जनसंख्या वृद्धि पर निबंध – Essay on Population in Hindi

🔥 Join Telegram groupJoin Now

Essay on Population in Hindi : आज हम जनसंख्या वृद्धि पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, & 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए सभी देशों द्वारा मिलकर 11 जुलाई को world population day मनाया जाता है। जिसमें जनसंख्या की वृद्धि दर को नियंत्रित करने के लिए चर्चा की जाती है।

बढ़ती जनसंख्या वृद्धि दर हमारे देश के लिए बहुत विनाशकारी है इसीलिए स्कूलों में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए निबंध लिखने को दिए जाते हैं जैसे बच्चों में और उनके अभिभावकों में इसके प्रति जागरूकता लाई जा सके।

Essay on Population in Hindi

Get Some Essay on Population in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 & 12 Students.

Best Essay on Population in Hindi 500 words


प्रस्तावना –

जनसंख्या वृद्धि दर विकासशील देशों की एक अहम समस्या है इस समस्या से हमारा भारत देश भी जूझ रहा है।सबसे अधिक जनसंख्या हमारे पड़ोसी देश चीन में है उसके बाद दूसरा स्थान हमारे देश भारत का ही आता है।

लेकिन कुछ ही सालों में हम जनसंख्या के मामले में चीन को प्रचार ते हुए पहले पायदान पर होंगे। यह कोई उपलब्धि नहीं होगी क्योंकि जनसंख्या वृद्धि के कारण हमारे देश में बेरोजगारी, भूखमरी, गरीबी, भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं उत्पन्न होंगी।

जनसंख्या वृद्धि के कारण –

जनसंख्या वृद्धि के बहुत से कारण है जैसे अशिक्षित लोग, बाल विवाह, पुत्र मोह, रूढ़िवादी सोच, मृत्यु दर में कमी, जीवन प्रत्याशा में वृद्धि इत्यादि के प्रमुख कारण है जिसके कारण निरंतर जनसंख्या वृद्धि हो रही है।

और एक अन्य कारण यह भी है कि लोग परिवार नियोजन के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते है उन्हें निरोध, गर्भनिरोधक औषधियां और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी नहीं होती है।

और कुछ लोग सोचते हैं कि जितनी अधिक संतान होगी उतना ही उनके परिवार को सहारा मिलेगा क्योंकि जितने लोग होंगे उतनी ही कमाई होगी लेकिन होता इसका हमेशा उल्टा ही है। अधिक संतान होने के कारण ज्यादातर लोग नरकीय जीवन यापन करते हैं।

जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव –

जनसंख्या वृद्धि का सबसे अधिक प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ता है जो कि हमारे भविष्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। जनसंख्या वृद्धि के कारण हमें मूलभूत सुविधाएं जैसे स्वच्छ जल, वायु, भोजन, चिकित्सा सुविधा भी नहीं मिल पाती है।

आजकल अस्पतालों में मरीजों की लाइन लगी पड़ी रहती है लेकिन उन्हें देखने के लिए डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो पाते है क्योंकि जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ गई है कि उनकी प्रत्येक आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं की जा सकती है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण ज्यादातर लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन निर्वाह कर रहे है इसके कारण देश के आर्थिक विकास की दर भी धीमी पड़ गई है।

अगर इसी तेजी से जनसंख्या वृद्धि होती रही तो इसके भयावह परिणाम देखने को मिल सकते हैं क्योंकि पृथ्वी पर सीमित मात्रा में संसाधन उपलब्ध है और जनसंख्या वृद्धि के कारण उनका अत्यधिक दोहन हो रहा है

इसलिए आगे जाकर लोगों को स्वच्छ जल, हवा, भोजन नहीं मिल पाएगा और लोगों में हिंसा फैल जाएगी इसका परिणाम यह होगा कि पृथ्वी पर से जीवन विलुप्त भी हो सकता है।

जनसंख्या वृद्धि का समाधान –

जनसंख्या वृद्धि का एक ही समाधान है लोगों को शिक्षित किया जाए और उन्हें जनसंख्या वृद्धि से होने वाले नुकसान के बारे में बताना चाहिए।

हमारी सरकार को जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कड़े कानूनों की व्यवस्था करनी चाहिए और परिवार नियोजन के बारे में प्रचार प्रसार करके लोगों को बताना चाहिए।

उपसंहार –

जनसंख्या वृद्धि एक धीमे जहर के समान है जोकि धीरे-धीरे हमारे रहने के स्थान पृथ्वी को नष्ट कर रही है। हमे स्वयं आगे बढ़कर जनसंख्या को नियंत्रित करना होगा नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब लोग एक दूसरे को मारने पर उतारू हो जाएंगे और पूरी पृथ्वी जंग का मैदान बन जाएगी।

यह हमारी मानव सभ्यता और अन्य वन्यजीवों के लिए आवश्यक है। इसलिए आज ही अपने आसपास के क्षेत्र में लोगों को इसके बारे में जानकारी दें।

Long Essay on Population in Hindi

Best Essay on Population in Hindi for 8, 9, 10, 11, 12th class Student under 1500 words.


रूपरेखा –

जनसंख्या वृद्धि एक सीमित भू-भाग पर अधिक लोगों की संख्या को दर्शाती है। जनसंख्या के मामले में चीन के बाद हमारे भारत देश का ही नाम आता है।

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हमारे देश की जनसंख्या 24।39 करोड़ है। यह लगभग 18% की दर से बढ़ रही है जो कि बहुत अधिक है।

ज्यादातर जनसंख्या वृद्धि विकासशील देशों में ही देखी जा रही है और विकासशील देशों के लिए यह स्थिति भयावह है क्योंकि इतनी जनसंख्या के लिए स्वच्छ वातावरण, जल, भोजन, रोजगार इत्यादि उपलब्ध कराना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए जनसंख्या को नियंत्रित करना बहुत अधिक जरूरी है

जनसंख्या वृद्धि के कारण –

(1) अशिक्षा – शिक्षा की कमी के कारण लोग बच्चे पैदा करते रहते हैं लेकिन उनकी परवरिश और भविष्य के बारे में नहीं सोचते है जिसके कारण जनसंख्या बढ़ती रहती है।

(2) बाल विवाह – कम उम्र में ही बच्चों का विवाह हो जाने के कारण बच्चों का जन्म भी जल्दी होता है जिसके कारण जनसंख्या बढ़ती को और अधिक बढ़ावा मिलता है।

(3) सामाजिक दबाव – कई बार विवाह होने के पश्चात शिक्षित लोग बच्चे का जल्द ही जन्म नहीं करना चाहते लेकिन सामाजिक आलोचनाओं के कारण उन्हें जल्दी बच्चे को जन्म देना पड़ता है जो की जनसंख्या बढ़ती का कारण बनता है।

(4) मृत्यु दर में कमी – हमारी विज्ञान और चिकित्सा पद्धति ने इतनी उन्नति कर ली है कि अब बड़ी बड़ी बीमारियों से भी बचा जा सकता है इसलिए लोग अधिक समय तक जीवित रहते है जो की जनसंख्या वृद्धि में अपनी भागीदारी निभाते रहते है।

(5) रूढ़िवादी सोच – अक्सर गांव के ज्यादातर लोग अपनी रूढ़िवादी सोच के कारण बच्चों को जन्म देते है वे सोचते हैं कि अगर बच्चे नहीं हुए तो उनका परिवार आगे कैसे बढ़ेगा। इसलिए वे अधिक बच्चों को जन्म देते हैं।

(6) बढ़ती जन्म दरें – पुरानी समय में चिकित्सा पद्धति के अधिक विकसित नहीं होने के कारण अक्सर जन्म के समय बच्चों की मृत्यु हो जाती थी लेकिन अब यह बहुत ही कम हो पाता है जिसके कारण जन्म दर बढ़ जाती है और जनसंख्या वृद्धि होती है।

(7) पुत्र मोह – अपने परिवार का कुल आगे बढ़ाने के लिए लोगों की ज्यादा इच्छा लड़के के जन्म की ही रहती है लेकिन अगर लड़की का जन्म हो जाता है,

तो वह दोबारा दूसरे बच्चे को जन्म देते हैं इसी तरह से ज्यादातर मामलों में लड़कियों का जन्म होता रहता है और लोग पुत्र मोह में बच्चों को जन्म देते रहते हैं जिसके कारण जनसंख्या बढ़ती रहती है।

(8) जीवन प्रत्याशा में वृद्धि – जैसे-जैसे मानव के जीवन में सुविधाओं का विस्तार हुआ है और अच्छी शिक्षा, अच्छा भोजन, स्वच्छ जल, स्वच्छता की आदत और अच्छे पोष्टिक भोजन के कारण आज प्रत्येक वर्ग अच्छे से अपना जीवन निर्वाह कर रहा है जिसके कारण प्रत्येक व्यक्ति अच्छे से पोषित रहता है इसी कारण जनसंख्या बढ़ती है।

(9) वृद्धि हुई आप्रवासन – आप्रवासन निवृत्ति ज्यादातर जनसंख्या विस्फोट का मुख्य कारण होती है यह समस्या अक्सर विकसित देशों में अधिक आती है क्योंकि वहां की जीवन शैली बहुत ही सरल होता है।

साथ ही वहां पर सभी प्रकार की सुविधाएं मिलती है और जीवन निर्वाह करने के लिए अच्छा वेतन भी मिलता है इसलिए विकासशील देशों के लोग वहां पर जाना अधिक पसंद करते है जो की जनसंख्या वृद्धि का एक कारण बनता है।

जनसंख्या वृद्धि के कुप्रभाव –

(1) गरीबी – निरंतर जनसंख्या वृद्धि के कारण एक व्यक्ति अपने पूरे परिवार का भरण पोषण नहीं कर पाता है क्योंकि उसकी संतान अधिक होती हैं जिसके कारण उसका पूरा जीवन गरीबी में व्यतीत होता है।

(2) कुपोषण – एक व्यक्ति के अधिक संतान होने के कारण वे उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध नहीं करा पाता है जिसके कारण हमे गरीब तबके के लोगों में कुपोषण जैसी समस्याएं देखने को मिलती है।

(3) प्रदूषित पर्यावरण – अगर किसी देश में अधिक जनसंख्या होगी तो वहां प्रत्येक वस्तु का अत्यधिक इस्तेमाल होगा जिसके कारण पूरा पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है, जनसंख्या वृद्धि के कारण अधिक कार्बन डाइऑक्साइड, दूषित जल, और रहने के लिए स्थान की आवश्यकता के कारण जंगलों की कटाई होती है जिससे जंगल भी खत्म होते हैं साथ ही वहां के प्राणी भी खत्म हो जाते हैं और वायु प्रदूषण जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।

(4) मूलभूत सुविधाओं की कमी – किसी भी देश के नागरिक को अपना जीवन व्यतीत करने के लिए मूलभूत सुविधाएं मिली जरूरी है जैसे रोटी, कपड़ा, मकान, जल इत्यादि लेकिन यह सभी सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और जनसंख्या अधिक होगी तो इन सुविधाओं का मिलना मुश्किल होगा।

(5) बेरोजगारी – जिस तेजी से जनसंख्या वृद्धि हो रही है उस तेजी से उद्योग धंधों में वृद्धि नहीं हो रही है जिस कारण वर्तमान में ज्यादातर लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है।

(6) देश का आर्थिक विकास रुकना – जिस देश की जनसंख्या अधिक होगी उस देश का आर्थिक विकास भी धीमा पड़ जाएगा क्योंकि सरकार जब भी विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाएं बनाती है तो जनसंख्या को ध्यान में रखकर बनाती है।

लेकिन 5 वर्ष में जनसंख्या इतनी अधिक बढ़ जाती है कि उस योजना का प्रभाव देखने को नहीं मिलता है और देश में प्रत्येक वस्तु की खपत भी अधिक होती है जिसके कारण निर्यात में कमी आती है और आर्थिक विकास धीमा होता है।

(7) पोष्टिक आहार की कमी – बढ़ती हुई जनसंख्या की आहार संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसानों द्वारा खेतों में अब यूरिया जैसी खादों का उपयोग किया जाता है क्योंकि दिन प्रतिदिन जनसंख्या तो बढ़ रही है लेकिन उनकी भोजन की व्यवस्था करने के लिए उपजाऊ जमीन सीमित मात्रा में उपलब्ध है।

इसलिए अधिक फसल उत्पन्न करने के लिए कीटनाशक और यूरिया खादों का उपयोग किया जाता है जिसके कारण वह कीटनाशक भोजन के साथ मिलकर हमारे शरीर को खराब करते है इसलिए हमें पोष्टिक आहार नहीं मिल पाता है।

(8) जीवन स्तर में कमी – जनसंख्या वृद्धि के कारण प्रत्येक व्यक्ति के जीवन स्तर में भी कमी आती है गरीब और गरीब होता जाता है और अमीर और अमीर हो जाता है क्योंकि अक्सर गरीब लोग अधिक संतान जन्म देने में विश्वास करते है।

वे सोचते है कि जितनी अधिक संतान होगी उतना ही हाथ होंगे जिससे अधिक कमाई होगी लेकिन वे यह सोचना भूल जाते है कि हर संतान के साथ एक पेट भी होता है जिसे भरने के लिए उतने ही भोजन की आवश्यकता होती है। इसी सोच के कारण जनसंख्या बढ़ती होती रहती है और लोगों को अपनी मूलभूत सुविधाओं में कटौती करके जीवन यापन करना पड़ता है।

(9) महंगाई बढ़ना – अगर किसी वस्तु की कमी होगी तो उसका मूल्य बढ़ना स्वाभाविक है इसलिए जैसे-जैसे जनसंख्या वृद्धि होती है वैसे-वैसे महंगाई भी बढ़ती है क्योंकि खपत बढ़ती है लेकिन उतनी मात्रा में वस्तु उत्पादन नहीं होती है इसीलिए आपने देखा होगा कि वर्तमान में महंगाई बहुत अधिक तेजी से बढ़ रही है।

जनसंख्या को नियंत्रित करने के उपाय –

(1) शिक्षा – अगर हमें जनसंख्या को नियंत्रित करना है तो सबसे पहले हमें शिक्षा का प्रचार प्रसार करना होगा क्योंकि शिक्षा से ही लोगों की आंखों पर पड़ा अंधकार का पर्दा उठेगा और उन्हें ज्ञात होगा कि अधिक संतान के कारण उनके भविष्य के साथ-साथ उनकी संतान का भविष्य भी खराब हो जाता है इसलिए प्रत्येक गांव तक शिक्षा का पहुंचना बहुत आवश्यक है।

(2) जुर्माना या दंड – सरकार को जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए एक नियमित संख्या से ज्यादा संतान पैदा करने पर जुर्माना लगा देना चाहिए या फिर मुफ्त में मिलने वाली सरकारी सुविधाओं से वंचित कर देना चाहिए जिससे लोग जनसंख्या को नियंत्रित करने में सरकार का सहयोग करें।

(3) दत्तक ग्रहण को बढ़ावा देना – आज के पश्चिमी सभ्यताओं के प्रभाव में युवक-युवतियां बिना शादी के संतान पैदा कर लेते हैं लेकिन फिर समाज के डर से वे उन्हें कचरे में फेंक देते है और कुछ लोग अपनी गरीबी के कारण अपने बच्चों को छोड़ देते हैं जो कि अनाथ हो जाते है।

लोगों को इन अनाथ बच्चों को अपना लेना चाहिए जिससे अनाथ बच्चों को उनके माता पिता मिल जाएंगे और जिनको संतान चाहिए उनको संतान मिल जाएगी इससे जनसंख्या वृद्धि भी रोकी जा सकेगी।

(4) परिवार नियोजन – हमारी सरकार द्वारा जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए समय-समय पर परिवार नियोजन करने के लिए कई योजनाएं चलाई जाती है, लेकिन उनका इतना अधिक असर नहीं पढ़ पाता है क्योंकि लोगों को परिवार नियोजन के बारे में जानकारी नहीं होती है।

(5) न्यूनतम विवाह योग्य आयु – हमारे देश में बाल विवाह है एक सबसे बड़ी समस्या है जिसके कारण जनसंख्या बढ़ती तेजी से हो रही है अगर विवाह के लिए न्यूनतम आयु घोषित कर दी जाए तो जनसंख्या वृद्धि रोकी जा सकती है।

हमारे देश में विवाह के लिए न्यूनतम आयु लड़की के लिए 18 वर्ष और लड़के के लिए 21 वर्ष है अगर इसका सख्ती से पालन किया जाए तो जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सकता है।

उपसंहार –

जनसंख्या वृद्धि एक चिंता का विषय है क्योंकि यह जितनी तेजी से बढ़ रही है उसके लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना नामुमकिन सा हो रहा है। जब तक देश का प्रत्येक नागरिक जनसंख्या नियंत्रण के महत्व को नहीं समझेगा तब तक जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण पाना मुश्किल है।

आज प्रत्येक नागरिक को समझने की जरूरत है कि अगर वह जनसंख्या पर नियंत्रण करते हैं तो उन्हें स्वच्छ पर्यावरण वायु, जल, स्वास्थ्य, भोजन मिलेगा जोकि उनके परिवार, देश के लिए और सबसे अधिक हमारी पृथ्वी का वातावरण भी संतुलित रहेगा।

Read Latest Essay on Population in Hindi


यह भी पढ़ें –

समाचार पत्र पर निबंध – Essay on Newspaper in Hindi

डिजिटल इंडिया पर निबंध – Digital India Essay in Hindi

प्रदूषण पर निबंध – Essay on Pollution in Hindi

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Population in Hindi पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

5 thoughts on “जनसंख्या वृद्धि पर निबंध – Essay on Population in Hindi”

Leave a Comment