Republic Day Speech in Hindi for Teacher : दोस्तों आज हमने गणतंत्र दिवस पर भाषण लिखा है 26 जनवरी पर लिखे गए भाषण की सहायता से सभी अध्यापक गणों को गणतंत्र दिवस पर भाषण देने में सहायता मिलेगी साथ ही वे हमारे द्वारा लिखे गए भाषण की सहायता से लोगों को गणतंत्र दिवस के सही मायने बता पाएंगे.
वर्ष 2019 में हम 70वां गणतंत्र दिवस मना रहे है जो कि हम सभी भारतीयों के लिए बहुत ही गर्व का विषय है हमारी ओर से आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
विषय-सूची
Best Republic Day Speech in Hindi for Teacher 250 Words
आज गणतंत्र दिवस के इस पावन अवसर पर में हमारे बीच पधारे हुए मुख्य अतिथि श्रीमान राम कुमार, प्राचार्य जी, माताओं, बहनों-भाइयों एवं बच्चों का स्वागत करता हूं.
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जैसा कि हम जानते है 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से हमारे देश को आजादी मिली थी और 3 वर्ष के बाद आज के ही दिन 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था. मैं आज उन सभी वीर शहीदों और उनके माता-पिता को शत शत प्रणाम करना चाहता हूं जिन्होंने हमारे देश को अंग्रेजों से आजादी दिलवाई.
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आज अगर हम आजाद हैं तो वीर शहीदों के बलिदान के कारण ही है. हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए की आजादी के लिए शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव ने हंसते हंसते फांसी को गले लगा लिया था.
हमारे देश को आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी जी, नेहरू जी, शास्त्री जी, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद और अन्य वीर शहीदों ने हमारे देश को आजाद कराने के लिए बहुत संघर्ष किया है और इस भारत माता की मिट्टी के लिए बलिदान दिया है.
हमें उनके बलिदान को कभी भूलना नहीं चाहिए उन्होंने हमारे भारत देश को एक सुंदर देश बनाने का सपना देखा था लेकिन आज स्थितियां वैसे ही नहीं है आज हर तरफ भ्रष्टाचार, भुखमरी, गरीबी और बेरोजगारी दिखाई दे रही है हम युवाओं को मिलकर इन कुरूतियो से लड़ना होगा और नए भारत का निर्माण करना होगा.
इसी के साथ मैं अपने शब्दों को विराम देता हूं जय हिंद जय भारत
Republic Day Speech in Hindi for Teacher 350 Words
मैं आप सभी का देश के सबसे बड़े उत्सव गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर स्वागत करता हूं मैं सभी से निवेदन करता हूं कि मेरे साथ एक बार सभी लोग जोर से बोले जय हिंद-वंदे मातरम.
इस शुभ अवसर पर आज हमारे बीच मुख्य अतिथि के रूप में पधारे हुए जिला कलेक्टर श्रीमान नरेंद्र वर्मा जी एसडीएम अमित जी, मेरे साथी सभी शिक्षक गण, माताएं बहने और सभी विद्यार्थियों का अभिनंदन करता हूं कि वे आज देश के सबसे बड़े उत्सव में शामिल हुए.
आज के दिन ही 26 जनवरी 1950 को हमारा देश का संविधान लागू हुआ था जिसने हमें पूरे देश में स्वतंत्रता पूर्वक रहने की आजादी दी थी.
हमारे देश की आजादी के लिए देश की आन बान शान के लिए देश के गौरव के लिए जिन वीर शहीदों और महान लोगों ने अपना योगदान दिया है क्रूर ब्रिटिश शासन की यातनाएं झेली है, अपना खून बहाया है, बलिदान दिया है
त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा की है ऐसे सभी महानुभावों को माता बहनों को और हमारी पवित्र मातृभूमि को मैं हमारे सभी देश वासियों की तरफ से शत-शत नमन करता हूं.
हमारे देश को आजादी दिलाने के लिए पूरे देश ने 1942 से लेकर सन 1947 तक पूरे देश ने एक सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन किया ब्रिटिश शासन के नाक में दम ला दिया और 5 साल के भीतर-भीतर ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंका.
आज वर्तमान में कुछ नई समस्याएं हमारे देश को खोखला बना रही है आज हर तरफ भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी बेरोजगारी, प्रदूषण, बलात्कार, जाति धर्म जैसी समस्याएं बढ़ रही है. इन समस्याओं को हमें जल्द से जल्द धूल चटानी होगी.
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मैं उन सभी युवाओं और हमारे सामने बैठे हुए भारत की भावी पीढ़ी को एक ही संदेश देना चाहता हूं की एक सुंदर और अच्छा भारत बनाना चाहते हो तो आज ही सभी दृढ़ संकल्प और एकजुट होकर देश का निर्माण करना होगा.
हमें समाज में उठ गई बुराइयों को फन उठाने से पहले ही कुचल देना होगा इसी के साथ में अपने शब्दों को विराम देना चाहूंगा.
स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, वंदे मातरम
26 January Speech in Hindi for Teacher 650 Words
आज गणतंत्र दिवस के ऐतिहासिक पर्व पर प्रांगण में पधारे हुए सभी लोगों का अभिनंदन करता हूं आज हमारे बीच गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ाने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी पवन कुमार, प्रधानाचार्य रवि कुमार जी मेरे साथी शिक्षकगण और सभी विद्यार्थियों का हृदय से अभिनंदन करता हूं. मैं आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयां देता हूं.
इस गणतंत्र दिवस पर कुछ पंक्तियां मुझे याद आ रही है जो कि कुछ इस प्रकार है –
“काश मेरी जिंदगी में शरहदो की कोई शाम आए
काश मेरी जिंदगी मेरे वतन के काम आए
ना खोफ है मौत का, ना आरजू है मौत की
मगर जब कभी जिक्र हो शहीदों का
काश मेरा भी नाम आए, काश मेरा भी नाम आए”
आज मैं उनसे भी वीर शहीदों माताओं बहनों को श्रद्धांजलि देना चाहता हूं जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अपना खून बहाया और बलिदान दिया है उनके इस बलिदान का कर्ज तो हम कभी नहीं उतार सकते लेकिन उनके इस उपकार के लिए पूरा देश जीवन भर उनका कृतज्ञ रहेगा.
आज के ही दिन 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था जिसको भीमराव रामजी अंबेडकर ने देशवासियों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा लैंगिक और आर्थिक समता के अधिकार के लिए लिखा था. आज हमारा देश पूरे विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है.
आज हमारे संविधान को लागू हुए 70 वर्ष हो चुके है यह बात बताती है कि हमारा संविधान कितना मजबूत एवं कितना सच्चा है जिस का डंका आज हर देश विदेश में बजता है आज पूरी दुनिया भर में हर छठा व्यक्ति भारतीय है जोकि हमारी विशालता को प्रदर्शित करता है.
गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर मैं विद्यार्थियों को कुछ बात बताना चाहूंगा जिससे भी जीवन में नई उपलब्धियों को पा सके. आज हमारे देश ने बहुत प्रगति कर ली है लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में आज भी पिछड़ा हुआ है जो कि हमारे ऊपर एक कलंक के समान है.
आज भी कई सारे निर्धन बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते है जिसके कारण वे बाल मजदूरी करते है या फिर किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं जिससे वे नशा करने लग जाते हैं और फिर बुरी लत में पड़ने के बाद चोरी-चकारी धोखा देना इत्यादि चीजों को अपना लेते हैं जिसके कारण उनका पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है.
आज जो भी विद्यार्थी पढ़ लिख पा रहे है वह बहुत खुशनसीब है क्योंकि पढ़ने का मौका हर किसी को नहीं मिलता लेकिन कुछ विद्यार्थी पढ़ लिख कर भी निराशा पूर्वक जीवन को जीते है मैं उन विद्यार्थियों से कहना चाहूंगा कि आप अगर चाहें तो कुछ भी कर सकते है.
किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है कुछ वर्षों पूर्व तक चांद और मंगल ग्रह पर जाना, मोबाइल पर बात करना असंभव था लेकिन आप जैसे ही कुछ विद्यार्थियों ने चुनौतियों को स्वीकार करते हुए आज यह संभव बना दिया है.
हमें चुनौतीयो से कभी घबराना नहीं चाहिए बल्कि इन्हें शिकार करके दुगनी गति से आगे बढ़ना चाहिए. किसी लक्ष्य को पाने में वक्त जरूर लगता है लेकिन उसे हासिल किया जा सकता है.
आजकल लोग एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करते रहते हैं हर तरफ नकारात्मक वातावरण बना कर रखते है जिसके कारण विद्यार्थी परेशान हो जाता है और इसके कभी-कभी तो गंभीर परिणाम भी देखने को मिलते है.
मैं आप सभी से एक ही बात कहना चाहूंगा कि लोग आपको हमेशा अपने से नीचा देखना चाहते हैं इसलिए वे भरपूर कोशिश करेंगे कि आप कभी आगे नहीं बढ़ पाओ. लेकिन आपको अपना लक्ष्य बनाकर लगातार उसको पाने की कोशिश करना है और सफल हो कर दिखाना है.
विद्यार्थियों आज मैं आपको जीवन में सफल होने के लिए एक और बात बताना चाहूंगा कि हमारे देश में कई महान लोग हुए हैं जिन की जीवनी या उनकी लिखी हुई किताबें आपको जरूर पढ़नी चाहिए इससे आपके जीवन को नई दिशा मिलेगी.
एक बार मैं फिर से सभी को देश के सबसे बड़े उत्सव गणतंत्र दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं देना चाहूंगा इसी के साथ मैं अपने शब्दों को विराम देता हूं.
वंदे मातरम
26 January Speech in Hindi for Teacher 600 Words
आज भारत के सबसे बड़े उत्सव 70 वें गणतंत्र दिवस पर में यहां उपस्थित सभी महानुभावो को शुभकामनाएं देता हूं. आज हमारे बीच मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमान विजेंद्र जी पधारे हुए है जिनका में हार्दिक अभिनंदन करता हूं.
हर वर्ष की भांति आज भी हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मना रहे है लेकिन भारत में इन 72 वर्षों में बहुत बदलाव आ चुका है आज लोग सिर्फ 1 दिन के लिए देश भक्ति को जिंदा रखते हैं और शायद आजकल तो वह भी नहीं देखने को मिलता है क्योंकि लोग आज के दिन को पिकनिक के रूप में मनाने लगे हैं जो कि हमारे लिए बहुत ही चिंता का विषय है कुछ लोग अपने देश भक्ति सोशल मीडिया पर दिखाते है और फिर दूसरे दिन उसी देश को लूटने का काम भी करते है.
मैं आप सभी से एक बात कहना चाहूंगा कि अगर देश भक्ति मौसमी नहीं होनी चाहिए इसे अपने खून में जिंदा रखिए क्योंकि यह तिरंगा आज ऐसे ही नहीं लहरा रहा है इसके ऊपर हमारे वीर शहीदों के खून के छींटे आज भी पड़े है उनके बलिदान के कारण ही आज मैं और आप इस देश में आजादी पूर्वक सीना तान के और मुंह उठाकर चल पा रहे है.
“जश्न का मुबारक हो देश वालों को
जश्न का मुबारक हो देश वालों को
फंदे से मोहब्बत थी उन वतन के मतवालों को”
हमारे देश की आजादी में शामिल हुए महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, मदन लाल ढींगरा, खुदीराम बोस, अरविंदो घोष, सुभाष चंद्र बोस, बिरसा मुंडे, अब्दुल कलाम आजाद, राजगुरु, सुखदेव थापर, राम प्रसाद बिस्मिल, बाल गंगाधर तिलक, जिनका नाम मैं नहीं ले पाया वो हमारे देश के लिए, हमारे लिए उतने ही वंदनीय है मैं उन सब के चरणों में नमन करता हूं.
हम सबको मिलजुल कर उनके विचारों का विस्तार करना है उनकी दूरदृष्टि कि आज हमें स्वतंत्र भारत की जमीन पर खड़े होने का अवसर प्रदान कर रही है और हमारे संविधान ने हमें इतनी आजादी दी है कि हम अपनी सरकार खुद चुन सकते है और अपने देश का भविष्य खुद लिख सकते है.
हम सब लोग बहुत खुशनसीब है कि हमने एक आजाद देश में जन्म लिया है लेकिन इस आजादी का सही मतलब हम आज तक नहीं समझ पाए हैं क्योंकि आज का युवा अनेक तरह की सामाजिक कुरीतियों में भटका हुआ है वह अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं कर पा रहा है.
मैं आपको याद दिला दूं की जब हमारा देश आजाद नहीं हुआ था तो हमारे देश के लोगों को सोचने की आजादी भी नहीं होती थी लेकिन कुछ आजादी के दीवाने अपने वतन से मोहब्बत करने वाले युवा जिस उम्र में उनके स्कूल और कॉलेज जाने की दिन थे और अपना भविष्य बनाने के दिन थे उन दिनों में भी देश को आजाद कराने के सपने देखा करते थे और देश की आजादी के लिए महज 21 साल की उम्र में फांसी के फंदे पर झूल गए.
यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि ऐसा उत्साह आज के युवाओं में देखने को नहीं मिलता शायद इसी कारण देश में आए दिन नई घोटाले भ्रष्टाचार बलात्कार गरीबी जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही है. मैं पूछता हूं कि हमारे देश में आए दिन किसी में माता आती है तो किसी में कोई बाबा लेकिन कभी भगत सिंह, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद नहीं आते.
जिस दिन उन्होंने आना प्रारंभ कर दिया उस दिन इस देश की तस्वीर बदल जाएगी. मैं देश की भावी पीढ़ी से यही निवेदन करूंगा कि अपने देश के लिए कुछ ना कुछ योगदान जरूर दें, चाहे वह देश में नए रोजगार पैदा कर, लोगों की मदद करके या फिर देश की रक्षा में योगदान देकर यही आपकी असली देशभक्ति होगी.
जय हिंद, जय भारत
Republic Day Speech in Hindi for Teacher 700 Words
सभी आदरणीय अभिभावक एवं प्राचार्य जी और भारत की एकता को प्रतिबिंबित करने वाले विभिन्न प्रांतों से आए विद्वान शिक्षकगण हमारे देश के भविष्य के होनहार विद्यार्थी आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयां देता हूं.
साथ ही हमारे देश को आजाद कराने के लिए जो वीर शहीद हुए उनको शत-शत नमन करता हूं. 15 अगस्त 1947 को जब भारत आजाद हुआ था तो यह भारत के लिए एक नया सवेरा था
और जब लोग सुबह-सुबह उठते है तो उनमे एक नई ऊर्जा का संचार होता है 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ यह हमारे देश का पहला गणतंत्र दिवस था आज हम 70वां गणतंत्र दिवस मना रहे है.
गण का मतलब होता है जनता और गणराज्य का मतलब होता है जनता के द्वारा चुना गया शासन. जब भारत आजाद हुआ तो पश्चिमी सभ्यता वाले सभी देशों ने हमारे देश की गणतंत्र की आलोचना की और कहा जो प्राचीन काल से गुलामी और राजशाही में जिया है वहां पर लोकतंत्र कभी भी सफल नहीं हो सकता.
लेकिन वे नहीं जानते थे कि अगर हम एकजुट हो जाएं तो पूरे विश्व को अपनी सामने झुका सकते है और उसी का परिणाम है कि आज 72 वर्षों बाद भी हमारा लोकतंत्र जीवित है साथ ही मैं आपको एक और बात तत्वों की आपको गर्व होगा कि हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है.
आजादी के बाद हमारे देश ने बहुत सी मुसीबतों का सामना किया है जिसमें सबसे बड़ी मुसीबत है तब आई जब हमारे देश का विभाजन हुआ और लाखों लोग मारे गए साथ ही इस विभाजन के कारण पूरे देश में बेरोजगारी, गरीबी की जड़े मजबूत हो गई.
लेकिन इन तमाम मुसीबतों को दूर करते हुए आज भारत ने इतना विकास कर लिया है कि मंगल और चांद ग्रह पर पहुंचने वाला कुछ चुनिंदा देशों में से एक है एशिया में भारत दूसरी महाशक्ति और विश्व में अग्रणी पांच आर्थिक शक्तियों में से एक है.
मैं आपको बताना चाहूंगा कि कोई भी राष्ट्र स्वयं महान नहीं होता महान बनाते हैं वहां के रहने वाले नागरिक उनकी कर्तव्यनिष्ठा, कार्य के प्रति ईमानदारी, सत्यनिष्ठता और उनकी नैतिकता. महानता कहीं से खरीदी नहीं जा सकती यह तो मेहनत करने से आती है.
विद्यार्थियों आज आप भारत के सबसे शक्तिशाली दौर 21वीं सदी में जी रहे है जहां आपको पूर्ण रूप से संसाधन और अवसर मिल रहे है. आप भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाली पीढ़ी है आप जो चाहे कर सकते है आप पूरी दुनिया को दिखा सकते है कि भारत के लोग भी किसी से कम नहीं है.
हमें पुरानी रूढ़िवादी विचारधाराओं को छोड़कर एक नए राष्ट्र की रचना करनी होगी. हमारे देश में शिक्षा की बहुत बड़ी कमी है क्योंकि आज भी कई बच्चे पढ़ लिख नहीं पा रहे है आपको सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि पढ़ने का मौका मिला है और अच्छे गुरुजनों का साथ मिला है.
मैं आपको बता दूं कि आप कितने सौभाग्यशाली है क्योंकि जब आप स्लेट पूछ रहे होते है तो कुछ बच्चे उसी समय होटलों और ढाबों पर प्लेट पूछ रहे होते है ताकि वे दो वक्त की रोटी खा सकें. यह बहुत बड़ी विडंबना है कि आपको इतना बड़ा अवसर प्रदान होने के बावजूद भी आप निर उद्देश्य जीवन बिता रहे है.
आपको इसके बारे में सोचना चाहिए अगर आपने अभी तक अपने भविष्य के बारे में नहीं सोचा है तो आज सोचिए आज आपको गणतंत्र दिवस सोचने का मौका दे रहा है अगर आप नहीं सोच रहे हैं तो आप एक पत्थर के समान है.
विवेकानंद जी ने कहा था कि वह व्यक्ति जिसका हृदय दूसरों की पीड़ा के लिए नहीं धड़कता है वह व्यक्ति जो शिक्षित है जो दूसरों के लिए नहीं सोचता है वह एक पत्थर के समान है.
और मैं कहना चाहूंगा कि पत्थरों पर फूल नहीं उगा करते पत्थरों पर तो सिर्फ काई जमती है अगर बनाई है तो भारत माता के जैसी मिट्टी बनो ताकि वहां पर फसलें लहरा सके और खुशियां बांट सको.
विद्यार्थियों मैं आपसे आज एक वादा लेना चाहूंगा कि आपको जो सौभाग्य प्राप्त हुआ है आप उसका पूरा पूरा लाभ उठाएंगे और अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे साथ ही अपने परिवार समाज और राष्ट्र के प्रति पूरी कर्तव्य निष्ठा से कार्य करेंगे.
मैं आपके सफल भविष्य की कामना करता हूं इसी के साथ मैं अपने शब्दों को विराम देना चाहूंगा
और एक बार मेरे साथ सभी बोलेंगे जय हिंद, जय भारत
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Mujhe school me speach deni h self difenc ke upar kya aap meri help kr sakte h to mujhe aap whatsapps kr sakte h my contact number 8269559716 rahul kumar district Jalaun u p
Super excellent speech
Thank you Pradeep kant Verma for appreciation.
i like…. bohot hi accha laga … nice speech….
chandrabali thakur aap ko hmara content accha laga ye jankar khushi hui, Dhanyawad