Lalach ka Pisach Story for Kids in Hindi : दोस्तों आज हमने लालच का पिशाच शिक्षाप्रद छोटी कहानी कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी है, जिसको पढ़ कर विद्यार्थियों को एक नई सीख मिलेगी।
इस सीख से जीवन को देखने का उनका नजरिया बदल जाएगा और एक अलग परिवर्तन देखने को मिलेगा।
Lalach ka Pisach Hindi Kahani for Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 Students.
Lalach ka Pisach Story Hindi
एक समय की बात है एक गांव में दो दोस्त रहते थे वे बचपन से ही दोस्त से और बड़े होते होते है उनकी दोस्ती और भी गहरी हो गई।
दोनों दोस्तों के परिवार ही गरीब थे जिसके कारण उनकी स्थिति दयनीय हो गई थी इसलिए दोनों में एक दिन परदेस जाकर धन कमाने की योजना बनाई।
कुछ समय बाद दोनों धन कमाने के लिए प्रदेश की ओर निकल गए कुछ समय चलने के बाद वे एक घने जंगल में पहुंच गए।
वहां पहुंचकर वे एक पेड़ के नीचे थोड़ा सुस्ताने लगे तभी गणेश जंगल में से एक बूढ़ा आदमी डरा सहमा सा भागता हुआ आ रहा था।
दोनों दोस्तों ने कोतहल वस बूढ़े आदमी से डरने की वजह पूछी तो बूढ़े आदमी ने कहा कि इस जंगल के रास्ते तुम आगे मत जाना क्योंकि वहां पर एक डरावना पिशाच रहता है।
इसीलिए मैं जान बचाकर भागता हुआ आया हूं यह कहकर बूढा आदमी आगे निकल गया दोनों दोस्तों ने एक दूसरे की तरफ देखा और कुछ समय सोचने के बाद दोनों एक दूसरे से बोलने लगे कि शायद उस बूढ़े आदमी को
भ्रम हुआ है क्योंकि जंगल बहुत घना है और आसपास से तरह-तरह की आवाज आती रहती है। इसलिए दोनों ने उसी रास्ते से जाने का चुनाव किया।
दोनों दोस्त उसी जंगल के रास्ते पर आगे बढ़ने लगे जंगल और गहरा होता गया कुछ समय बाद दोनों को कुछ दूरी पर कोई चमकती हुई चीज दिखाई दी।
लेकिन वह कोई भी साथ नहीं था वह तो दो सोने की मोहरे थी दोनों दोस्त सोने की मोहरे देख कर खुश हो गए। अब दोनों दोस्तों ने सोच लिया कि परदेस जाकर काम करने की कोई जरूरत नहीं है।
दोनों दोस्तों ने सोने की मोहरों को बराबर हिस्सों में बांट लिया लेकिन दोनों दोस्तों की मन में लालच भी आ गया था।
दोनों दोस्त खुश होने का नाटक करने लगे तभी एक दोस्त ने कहा कि चलते चलते बहुत देर हो गई है और उसे भूख भी लग रही है।
उसने दूसरे दोस्त से कहा कि तुम पास के गांव जाकर कुछ खाने को ले आओ तब तक मैं इन दोनों मोहरों की रक्षा करता हूं।
दूसरा दोस्त भोजन देने के लिए पास के गांव चला गया और जब वह खाना लेकर आ रहा था तो उसने सोचा कि क्यों ना दोस्त को खाने में जहर मिला कर दे दिया जाए जिससे सोने की मोहरों को बांटना नहीं पड़ेगा।
उसने भोजन में जहर मिला दिया और जंगल में अपने दोस्त के पास पहुंच गया दूसरे दोस्त ने भी मुझे मारने की योजना बना रखी थी इसीलिए उसके आते ही उस पर हमला कर दिया और गला घोटकर उसे मार दिया।
अब सोने की दोनों मोहरे उसे मिल चुकी थी लेकिन उसने सोचा कि मुझे काफी दूर जाना है इसलिए उसने अपने दोस्त का लाया हुआ भोजन खा लिया चूँकि उस भोजन में जहर मिला हुआ था तो उसकी भी वही मृत्यु हो गई।
Moral of This Story Hindi
कहानी से क्या शिक्षा मिलती है –
लालच का पिशाच किसी को नहीं छोड़ता है।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी हमें अधिक लालच नहीं करना चाहिए हमें जितना मिलता है उसी में संतोष करना चाहिए अगर हमने ज्यादा लालच करने की सोची तुम जैसा इन दोनों दोस्तों के साथ हुआ वैसा ही हमारे साथ हो सकता है।
लालची पिशाच कहानी पढ़कर आपको कैसा लगा और क्या आपने भी कभी लालच किया है तो उसका परिणाम क्या हुआ है यह हमें कमेंट में लिखकर बताएं।
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