Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi : आज हमने आदर्श विद्यार्थी पर निबंध लिखा है इस निबंध की सहायता से विद्यार्थियों को पढ़कर उन्हें अच्छी शिक्षा मिलेगी और उन्हें एक आदर्श विद्यार्थी बनने की प्रेरणा भी मिलेगी जिससे उनके जीवन में बदलाव आएगा और वे अच्छी प्रकार से पढ़ लिख पाएंगे और सफलता को प्राप्त कर पाएंगे.
आदर्श विद्यार्थी पर यह निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के विद्यार्थियों की सहायता के लिए लिखा गया है.
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विषय-सूची
Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi for Class 1,2,3,4
एक आदर्श विद्यार्थी का लक्ष्य होता है कि वह एकाग्रता पूर्वक पढ़ाई करके एक सफल व्यक्ति बने. आदर्श विद्यार्थी देश की तरक्की में चार चांद लगा देता है वह हमेशा अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए ही सोचता रहता है.
एक आदर्श विद्यार्थी वह होता है जो विद्यालय में प्रतिदिन जाता हूं और शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जाने पर एकाग्रता पूर्वक पढ़ता हूं.
वह बेकार की बातों में अपना समय व्यर्थ नहीं करता है. वह नियमित रूप से स्कूल से मिले हुए होमवर्क को करता है और साथ ही पढ़ाए गए पाठ को दोहराता है.
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आदर्श विद्यार्थी हमेशा अनुशासन में रहता है वह साफ सुथरे कपड़े पहनता है और उसकी आंखों में एक अलग ही तेज होता है वह निडर और साहसी होता है. स्कूल के सभी बच्चे उसकी तरह बनना चाहते हैं आदर्श विद्यार्थी अन्य विद्यार्थियों का प्रेरणा स्रोत होता है.
वह हमेशा अपने से बड़ों का सम्मान करता है और सभी के साथ प्रेम भाव से रहता है.
Best Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi 250 words
एक आदर्श विद्यार्थी अपने स्कूल के साथ-साथ अपने माता-पिता और देश का नाम भी रोशन करता है ऐसे विद्यार्थी बचपन से ही बहुत होशियार होते हैं और इनके मुंह पर एक अलग सा ही तेज होता है. ऐसे विद्यार्थी हमेशा दूसरों के प्रति सेवा भावना रखते हैं.
ऐसे विद्यार्थियों को जो भी कार्य दिया जाता है वह पूरी एकाग्रता से करता है और कार्य पूरा होने तक अपना कर्तव्य निभाता है. आदर्श विद्यार्थी कर्मठ और ईमानदार होते है. ऐसे विद्यार्थी हमेशा कुछ ना कुछ सीखने की कोशिश करते रहते हैं अपने समय का सदुपयोग करते है.
आदर्श विद्यार्थी हमेशा सत्य का साथ देते है इन्हें झूठ से बहुत नफरत होती है. ऐसे ही झूठ बोलने वाले लोगों को सत्य बोलने के लिए प्रेरित करते है. विद्यार्थी हमेशा सभी की सहायता के लिए तत्पर रहते है. आदर्श विद्यार्थी हमेशा अपने जीवन में कुछ ना कुछ नियम बना कर चलता है और उनका पालन करता है.
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ऐसे विद्यार्थी अपना जीवन अनुशासन में रहकर व्यतीत करते हैं वह कभी भी विद्यालय में उत्पात मचाते है. हमेशा अपने गुरुजनों की आज्ञा का पालन करते है और अपने माता-पिता, अपने से बड़े लोगों का हमेशा सम्मान करते है.
इन विद्यार्थियों को विलासिता की चीजों की लालसा नहीं होती है इन्हें तो सिर्फ अच्छी किताबें पढ़ने का शौख होता है. ऐसे विद्यार्थी महान लोगों की किताब पढ़कर उससे कुछ ना कुछ सीखते रहते हैं और साथ ही अपने जीवन में भी इन बातों को उतारते है. जिससे भविष्य में ये सफलता के शिखर को छूते है.
Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi for Class 5,6,7,8 Student
एक विद्यार्थी ही किसी देश के आने वाले भविष्य का निर्माण करता है क्योंकि विद्यार्थियों को ही आगे जाकर युवा शक्ति के रूप में उभरना है एक विद्यार्थी यह जो किसी देश को अच्छा बना सकता है तो किसी देश को पूरा भी बना सकता है इसीलिए एक विद्यार्थी का आदर्श विद्यार्थी होना बहुत आवश्यक होता है.
आदर्श विद्यार्थी वह नहीं होता है जो सिर्फ कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करता है आदर्श विद्यार्थी वह होता है जो कक्षा में अच्छे अंक लाने के साथ साथ सामाजिक जीवन की भी समझ रखता हो और बड़ों का सम्मान करता हो.
एक अच्छे विद्यार्थी की निशानी गई होती है कि वह हमेशा आशावादी बना रहे क्योंकि अगर वह आशावादी नहीं होगा तो कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर पाएगा और बुरी संगत में पड़ सकता है.
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एक आदर्श विद्यार्थी हमेशा अपने सहपाठियों की मदद करता है कोई भी मुसीबत आने पर उनका डटकर सामना करता है वह ईमानदारी और कर्मठता पूर्वक अपने कर्तव्यों को पूरा करता है. वह हमेशा सभी लोगों से अच्छा व्यवहार करता है उसका आचरण हमेशा हंसमुख और दिल जीतने वाला होता है.
एक अच्छा विद्यार्थी वही होता है जो सदैव सहायता करने के लिए तत्पर रहता हो और पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद वाद विवाद प्रतियोगिता और पुरस्कार जीतने के साथ ही दिल जीतने की भी क्षमता रखता हो, वह हमेशा नियमित रूप से सुबह जल्दी उठता है और स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहता है इसलिए वह सुबह योगा भी करता है और मन को शांत रखने के लिए ध्यान भी लगाता है.
एक आदर्श विद्यार्थी हर काम समय पर करता है क्योंकि उसे समय के मूल्य की अच्छे से पहचान होती है उसकी सोच अपने तक सीमित नहीं रहती है वह अन्य लोगों के बारे में भी उतना ही सोचता है वह हर धर्म और देश के नागरिकों का सम्मान करता है.
वह हमेशा नियमों की पालना करता है और जो नियमों का पालन नहीं करता उन्हें उसके बारे में समझाता है ऐसे विद्यार्थी ही आगे जाकर अपने मां बाप का नाम और देश का नाम रोशन करते है. आदर्श विद्यार्थी हमेशा अपनों को साथ लेकर चलता है.
जिससे वह स्वयं तो सफल होता ही है साथ में अपने साथियों को भी सही राह पर ले जाकर सफलता का रास्ता दिखाता है.
Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi 1400 Words
एक आदर्श विद्यार्थी जन्म से आदर्श विद्यार्थी नहीं होता है वह अच्छे लोगों के साथ रहकर अच्छी शिक्षा प्राप्त करके और अच्छे गुणों को अपना कर ही एक आदर्श विद्यार्थी बनता है.
जब भी कोई व्यक्ति एक कार्य को बार बार करता है तो है उसमें कर्मठ हो जाता है और उसको वह कार्य पसंद आने लगता है और आसानी से हो जाए उसे बार-बार कर पाता है और वह सफल हो जाता है.
उसी प्रकार विद्यार्थी भी अगर बचपन से ही अच्छे को को अपनाएं तो वह भी जिंदगी के हर मोड़ पर कठिनाइयों से लड़ता हुआ सफलता को प्राप्त कर सकता है.
आदर्श विद्यार्थी की विशेषताएं –
(1) कर्मठ – आदर्श विद्यार्थी जब भी कोई कार्य करता है तो वह उस कार्य को पूरा मन लगाकर करता है जिसके कारण वह हमेशा सफलता को प्राप्त करता है इसी कारण वह पढ़ाई में खेल में एवं अन्य क्षेत्रों में सफल हो जाता है क्योंकि वह निरंतर उसके लिए कर्मठता पूर्वक प्रयत्न करता रहता है.
(2) ऊर्जावान – अच्छा विद्यार्थी हर दिन नई ऊर्जा के साथ उठता है वह कभी भी किसी प्रकार का अलग से नहीं करता है वह अच्छा भोजन खाता है साथ ही योगा और व्यायाम भी करता है जिससे उसका शरीर पूरे दिन ऊर्जा से भरा हुआ रहता है और उसका पढ़ाई में अत्यधिक मन लगता है.
(3) जिज्ञासु – एक सफल विद्यार्थी का पहला रहस्य यही है कि वह जिज्ञासु होता है क्योंकि जिज्ञासु विद्यार्थी अपने शिक्षक से हर प्रकार के सवाल करता है और उनका जवाब हासिल करता है लेकिन जो विद्यार्थी शिक्षक से बात ही नहीं करता किसी भी प्रकार की सीखने की जिज्ञासा नहीं रखता तो वह कभी भी सफल नहीं हो सकता है
(4) सकारात्मक – विद्यार्थी का सकारात्मक होना बहुत जरूरी है क्योंकि जब तक विद्यार्थी सकारात्मक नहीं होगा तब तक वह किसी भी क्षेत्र में अपना शत-प्रतिशत नहीं दे पाएगा और वह लक्ष्य से भटक जाएगा. विद्यार्थी को मुसीबत में होने पर भी सकारात्मक सोचना चाहिए तभी जाकर उस मुसीबत का हल निकाला जा सकता है.
(5) धैर्यवान और विवेकशील – आदर्श विद्यार्थी हमेशा धैर्यवान और विवेकशील होते हैं यह कभी भी किसी कार्य को करने के लिए जल्दबाजी नहीं करते हैं और कठिनाई आने पर अपने विवेक से काम लेते है इसी कारण वे एक आदर्श विद्यार्थी बन पाते है.
(6) सच्चा और आज्ञाकारी – एक आदर्श विद्यार्थी हमेशा सच बोलता है और जो विद्यार्थी हमेशा सच बोलता है वही आगे बढ़ता है क्योंकि जो झूठ बोलता है वह एक झूठ को छुपाने के लिए उसे और अधिक झूठ बोलने पड़ते है जिसके कारण वह कभी भी सफल नहीं हो पाता है.
अच्छे विद्यार्थी हमेशा अपने से बड़ों की आज्ञा का पालन करते है जिसके कारण वे सभी के प्रिय होते है और अपने कार्य में भी सफल होते है.
(7) नेतृत्व करने वाला – अच्छा विद्यार्थी नेतृत्व करने वाला होता है वह हमेशा अपने साथियों को साथ लेकर चलता है वह अपने ज्ञान का कभी भी अभिमान नहीं करता है इसी कारण उसमें धीरे-धीरे नेतृत्व करने की क्षमता विकसित होती है वह आगे जाकर देश के लिए अच्छा कार्य करता है.
(8) ज्ञानवान – आदर्श विद्यार्थी हमेशा ज्ञानवर्धक बातें करता है वह कभी भी फालतू की चर्चा नहीं करता है हमेशा अपने काम से काम रखता है और कक्षा में भी हमेशा प्रथम आता है क्योंकि वह हमेशा ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढ़ता रहता है जिसे उसके ज्ञान में बढ़ोतरी होती रहती है.
(9) अनुशासन प्रिय – अच्छा विद्यार्थी हमेशा अनुशासन में रहता है वह समय पर उठता है समय पर भोजन करता है समय पर स्कूल जाता है, समय पर खेलता है और समय पर अपना कार्य करता है. वह स्कूल समाज और देश के नियमों का भी पालन करता है इसी कारण अनुशासन में रहने वाले विद्यार्थी हमेशा अन्य विद्यार्थियों से आगे रहते है.
(10) समय का सदुपयोग – आदर्श विद्यार्थी हमेशा समय का सदुपयोग करता है क्योंकि एक बार समय अगर बीत जाता है तो वह दोबारा लौटकर नहीं आता है इसलिए वह अच्छे से जानता है कि समय की बर्बादी उसके जीवन के बर्बादी है इसलिए वह हमेशा समय का सदुपयोग करके अपना सफल भविष्य बनाता है.
आदर्श विद्यार्थी कैसे बने –
(1) आज्ञाकारी बने – आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए आपको अपने माता पिता, गुरुजनों और अन्य बड़े लोगों की आज्ञा का पालन करना होगा क्योंकि वे जो भी कार्य आपको करने के लिए कहते हैं वह आप के भले के लिए ही होता है जैसे ही आप बड़ों की आज्ञा का पालन करने लगेंगे आपको आपके जीवन में बदलाव दिखाई देने लग जाएंगे.
(2) दूसरों के प्रति सद्भावना रखें – एक आदर्श विद्यार्थी को हमेशा दूसरों के प्रति सद्भावना रखनी चाहिए उन्हें कभी भी किसी से लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए क्योंकि आप दूसरे लोगों का ख्याल रखेंगे तो वह भी आपका ख्याल रखेंगे और आपको भी उतना ही प्यार करेंगे.
(3) अच्छी पुस्तकें पढ़ें – जीवन भी अच्छी पुस्तकें पढ़ना बहुत जरूरी होता है और एक विद्यार्थी के लिए तो यह और भी आवश्यक हो जाता है क्योंकि यह जीवन का पहला बड़ा होता है ऐसे ही इसी वक्त विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा मिल जाती है तो वह जीवन भर अच्छा काम करता है, अच्छे लोगों के साथ रहता है और जीवन में सभी सफलताओं को प्राप्त करता है.
(4) आदर और सम्मान करें – एक विद्यार्थी को सभी व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए और उनका आदर भी करना चाहिए क्योंकि आदर और सम्मान एक ऐसी चीज है जिसे आप जितना दोगे उतना ही आपको मिलेगा इसलिए अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं आपको दूसरे लोगों को आदर और सम्मान देना पड़ेगा.
(5) दिनचर्या की तालिका बनाएं – कई विद्यार्थियों को पढ़ने लिखने में बहुत दिक्कत आती है क्योंकि वह अपने समय का सही से उपयोग नहीं करते हैं जिसके कारण वह पढ़ लिख नहीं पाते है और परीक्षा में सफल नहीं हो पाते है.
इसलिए विद्यार्थियों को अपनी दिनचर्या की तालिका बनानी चाहिए जिससे उन्हें आसानी होगी कि कौन सा कार्य होने कब करना है और कौन सा विषय कब पढ़ना है इससे उनकी पढ़ने में भी रुचि बढ़ेगी और समय का सदुपयोग भी होगा.
(6) स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें – जो व्यक्ति स्वस्थ नहीं रहता है वह पढ़ाई लिखाई तो क्या वह कुछ भी नहीं कर पाता है इसलिए हमेशा विद्यार्थी को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए क्योंकि बिना स्वस्थ शरीर के आप कुछ भी नहीं कर सकते है.
(7) नम्र और उदार बने – कई विद्यार्थी काफी लड़ाई झगड़ा करते हैं और एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं उन्हें ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए उन्हें अपने साथियों और अन्य लोगों के साथ नम्र व्यवहार करना चाहिए जब कभी भी किसी को उनकी आवश्यकता हो तो उदारता पूर्वक उनकी सहायता करनी चाहिए.
(8) सेवा भावना रखें – विद्यार्थियों को हमेशा सेवा भावना रखनी चाहिए उन्हें बड़े बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए क्योंकि उन्हीं से उन्हें पूरे जीवन की जानकारी मिलती है और नई शिक्षाप्रद कहानियां भी सुनने को मिलती है.
(9) आशावादी रहे – जो विद्यार्थी थोड़ी सी असफलता मिलने पर निराश हो जाते हैं उन्हें कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि निराशावादी लोग कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकते जैसे कि उगते हुए सूरज को सभी देखना पसंद करते है लेकिन डूबते हुए सूरज को कोई भी देखना पसंद नहीं करता है इसलिए हमेशा आशावादी रहकर सफलता प्राप्त करें
(10) लक्ष्य का निर्धारण करें – अगर आपको किसी कार्य में सफलता प्राप्त करनी है तो आपको हमेशा उसका लक्ष्य निर्धारण करना आवश्यक होता है लक्ष्य कि आप समंदर में खोई हुई नाव की तरह होते हो जो की लहरों के थपेड़े खाते-खाते नष्ट हो जाती है इसलिए हमेशा लक्ष्य का निर्धारण करके आगे पढ़े आपको सफलता अवश्य मिलेगी.
(11) सदैव विद्यालय जाए – कुछ विद्यार्थी विद्यालय में जाने से कतराते है और कुछ विद्यार्थी कोई ना कोई बहाना बनाकर विद्यालय से छुट्टी ले लेते है और वह अनमोल शिक्षा से वंचित रह जाते है इसलिए हमेशा विद्यालय जाना आवश्यक होता है.
(12) बुरी संगति से दूर रहे – कुछ विद्यार्थी बुरे लोगों के साथ रहकर बुरी संगति में पड़ जाते है जिसके कारण उनका पढ़ाई लिखाई में मन नहीं लगता है और उनका पूरा जीवन खराब हो जाता है इसलिए हमेशा अच्छे लोगों के साथ रहे जैसे आप भी एक आदर्श विद्यार्थी बन सकें.
निष्कर्ष –
एक आदर्श विद्यार्थी ही जीवन में सफल हो सकता है क्योंकि आदर्श विद्यार्थी में बचपन से ऐसे गुण होते हैं जिससे वह जीवन में आने वाली हर मुश्किलों का धैर्य पूर्वक सामना कर सकता है वह अन्य लोगों की तुलना भी बहुत समझदार होता है इसीलिए वह बचपन से ही अपना लक्ष्य निर्धारण कर लेता है और बड़ी सफलता प्राप्त करता है.
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Sir this essay is osm i appreciate it thank u so much sir it helped me a lot keep it up sir
Welcome Rupali gupta
Sorry to say but there are so many mistakes in it but it is nice . Keep it up . And thanks for this . ☺☺☺👌👍👍
Thank you Prachi
op essay nice nice
Thank you Iron man for appreciation.
Thanks for this beautiful essay 😀😀😀
Welcome, Prabhnoor Kaur ji
thanks for this beautiful essay
Thank you utkarsh for appreciation keep visiting Hindi yatra.
Thank you very much
Welcome Gurveer, keep visiting Hindi yatra.
Admin ji bahut badhiya soch paye hai aapne aise hi nibandh likhte rehna aur hame aur jagrut aur hoshiyaar banana
Meri teacher ko yah bahut acha laga unhone aapki kafi tarif ki hai….
Aayush Divase sarhana ke liye aap ka bahut bahut dhanyawad, or aap ki teacher ko hindi yatra ki tarf se dhanyawad bol na.
Hmm mujhe ye San essay padh me acha laga aur jab ye essay Mene MERI teacher ko dikhaya to MERI class m Impression ban gyi
Priyanshu achi baat hai aap ko nibandh pasand aaya, aise hi nibandh padhne ke liye hindi yatra par aate rahe.
Exam me mujhe is me 25 mey 20 mile
DHANYAVAAD
Karttavy Mehdiratta, bhut acche mazrks mile hai aap ko aise hi mehnat karte rahe, dhanyavad.
Yah paragraph Kaisa hoga ma ak Jan Ka nam bata ti hu diya
Tnks for such a wonder essay of 250 words only really tnks to producer coz it have great meaning
Welcome Saad and keep visiting our website.
Aur aaisa hi bhejiye
Dhanyawad Saurav kumar, hum aise hi essay likhte rhe ge aap website par aate rahe.