Swami Vivekananda Interesting Story in Hindi | स्वामी विवेकानंद

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Swami Vivekananda Interesting Story in Hindi : आज हम आपको बताने जा रहे हैं स्वामी विवेकानंद जी  के जीवन की कुछ रोचक कहानियां जिनको पढ़कर आप ही अंदाजा लगा सकते हैं कि स्वामी जी की सोच कितनी अच्छी थी. इन कहानियों से जो सीख मिलती है वह आप अपने जीवन में भी उतार सकते हैं इन कहानियों से स्वामी जी की उदारता और चतुरता की व्याख्या की है.

स्वामी विवेकानंद को भारत में उनको सन्यासी का अमेरिका में उनका नाम साइक्लोनिक हिंदू पड़ा. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था बचपन का नाम नरेंद्र नाथ था. स्वामी जी का जन्मदिन अब भारत में युवा दिवस के रुप में मनाया जाता है.

Swami Vivekananda Interesting story in Hindi

#1 Swami Vivekananda Story in Hindi – “Concentration Power

स्वामी विवेकानंद जी की एकाग्रता-

एक बार की बात है स्वामी विवेकानंद अमेरिका में भ्रमण कर रहे थे एक जगह से गुजरते हुए उन्होंने देखा कि कुछ लड़के नदी में तैर रहे अंडे के छिलकों पर बंदूक से निशाना लगा रहे थे.

लेकिन किसी का भी निशाना सही नहीं लग पा रहा था बस क्या था.

उसके बाद स्वामी जी लड़कों के पास पहुंचे लड़के के हाथ से बंदूक ली और खुद निशाना लगाने लगे.

लड़के हंसने लगे कि गेरुआ वस्त्र पहनी कोई सन्यासी सा व्यक्ति क्या निशानेबाजी करेगा.

लेकिन जब स्वामी विवेकानंद ने पहली बार ट्रिगर दबाया तो निशाना बैठा बिल्कुल अचूक अंडा चूर-चूर हो चुका था.

उसके बाद 12 बार निशाने लगाएं और मजे की बात यह है कि सभी एकदम सटीक लगे लड़के यह देख कर दंग रह गए और पूछा यह आपने कैसे किया.

सभी निशाने आपकी कैसे सही लगे.

स्वामी विवेकानंद ने लड़कों से कहा कि मैंने जीवन में पहली बार बंदूक उठाई है लेकिन बात है सिर्फ एकाग्रता की अपने मस्तिष्क को सिर्फ लक्ष्य की ओर रखो और बाकी सब भूल जाओ तो बस निशाना सही बैठ जाएगा.

यह भी पढ़ें – Swami Vivekananda Biography in Hindi विवेकानंद की जीवनी


#2 Second Story of Swami Vivekananda – “Brain control

स्वामी विवेकानंद का अपने दिमाग पर नियंत्रण-

एक बात पहले भी एक ऐसा ही किस्सा हुआ था तब विवेकानंद जी बहुत छोटे थे स्कूल में पढ़ते थे मास्टर जी क्लास में आए उन्होंने पढ़ाना शुरू किया उसी बीच बच्चों में फुसफुसाहट शुरू हो गई.

मास्टर जी गुस्सा होकर बोले कौन बात कर रहा है क्लास के सभी बच्चों ने उस तरफ इशारा कर दिया जिस तरफ स्वामी विवेकानंद जी और उनके दोस्त बैठे हुए थे.

मास्टर जी को बहुत गुस्सा आया उन्होंने तुरंत स्वामी विवेकानंद और उनके दोस्तों को बुलाया और कुछ ऐसे सवाल पूछ लिए जिसके बारे में वह पढ़ा रहे थे बाकी सब तो खामोश रहे.

लेकिन विवेकानंद ने मास्टरजी के सभी सवालों का सही जवाब दे दिया तो सभी बच्चों को सजा मिली कि अपनी-अपनी डेस्क पर खड़े हो जाओ सिर्फ विवेकानंद को कहा कि तुम बैठे रहो अपनी जगह.

लेकिन विवेकानंद बोले नहीं मास्टर जी मुझे भी सजा मिलनी चाहिए.

मैं भी डेस्क पर खड़ा होऊंगा क्योंकि मैं भी बातचीत कर रहा था.

मैं ही ज्यादा बोल रहा था यह लोग तो मेरी बातें सुन रहे थे.

फिर मास्टरजी ने चौक कर पूछा तो फिर तुमने मेरे प्रश्नों का उत्तर कैसे दे दिया.

तो विवेकानंद जी ने कहा कि मैं अपने दोस्तों के साथ साथ बात भी कर रहा था लेकिन आप की भी सारी बातें सुन रहा था तो ऐसा नियंत्रण था बचपन से ही अपने दिमाग पर स्वामी विवेकानंद जी का.


#3 Third Story – How did Swami Vivekananda Define Mother

स्वामी विवेकानंद जी ने किस तरह मां को परिभाषित किया-

जब किसी ने विवेकानंद जी से पूछा की मां की महिमा की बात दुनिया में इतनी क्यों होती है ?

तो विवेकानंद जी ने मुस्कुरा कर कहा कि 5 किलो का एक पत्थर लेकर आओ और उसे अपने पेट से बांध लो.

जब अगले दिन वह इंसान स्वामी विवेकानंद जी के पास पहुंचा तो बहुत ही थका हारा था.

वह थक के बस गिरने ही वाला था उसने कहा  स्वामी जी अब मैं और इस पत्थर को अपने पेट से बांधकर नहीं रख सकता, मैं कुछ काम नहीं कर पाता हूं इस पत्थर को बांधकर.

विवेकानंद जी ने मुस्कुराते हुए कहा कि तुम पेट पर पत्थर का बोझ 1 दिन भी नहीं उठा पाए ढंग से.

और एक मां है जो अपने गर्भ में पलने वाले शिशु को पूरे 9 माह तक ढोती है.

इसलिए ही संसार में मां जैसा और कोई नहीं है मां से बढ़कर कोई और धैर्यवान सहनशील नहीं हो सकता है.


#4 Forth Story of Swami Vivekananda – “Mother Sharda’s Examination

मां शारदा की परीक्षा-

जब स्वामी विवेकानंद जी शिकागो जा रहे थे तब आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे रामा कृष्ण जी की पत्नी मां शारदा के पास.

मां शारदा ने पहले दिन कहा कि कल आना आशीर्वाद लेने के लिए पहले तुम्हारी परीक्षा लूंगी पात्रता देखूंगी फिर आशीर्वाद दूंगी.

अगले दिन जब विवेकानंद जी पहुंचेतो मां शारदा ने उनकी तरफ देखा और कहा अच्छा जो चाकू पड़ा है उस तरफ वह पकड़ा ना मुझे, विवेकानंद जी ने चाकू उठाकर मां शारदा को दिया मां शारदा ने चाकू को अपने हाथ में ले लिया और फिर स्वामी विवेकानंद को आशीर्वाद दिया.

स्वामी विवेकानंद जी यह देख कर चौक गए….

जब उन्होंने यह प्रश्न मां शारदा से पूछा तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे चाकू देने के अंदाज से तरीके से ही समझ गई कि तुम एक संत आत्मा हो “ज्यादातर लोग जब भी चाकू को अपने हाथ में पकड़ते हैं तो चाकू का नुकीला हिस्सा दूसरे की तरफ रखते हैं और धारदार तरफ से चाकू दूसरे को पकड़ा देते हैं

लेकिन तुमने ऐसे नहीं किया तुमने धारदार हिस्सा अपनी तरफ रखा और चाकू मेरे हाथों में पकड़ा दिया तो देखा आपने की कितनी पारखी आंखें थी मां शारदा की और स्वामी विवेकानंद जी ने उनके फैसले को बिल्कुल सही भी साबित कर दिखाया.


Swami Vivekananda

#5 Fifth  Story of Swami Vivekananda – “Whore’s Pure Soul

वेश्या की शुद्ध आत्मा-

यह बात तब की है जब स्वामी विवेकानंद जयपुर के महाराज के यहां अतिथि बनकर रुके हुए थे उनके जाने के समय जयपुर के महाराजा ने बड़े शानदार जलसे का आयोजन किया जिसमें कई महसूर वेश्याएं भी बुलाई गई.

जब स्वामी जी ने यह सुना कि जलसे में वेश्याएं भी आई है…

तो उन्होंने अपने कमरे की कुंडल अंदर से बंद कर ली और बाहर निकलने से मना कर दिया.

सब लोग चले गए लेकिन एक वेश्या उनके कमरे के बाहर ही बैठी रही..

और उसने वहां पर गाना शुरू कर दिया गाने का अर्थ कुछ इस तरह से था “कि स्वामी जी आप इतनी पवित्र आत्मा है इतनी बड़ी आत्मा है मैं मानती हूं कि मैं बहुत बड़ी  पापन हूं, अभागन हूं. लेकिन आप मुझसे इतना डर क्यों रहे हैं

अब स्वामी जी ने जब यह गाना सुना तो जैसे उनकी आंखें खुल गई, वह कमरे से बाहर निकले और वेश्या का अभिवादन भी उन्होंने स्वीकार किया.

और बाद में स्वामी जी ने लिखा कि जरूर मेरे भीतर कोई लालसा रही होगी जिसकी वजह से मैं डर गया था किंतु उस औरत ने मुझे पूरी तरह हरा दिया मैंने कभी नहीं देखी इतनी शुद्ध आत्मा.


#6 Sixth Story of Swami Vivekananda – “Marriage Proposal of a Woman

स्वामी विवेकानंद जी को एक महिला का शादी का प्रस्ताव –

एक बार की बात है स्वामी विवेकानंद जी विदेश में थे तब एक विदेशी महिला स्वामी विवेकानंद जी के पास आई और कहा कि स्वामी विवेकानंद जी मैं आपसे शादी करना चाहती हूं.

विवेकानंद जी ने पूछा कि क्यों… मुझसे क्यों, क्या आप जानती नहीं कि मैं एक सन्यासी हूं.

तब उस महिला ने कहा कि मैं जानती हूं लेकिन मेरा मन है कि आप जैसे ही गौरवशाली, सुशील तेजोमई मेरा पुत्र हो,

वह तो आपके शादी के बाद ही संभव हो पाएगा इसलिए कृपया आप मुझसे विवाह कर लें विवेकानंद जी ने जवाब दिया कि शादी तो संभव नहीं है.

परंतु हां एक उपाय जरूर है….

उन्होंने कहा कि मैं आज से आपका पुत्र बन जाता हूं इस तरह से आप मेरी मां बन जाएंगी.

और आप जो चाहती हैं कि आपका एक गौरवशाली पुत्र हो मेरे सामान तो वह भी आपको मिल जाएगा.

महिला ने स्वामी जी की बात सुनी और हाथ जोड़कर उनके चरणों में गिर गई और बोली कि आप साक्षात ईश्वर के स्वरूप हैं.

तो ऐसा था स्वामी विवेकानंद जी का चरित्र और जीवन.


#7 Seventh Story of Swami Vivekananda “God is Hidden in Particles

स्वामी विवेकानंद जी ने साबित कर दिया कि कण-कण में छुपे हैं भगवान-

एक बार की बात है जब एक राजा ने स्वामी विवेकानंद जी को अपने महल में बुलाया और कहा कि तुम हिंदू लोग मूर्ति की पूजा करते हो मिट्टी पीतल पत्थर की मूर्ति की मैं तो यह सब नहीं मानता यह सब तो  सिर्फ एक पदार्थ है.

विवेकानंद जी ने जवाब देने से पहले राजा की ओर देखा और फिर राजा के सिंहासन के पीछे जो तस्वीर लगी हुई थी और उसके बारे में पूछा कि यह तस्वीर किसकी है.

राजा ने तुरंत कहा यह तस्वीर मेरे पिताजी की है.

विवेकानंद जी ने कहा आप वह तस्वीर उतारिए और हाथ में लीजिए.

राजा ने उनकी बात मान ली

फिर विवेकानंद जी ने कहा अब आप इस तस्वीर पर थूकिये.

यह सुनकर राजा आग बबूला हो गए और कहा कि स्वामी जी यह क्या बात कर रहे हैं आप

कि मैं अपने पिताजी की तस्वीर थुकू. यह मेरे पिता जी की तस्वीर है मैं इस पर कैसे थुकू सकता हूं

तो स्वामी जी बोले यह तो सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है इस पर तो सिर्फ रंग लगा है, ना कोई जान है, ना कोई आवाज है, ना कोई आत्मा है, ना यह सुन सकती है और ना ही बोल सकती हैं फिर भी आप इसमें थूक नहीं सकते

क्योंकि आप इसमें अपने पिताजी का स्वरूप देख रहे हैं और अब जहां तक हिंदू धर्म की बात है महाराज साहब वैसे ही हिंदू भी पत्थर मिट्टी या धातु की पूजा भगवान का स्वरूप मानकर इसलिए करते हैं

क्योंकि उनकी नजर में तो भगवान कण कण में है. तो मन को एकाग्र करने के लिए हम मूर्ति पूजा करते हैं यह सुनकर राजा स्वामी जी के चरणों में गिर गए और उन्होंने तुरंत क्षमा मांगी.


Swami Vivekananda Quotes in Hindi – स्वामी विवेकानंद के विचार

स्वामी विवेकानंद जी के जीवन की प्रमुख कहानियां पढ़कर आपको कैसा लगा अगर आपको अच्छा लगा हो तो कमेंट करके बताएं और अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ जरुर शेयर करें.

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