Duniya ke Saat Ajoobe (Seven Wonders of the World in Hindi) : दोस्तों आज हमने विश्व के सात अजूबों के बारे में जानकारी दी है. हमें यह तो पता है कि विश्व के सात अजूबों में हमारे भारत के ताजमहल को भी शामिल किया गया है.
लेकिन अन्य छ: अजूबों के बारे में हमें कम ही पता है इसलिए हम आज उनकी जानकारी आपके साथ साझा करने जा रहे है.
दुनिया के सात अजूबे कैसे चुने गए –
दुनिया के सात अजूबे चुनने के लिए सन 1999 में स्विजरलैंड द्वारा पैर की गई थी इसके लिए एक फाउंडेशन बनाई गई थी जिसमें विश्व की 200 दावों को शामिल किया गया था बाद में इस लिस्ट को वोटिंग करवा कर सात अजूबे चुने गए थे.
इन सात अजूबों की घोषणा 7 जुलाई 2007 को लिस्बन, पुर्तगाल में Canadian-Swiss Bernard Weber के नेतृत्व में एक सर्वेक्षण के बाद की गई थी और जिसे न्यू 7 वंडर्स फाउंडेशन द्वारा ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड में आयोजित की गई. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सात अजूबे चुनने के लिए करीब 100 मिलियन वोट डाले गए थे.
Duniya ke Saat Ajoobe in Hindi
7 wonders of the world List in hindi
No. | Seven Wonders Name | City & Country |
1. | Christ the Redeemer Statue (क्राइस्ट द रिडीमर) | Rio de Janeiro, Brazil |
2. | Taj Mahal (ताज महल ) | Agra, India |
3. | Great Wall of China (चीन की महान दीवार) | China |
4. | Machu Picchu (माचू पिच्चु ) | Cuzco Region, Peru |
5. | Petra (पेट्रा) | Ma’an, Jordan |
6. | Chichen Itza (चीचेन इट्ज़ा) | Yucatan Peninsula, Mexico |
7. | The Roman Colosseum (कोलोसियम) | Rome, Italy |
(1) क्राइस्ट द रिडीमर (Christ the Redeemer Statue) – ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में स्थापित ईसा मसीह की एक प्रतिमा है यह तिजुका फोरेस्ट नेशनल पार्क में कोर्कोवाडो पर्वत पर स्थित है इसका निर्माण कार्य 1922 से लेकर 1931 तक किया गया था.
इसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टैच्यू माना जाता है। इसे 7 जुलाई 2007 को दुनिया के सात अजूबों में जगह दी गई थी. क्या वजन लगभग 635 टन है और यह प्रतिमा अपने 9.5 मीटर (31 फीट) आधार सहित 39.6 मीटर (130 फीट) लंबी और 30 मीटर (98 फीट) चौड़ी है।
धर्म की एक प्रतीक के रूप में यह अब ब्राजील देश की एक पहचान बन गई है साथ ही यह ब्राजील में आने वाले विदेशी पर्यटकों का मुख्य आकर्षण भी है. इस प्रतिमा का डिजाइन ब्राजील की ही स्थानीय इंजीनियर हेटर दा सिल्वा कोस्टाद्वारा बनाया गया और मूर्तिकार पॉल लैंडोव्स्की द्वारा मजबूत कांक्रीट और सोपस्टोन से बनाया गया है.
(2) ताज महल (Taj Mahal) – भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में यमुना नदी के दक्षिण तट पर स्थित ताजमहल को भी सन 1983 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किया गया था और वर्ष 2007 में इसको विश्व के सात अजूबों में शामिल किया गया था.
इसका निर्माण कार्य मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा 1632 ईस्वी में प्रारंभ किया गया था और यह लगभग 10 वर्ष के बाद 1643 ईस्वी में बनकर तैयार हो गया था. यह शाहजहां की सबसे पसंदीदा पत्नी मुमताज का मकबरा है जिसे सफेद संगमरमर पत्थर द्वारा बनाया गया है.
ताजमहल को प्रेम का प्रतीक भी माना गया है इसलिए भारत में आने वाले पर्यटक इसको देखना पसंद करते है.
(3) चीन की दीवार (Great Wall of China) – चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी हुई है इसका निर्माण 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 16 वीं शताब्दी तक करवाया गया था चीन के पूर्व सम्राट किन शी हुआंग की कल्पना के बाद इसके निर्माण कार्य में लगभग 2000 साल के थे.
इस दीवार की लंबाई 6400 किमी. है, ये दुनिया में इंसानों की बनाई सबसे बड़ी संरचना है. इस दीवार की चौड़ाई की बात करें तो इस पर 5 घुड़सवार और 10 पैदल व्यक्ति एक साथ चल सकते हैं. यह दीवार इतनी विशालकाय है कि इसको अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है.
दीवार को चीन के सम्राट ने उत्तरी हमलावरों से बचने के लिए बनाया था. 1987 में इस दीवार को यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया था
(4) Machu Picchu (माचू पिच्चू) – माचू पिच्चू का मतलब पुरानी चोटी होता है. दक्षिण अमेरिकी देश पेरू मे स्थित एक कोलम्बस-पूर्व युग, इंका सभ्यता से संबंधित ऐतिहासिक स्थल है। इसे अक्सर “इंकाओं का खोया शहर “ का खोया शहर भी कहा जाता है.
माचू पिच्चू को 1981 में पेरू का एक ऐतिहासिक देवालय घोषित किया गया और 1983 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की दर्जा दिया गया। 7 जुलाई 2007 को घोषित विश्व के सात नए आश्चर्यों में माचू पिच्चू को भी शामिल किया गया था. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 2430 मीटर है.
सन 1911 में अमेरिकी इतिहासकार हीरम बिंघम ने इसकी खोज की थी तभी से यह दुनिया का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन गया है. इसे पॉलिश किए हुए पत्रों द्वारा बनाया गया है और इस भवन में इंतीहुआताना (सूर्य का मंदिर) और तीन खिड़कियों वाला कक्ष प्रमुख हैं।
(5) पेट्रा Petra (Jordan) – जॉर्डन के अमान प्रांत में स्थित प्राचीन और पुरातात्विक शहर पेट्रा जिसमें चट्टानों को काटकर इमारतें बनाई गई है. इसका निर्माण कार्य 1200 ईसा पूर्व के आसपास प्रारंभ किया गया था. इस इमारत का निर्माण पूरा कभी नहीं हो पाया इसलिए यह अभी भी आधी अधूरी है.
पेत्रा को युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर होने का दर्जा मिला हुआ है। प्राचीन शहर पेट्रा वाडी मूसा में स्थित है। यहां पर प्रतिवर्ष 8 मिलियन से भी अधिक पर्यटक घूमने आते हैं. टेट्रा की इमारत के अंदर लगभग 800 नक्काशीदार कब्रें हैं।
वर्ष 2007 में इसे सात अजूबों की लिस्ट में शामिल किया गया है. किसी चट्टान को काटकर इमारत बनाना और उसमें नक्काशी करना बहुत ही मुश्किल कार्य है लेकिन पुराने जमाने की इस कलाकृति को देखकर आज भी लोग अचंभित हो जाते है.
(6) चीचेन इट्ज़ा Chichen Itza (Yucatan Peninsula, Mexico) – चिचेन इट्ज़ा मेक्सिको देश के यूकाटन राज्य में स्थित है. चिचेन इट्ज़ा नाम का मतलब होता है कुएं के किनारे होता है. यहाँ की मूर्तिकला जो सैन्यवाद के विषयों को दर्शाती है और जगुआर, ईगल्स, पंख वाले साँपों की कल्पना को दर्शाता है।
पूर्व-कोलंबियाई माया सभ्यता द्वारा नौवीं और बारहवीं शताब्दी के मध्य बसाया गया शहर है. यह एक मंदिर है जो कि 5 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है इस मंदिर को पिरामिड की आकृति का बनाया गया है जिसकी ऊंचाई 79 फीट है.
इस मंदिर के चारों तरफ चिड़िया बनाई गई है प्रत्येक दिशा में 91 सीढ़ियां हैं जो कि कुल मिलाकर 365 चिड़िया होती हैं जो कि साल के 365 दिन का प्रतीक है. मंदिर के आसपास ताली बजाने पर चिड़ियों की चहचहाहट की आवाज उत्पन्न होती है.
चिचेन इट्ज़ा में आकर्षण का केंद्र पिरामिड एल कैस्टिलो है। इसे प्रतिवर्ष 1 पॉइंट 2 मिलियन लोग देखने आते हैं चीचेन इट्ज़ाको वर्ष 2007 में विश्व के सात अजूबों में शामिल किया गया था.
(7) Roman Colosseum (कोलोसियम) – यह इटली देश के रामनगर में स्थित रोमन साम्राज्य का सबसे विशालकाय एलिप्टिकल एंफीथियेटर (स्टेडियम) है. इसका निर्माण 70वीं से लेकर 72वीं ईस्वी के दौरान करवाया गया था और 80वीं ईस्वी में इसको सम्राट टाइटस द्वारा पूरा किया गया था।
इस स्टेडियम में एक समय में करीब 50000 लोग बैठ सकते है. यह इटली का सबसे विख्यात पर्यटक स्थल है इसको प्रतिवर्ष 40 लाख से भी ज्यादा लोग देखने आते है. इसका निर्माण पत्थर रेत और चूने से किया गया था.
कोलोसियम की दीवार की उंचाई 157 फीट और परिधि 1788 फीट है। इसकी विशालकाय आकृति को देखते हुए इसे सात अजूबों में शामिल किया गया है.
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