को बढ़ावा मिलता है जिसके कारण अयोग्य लोग भी ऐसे पदों पर विद्यमान रहते है जिसके भी योग्य तक नहीं होते है।
(7) इसके कारण किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य नहीं मिल पाता है और वे कर्ज के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते है।
(8) भ्रष्टाचार का रोग सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में इस तरह से फैल गया है कि आम आदमी को अपना कार्य करवाने के लिए बड़े अफसर नेताओं को घूस देनी ही पड़ती है।
(9) भ्रष्टाचार के कारण कालाबाजारी को बढ़ावा मिलता है।
(10) माफिया लोगों की पहुंच बड़े नेताओं तक होने के कारण वे अवैध धंधे करते हैं जिसके कारण जन और धन दोनों की बर्बादी होती है।
(11) समाज के विकास के लिए जिम्मेदार व्यक्ति ही भ्रष्टाचार में लिप्त होने लग जाता है।
(12) भ्रष्टाचार के कारण बड़े पदों पर आसीन लोग अपने पद का दुरुपयोग करने लग जाते है।
भ्रष्टाचार का समाधान –
(1) भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हमें स्वयं को जागरूक होना होगा जब तक हम जागरूक नहीं होंगे तब तक भ्रष्टाचार यूं ही फैलता रहेगा।
(2) राजनेताओं को चुनते समय हमें साफ सुथरी छवि वाले और अच्छे राजनेताओं को चुनना चाहिए।
(3) हमें किसी भी गलत चीज के प्रति विरोध करने की आदत डालनी होगी जब तक हम विरोध नहीं करेंगे तब तक भ्रष्टाचार ऐसे ही फैलता रहेगा।
(4) भ्रष्टाचार करने वाले व्यक्ति के खिलाफ हमें पुलिस या भ्रष्टाचार निरोधक कार्यालय में इसकी शिकायत करनी चाहिए।
(5) हमारे देश में भ्रष्टाचार के फैलने का एक और कारण है अशिक्षा जब तक लोग शिक्षित नहीं होंगे तब तक लोगों को पता ही नहीं चलेगा कि उनके साथ धोखाधड़ी हो चुकी है।
(6) हमें राजनेताओं द्वारा किए गए वादों के लिए उन्हें बार बार पूछना होगा तभी जाकर भी अपने वादे पूरे करते है।
(7) गांव गांव जाकर हमें लोगों को नुक्कड़ नाटक और सभाओं की सहायता से लोगों को जागरूक करना होगा।
(8) सरकार को भी भ्रष्टाचार को हटाने के लिए कड़े कानून की व्यवस्था करनी होगी हालांकि सरकार ने कुछ कानून बनाए है जिनकी सहायता से कुछ बड़े राजनेताओं को भी भ्रष्टाचार के आरोप में सजा हुई है।
(9) हमें अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना होगा क्योंकि आधे से ज्यादा भ्रष्टाचार तो हमें हमारे अधिकार नहीं पता होने के कारण ही हो जाते है।
(10) हमें हर एक धोखाधड़ी की सूचना भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को देनी होगी क्योंकि पहले व्यक्ति छोटी रिश्वतखोरी करता है और फिर उसका लालच बढ़ता जाता है और वह बड़े-बड़े घोटालों को अंजाम देने लग जाता है।
निष्कर्ष –
भ्रष्टाचार को अगर हमें समाप्त करना है तो हमें हमारे समाज के प्रत्येक वर्ग को जागरूक करना होगा नहीं तो हम भ्रष्टाचार के चुंगल में ऐसे फंस जाएंगे कि हमारा कोई भी काम बिना रिश्वतखोरी के नहीं हो पाएगा। हमारी सरकार को भी इसके लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
आज बड़े पदों पर बैठे हुए लोग इतने लालची हो गए हैं कि उन्हें अपने स्वार्थ के अलावा कुछ भी नहीं सूझ रहा है जब तक हम आवाज नहीं उठाएंगे तब तक वे लोग हमारी गाढ़ी कमाई को यूं ही लूटते रहेंगे।
अगर भ्रष्टाचार यूं ही बढ़ता रहा तो हमारे देश में गरीबों का जीना मुश्किल हो जाएगा और ज्यादातर लोग अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसने लग जाएंगे।
Essay on Corruption in Hindi 2500 Words
प्रस्तावना –
हमारे भारत देश में सबसे ज्यादा प्राप्ति के बाद से ही बहुत अधिक समस्याएं उत्पन्न होने लगी थी उस समय भारत में नया स्वतंत्र राष्ट्र का निर्माण और गरीबी की प्रमुख समस्या थी। लेकिन जब से हमारे राजनेता और बड़े अफसर इस देश को चलाने लगे है।
तब से नई समस्याएं भी उत्पन्न हो गई है जैसे सांप्रदायिकता भाषावाद समाजवाद बेरोजगारी जातिवाद और भ्रष्टाचार यह समस्याएं बहुत तेजी से फैल रही है। हमारे देश में भ्रष्टाचार तो राजा महाराजाओं के जमाने से ही चला आ रहा है क्योंकि अंग्रेजों ने राजाओं को घूस देकर अपनी सत्ता कायम कर ली।
इसी भ्रष्टाचार के कारण अंग्रेजो ने हमारे ऊपर 200 सालों तक राज किया क्योंकि हमारे देश के ही लोग हमारी मजबूर जड़ों को दीमक की तरह खोखला कर रहे थे। वे चंद रुपए और अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए हमारे भारत देश से गद्दारी करते रहे।
वर्तमान में तो ऐसा लग रहा है कि भारत में जैसे प्रथाएं है चलती है उसी प्रकार भ्रष्टाचार भी प्रथा के रूप में अपना लिया गया है। भ्रष्टाचार हमारे देश में इस तरह से फैल गया है कि इसने सरकारी और के सरकारी दोनों क्षेत्रों को अपने चुंगल में ले लिया है।
हमारे देश के बहुत से राजनेता दागी हैं उन पर तरह-तरह के घोटालों के केस चल रहे हैं लेकिन वे फिर भी सरकार मैं बैठे हैं अगर ऐसे लोग हमारी सरकार चलाएंगे तो भ्रष्टाचार तो फैलेगा ही। ऐसे भ्रष्ट मानसिकता वाले राजनेताओं की वजह से ही आज पूरा सरकारी तंत्र भ्रष्ट हो गया है।
भ्रष्टाचार क्या है –
भ्रष्टाचार का पूरा शहर भ्रष्टाचार शब्द में ही छुपा हुआ है भ्रष्टाचार दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है भ्रष्ट + आचार, इसमें भ्रष्ट का मतलब बुरा बेईमान स्वार्थी और आचार का मतलब आचरण होता है पदार्थ जो व्यक्ति अपने निजी स्वार्थों के लिए किसी भी व्यक्ति से बुरा व्यवहार, पद का दुरुपयोग और बेईमानी करता है वह भ्रष्टाचार कहलाता है।
अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन ट्रांसपैरंसी इंटरनैशनल की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में भारत का भ्रष्टाचार में 81 वां स्थान आता है। इसमें पुराने वर्षों की तुलना में कुछ सुधार हुआ है लेकिन यह स्थिति भी बहुत ही खराब है।
भ्रष्टाचार के कारण हमारे देश की छवि विदेशों में बहुत ही खराब है हमें भ्रष्टाचार को खत्म करके हमारे देश की छवि को सुधारना होगा।
भ्रष्टाचार के कारण –
हमारे देश में भ्रष्टाचार की समस्या बहुत व्यापक है और जिस तरह से भ्रष्टाचार फैल रहा है उसके कारण भी बहुत हैं जो कि निम्नलिखित है –
भ्रष्ट राजनीति –
हमारे देश में हर दूसरा राजनेता भ्रष्ट है उनकी छवि कलंकित है फिर भी वे राजनेता बने हुए हैं और सरकार चला रहे है। वह हर बार कुछ ना कुछ नया घोटाला करते रहते है लेकिन फिर भी हम लोग उन्हीं राजनेताओं को चुनते हैं जिसके कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।
ऐसे नेताओं के कारण ही हमारे सभी सरकारी विभाग के अफसर से लेकर चपरासी तक सभी भ्रष्ट हो जाते हैं इस पर एक कहावत सही बैठती है जैसा “राजा वैसी प्रजा”। क्योंकि जब हमारे देश की सरकार चलाने वाले नेता ही भ्रष्टाचार करेंगे तो उनको देखकर उनके नीचे कार्य करने वाले भी भ्रष्टाचार करेंगे।
रिश्वतखोरी –
हमारे देश के लोग भ्रष्टाचार के इतने आदी हो गए हैं कि वे अफसरों को छोटी-छोटी बात पर रिश्वत देते हैं जिसके कारण अफसरों का लालच बढ़ता जाता है और भी फिर बड़े बड़े घोटालों को अंजाम देते है। इसमें अमीर आदमी तो रिश्वत देकर अपना काम करवा लेता है लेकिन वह उस अफसर को इतना लालची बना देता है कि गरीब लोग अपना काम बिना रिश्वत दिए करवा नहीं पाते है।
भाई-भतीजावाद –
हमारे भारत देश में भाई भतीजा वाद इस तरह से व्याप्त है कि बड़े अफसर अपने पदों का दुरुपयोग करके अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिलवा देते हैं चाहे वह व्यक्ति उस नौकरी के नाकाबिल ही क्यों न हो, जिससे देश में बेरोजगारी तो फैलती ही है
साथ में देश को नाकाबिल काम करने वाला व्यक्ति मिलता है जो कि फ्री की तनख्वाह सरकार से लेता है और उसके बदले कुछ काम नहीं करता है।
ऐसे ही बड़े राजनेता अपने निजी स्वार्थ के लिए और चंद रुपयों के लिए किसी को भी नौकरी दिलवा देते हैं जिससे देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार हो जाता है।
कर चोरी –
देश के बड़े उद्योगपति अपना कर बचाने के लिए बड़े अफसरों को रिश्वत देते हैं ताकि उनको कर नहीं देना पड़े जिससे हमारे देश के विकास के लिए पैसों की कमी हो जाती है। इसके कारण हमारे देश के उद्योगपति और बड़े अफसर दोनों भ्रष्टाचारी हो जाते है।
जनसंख्या वृद्धि –
भारत जनसंख्या के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश है जहां पर जनसंख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है यह कुछ ही सालों में जनसंख्या के मामले में पहला स्थान प्राप्त कर लेगा। जिस प्रकार से जनसंख्या की वृद्धि हो रही है उस प्रकार से उत्पादन और मूलभूत सुविधाओं की वृद्धि नहीं हो पा रही है।
जिसके कारण लोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बड़े राजनेताओं और अधिकारियों को रिश्वत देते है और अपना कार्य करवाते है।
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अशिक्षा –
भारत में भ्रष्टाचार का दोगली नीति से फैलने का एक कारण ऐसा भी है क्योंकि लोग अपने अधिकार के प्रति जागरुक नहीं है जिस कारण बड़े अधिकारी अपने पद का रोब दिखाकर उनसे रुपए ऐंठ लेते है।
शिक्षा का अभाव होने के कारण गरीब लोग सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं उठा पाते हैं क्योंकि वहां के जनप्रतिनिधि उन योजनाओं के बारे में उनको अवगत नहीं कराते है और पूरा पैसा स्वंय हजम कर जाते है।
जाति और धर्म –
हमारे यहां के लोग आज भी जाति और धर्म में उलझे हुए हैं और विदेशों के लोग मंगल ग्रह पर रहने की टेक्नोलॉजी विकसित कर रहे है यह बात दर्शाती है कि हम कितने पिछड़े हुए हैं और हमारी सोच आज भी वैसे ही है जैसे भारत के आजाद होने से पहले थी।
इसी बात का फायदा उठाकर भ्रष्ट राजनेता हर बार चुनाव जीत जाते हैं जब भी विकास करने का नाम आता है तो वह हमें जाति और धर्म में उलझा देते है। और आजकल तो जाति धर्म जाना है इतना सरल हो गया है क्योंकि सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रष्ट राजनीतिक पार्टियां अपना गलत प्रचार करती है और जो काम नहीं भी हुआ होता है उसका भी प्रचार कर देते है।
और हमारे देश के भोले भाले युवा और अन्य लोग इनके इस जाल में फंस जाते हैं और इनको सपोर्ट भी करने लग जाते है जिसके कारण भ्रष्टाचार को और बढ़ावा मिलता है।
भाषावाद –
देश के कुछ भ्रष्ट नेता हमारे देश के लोगों को भाषा के नाम पर भी राजनीति करते हैं जिसके कारण हमारे देश में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना भी मुश्किल हो जाता है। लोग अपनी भाषा के विवाद के चलते एक दूसरे से लड़ते रहते हैं और इसी का फायदा उठाकर भ्रष्ट नेता नए घोटालों को अंजाम दे देते है।
हमारे देश में कुछ घोटाले तो ऐसे हुए हैं जिनका अभी तक पता भी नहीं चला है यह हमारे देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
निर्धनता –
हमारे देश में निर्धनता एक बड़ी समस्या है निर्धन लोग अपनी आवाज बड़े राजनेता और अफसरों तक नहीं पहुंचा पाते है जिसके कारण सरकारी अधिकारी और अन्य रोबधारी लोग इस बात का फायदा उठाते है और निर्धन लोगों को डराते धमकाते है और अपने निजी स्वार्थ को पूरा करते हैं जिससे भ्रष्टाचार दुगनी गति से फैलता है।
भ्रष्टाचार के प्रभाव –
भ्रष्टाचार का हमारे देश पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है जिसको हमने अलग-अलग प्वाइंट के माध्यम से समझाएं है।
राष्ट्रीय छवि का धूमिल होना –
भ्रष्टाचार के कारण विश्व में हमारे देश की छवि बहुत ही खराब हो चुकी है। इसके कारण कई विदेशी देश हमारे देश के साथ व्यापार नहीं करना चाहते है। भ्रष्टाचार के कारण ही हमारे देश में विदेशी लोग आने से घबराते है। आए दिन कोई न कोई घोटाला होता रहता है जिसके कारण हमारे राष्ट्र की छवि पूरी तरह सही खराब हो रही है।
देश का विकास नहीं होना –
भ्रष्टाचार के कारण हमारे देश का विकास नहीं हो पा रहा है हमारे देश में आए दिन रिश्वतखोरी, घोटाले होते रहते हैं जिसके कारण पैसों की बर्बादी होती है और देश का विकास नहीं हो पाता है भ्रष्टाचार के कारण ही बड़े बड़े प्रोजेक्ट पूरे होने में कई साल लग जाते है।
भुखमरी और गरीबी फैलना –
सरकार जो योजनाएं गरीबों के उत्थान के लिए बनाती है वह या तो सही तरह से लागू नहीं हो पाती या फिर गरीबों तक उनका पूरा लाभ नहीं पहुंच पाता है। कई पिछड़े हुए क्षेत्रों में तो यह भी देखने को मिला है कि गरीबों को सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं के बारे में पता ही नहीं होता है
जिसके कारण वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि उन योजनाओं का पूरा पैसा गबन कर जाते है। जिसके कारण गरीब और गरीब हो जाते है और भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
गरीब और अमीर के बीच खाई –
भ्रष्टाचार के कारण दिन-प्रतिदिन गरीब और गरीब होता जा रहा है और अमीर और अमीर होता जा रहा है जिसके कारण गरीब और अमीर के बीच की खाई और बड़ी होती जा रही है अमीर अपने पैसों या रोब दिखाकर कोई भी काम आसानी से करवा लेता है लेकिन अगर वही काम गरीब करवाने जाता है
तो उससे रिश्वत की डिमांड की जाती है। अमीर और गरीब की खाई ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलती है।
स्वार्थ और लालच का बढ़ना –
जो व्यक्ति आज छोटे पद पर विद्यमान है वह बड़े पद पर जाना चाहता है इसके लिए वह अपने बड़े अधिकारी को रिश्वत देता है और उसकी पूर्ति करने के लिए वह गरीब लोगों से रिश्वत मांगता है जिसके कारण उनका लालच बढ़ता जाता है।
यह सब कुछ अपने निजी स्वार्थ के लिए करते हैं जिसके कारण आम जनता को परेशान होना पड़ता है। भ्रष्टाचार के कारण ही कुछ अयोग्य व्यक्ति ऐसे पदों पर पहुंच जाते हैं जिसके भी लायक तक नहीं होते है।
गैर कानूनी कार्यों का बढ़ावा –
कुछ पैसे वाले और माफिया लोग पैसों के दम पर गैर कानूनी कार्य करते हैं इसमें बड़े अफसर और नेता उनका साथ देते हो और बदले में रिश्वत लेते है। जिसके कारण हमारे देश के विकास को क्षति पहुंचती है। यह बहुत ही चिंताजनक विषय है
क्योंकि आए दिन मीडिया और समाचार पत्रों में आता रहता है कि कहीं पर अवैध खनन हो रहा है तो कहीं पर अवैध रूप से पेड़ काटे जा रही है लेकिन सरकार इस सब के ऊपर चुप्पी साधे हुए रहती है क्योंकि वह भी कहीं ना कहीं इस साल में शामिल रहती है।
अफसरों द्वारा मनमानी करना –
बड़े पदों पर विद्यमान अफसर अपनी मनमानी करते हैं और अपने पद का दुरुपयोग करते हैं जिसके कारण आमजन को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है और अगर उन अधिकारियों से कुछ भी कार्य करवाना हो तो उनको रिश्वत देनी पड़ती है।
बड़े अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को लाभ पहुंचाते है।ऐसे अधिकारी भ्रष्ट लोगों से मिलकर बड़े-बड़े घोटाले करते है जिसके कारण पूरा सरकारी तंत्र भ्रष्ट हो जाता है।
घोटालों की संख्या में वृद्धि होना –
सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कोई सख्त नियम नहीं बनाए जाने के कारण भ्रष्ट लोगों को हौसले दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं जिसके कारण पुरानी वर्षो की अपेक्षा वर्तमान में घोटालों की संख्या बढ़ गई है। पहले के मुकाबले अब बड़े घोटाले होने लगे हैं जिसके कारण पूरे देश की अर्थव्यवस्था एक घोटाले के कारण हिल जाती है।
लेकिन हमारी सरकार को इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता है वह तो मानों वर्षों से नींद की मुद्रा में सोई हुई है।
देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ाना –
कई बड़े नेता अपने निजी स्वार्थों को पूरा करने के लिए ऐसे बड़े-बड़े घोटाले कर देते हैं जिसके कारण हमारे देश की पूरी अर्थव्यवस्था गड़बड़ा जाती है और इसका असर कई सालों तक रहता है अगर ऐसे ही घोटाले होते रहे तो हमारा देश कभी भी विकसित देश नहीं बन पाएगा।
भ्रष्टाचार के समाधान या निराकरण के उपाय –
जन जागरण –
अगर हमें भ्रष्टाचार से मुक्त देश चाहिए तो हमें लोगों को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक करना होगा ग्रामीण इलाकों को लोगों को तो पता ही नहीं चलता कि उनके साथ कब कोई बेईमानी कर गया इसलिए हमें गांव-गांव जाकर लोगों को भ्रष्टाचार के बढ़ते हुए जाल के बारे में बताना होगा।
उन्हें उनके अधिकारों के बारे में सूचित करना होगा क्योंकि जब तक लोगों को उनके अधिकारों के बारे में नहीं पता होगा वह आवाज नहीं उठाएंगे और आवाज नहीं उठाएंगे तो नेता लोग ऐसे ही भ्रष्टाचार करते रहेंगे।
भाई-भतीजावाद पर रोक –
जब भी कोई सरकारी टेंडर या सरकारी भर्तियां निकलती है तो बड़े नेता और अक्सर लोग अपने रिश्तेदारों को बिना किसी क्वालिफिकेशन के वह नौकरी या टेंडर दे देते हैं जिसके कारण हमारे देश की अर्थव्यवस्था ऐसे लोगों के हाथ में चली जाती है जिनको उसके बारे में कुछ पता ही नहीं होता है।
सरकार को इसके ऊपर नियम लाकर कड़े कानून बनाने चाहिए और भाई भतीजावाद पर रोक लगानी चाहिए।
शिक्षा को बढ़ावा –
हमारे देश में शिक्षा का बहुत बड़ा अभाव है हमारे देश में आज भी केवल 74% लोग ही पढ़े लिखे हैं और ग्रामीण इलाकों में तो यह स्थिति और भी खराब है। शिक्षा के अभाव के कारण है अच्छा जनप्रतिनिधि नहीं सुन पाते हैं जिसके कारण उन्हें रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार जैसी बीमारियों से जूझना पड़ता है।
कड़े कानून का प्रावधान –
सरकार को भ्रष्टाचार रोकने के लिए कड़े कानून बनाने होंगे इसके लिए सरकार ने कुछ कानून तो बनाए हैं लेकिन उनकी पालना सही तरह से नहीं हो रही है जिसके कारण भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाए गए कानून इस प्रकार है –
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, रियल एसटेट (विनिमय एवं विकास) अधिनियम 2016।
इन कानूनों से आम जनता को कुछ राहत तो मिली है लेकिन पूरी तरह से भ्रष्टाचार पर काबू नहीं पाया गया है इसलिए इन कानूनों को और कड़ा करने की जरूरत है।
अच्छी छवि वाले राजनेताओं का चुनाव –
हमें चुनाव के वक्त अच्छे राजनेताओं का चुनाव करना चाहिए जो भी व्यक्ति ऐसे भ्रष्टाचार और घोटालों में लिप्त होता हो उन्हें हमें कभी भी वोट नहीं देना चाहिए क्योंकि अगर हम उन्हें फिर से वोट देते हैं तो उनके हौसले और बुलंद हो जाते हैं फिर वह और बड़े घोटाले को अंजाम देते है।
हमारे इलेक्शन कमिशन को भी भ्रष्टाचारी नेताओं को चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए। लेकिन नियमों की डील के कारण भ्रष्टाचारी नेता भी चुनाव लड़ते है।
उपसंहार –
भारत जैसे विकासशील और लोकतांत्रिक देश में भ्रष्टाचार का होना एक बहुत ही बड़ी विडंबना है। हमारा राष्ट्रीय चरित्र धूमिल होता नजर आ रहा है जो कि हमारे देश पर कीचड़ उछालने से कम नहीं है। हमारा नैतिक स्तर इतना गिर गया है कि हम अन्य लोगों के बारे में जरा भी नहीं सोचते है।
हमारा देश सत्य अहिंसा कर्मठ शीलता और सांस्कृतिक मूल्यों के लिए जाना चाहता था लेकिन आज 21वीं सदी के भारत में यह सब चीजें देखने को नहीं मिलती है। जिसके कारण हमारा देश कहीं ना कहीं अपनी मूल छवि को खोता जा रहा है।
अगर हमें भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करना है तो राजनेताओं, सरकारी तंत्र और जनता को साथ मिलकर इसके खिलाफ लड़ना होगा तभी इस महामारी रूपी भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सकता है।
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Sir 10 class ke liye kitne words ka essay hona chahiye
Rohan aap ko exam me words limit di jaye gi nhi to aap 1000 words tak ka essay likh sakte hai or apne teacher se ek bar jarur puch lena.
धन्यवाद सर आपके इस निबंध ने हमारी बहुत सहायता की है
All the best sir
Shreya जी आप का स्वागत है ऐसे ही अच्छे निबंध पढ़ने के लिए हिंदी यात्रा पर आते रहे धन्यवाद.
Shivansh aap 8th class ke liye 500 word ka essay likh sakte hai.
Sir 8th class ke student ke liye kitne words ka essay hona chahiye
Sir, essay Ka akar Chota ho Kuch hi शब्दों में इसका अर्थ पूर्ण हो जाए लिखने में भी आसानी हो और पड़ने वाले को jaada टाइम भी नहीं लगे
Roshani Khede, hum ne isi baat ko dhyan me rakhte hue chote or bade rup me es nibandh ko likha hai aap dhyan se padhe.
वाक्य खत्म होने पर “खडी पाइ (। ). चाहिए ठिक है ।
आपके वाक्य में अनुस्वार है। ये गलत है
गलती होगीयी रहगी तो माफ करना।
All the best
And thx for the essay 👍
Ajinkya Thakur आप के सुझाव के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, हमने अब सुधार कर लिया है। मनोबल बढ़ाने के लिए आप का धन्यवाद, हिंदी यात्रा पर ऐसे ही आते रहे।
Sir 12th class ke students ke liye kitne words limit mein essay hona chahiye plz… reply soon
Nehu Aap 1000 se 1500 Words ke bich Me likh sakte hai, or adhik jankari aap apne school teacher se bhi le sakte hai.
Very nice sir you are a good thinker for nation
Thank you BABAN Kumar Singh for appreciation
Sir, 8th class kes student ke paper ke liye kitne essay chahiye Hoga
Aur vo nhi tab jab 3 ghante ke paper ke liye bas 1hour 30 min mile hoon
Raksha ji aap 800 words tak ka essay likh sakte hai or es bare me aap apne teacher se bhi salah jarur le le.