प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध दुष्प्रभाव, निवारण – Plastic Pollution

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Plastic Pollution Essay in Hindi प्लास्टिक यह एक ऐसा पदार्थ है जो कि हजारों सालों तक ज्यों का त्यों पड़ा रहता है अन्य पदार्थों की तरह विघटित नहीं होता है. जब से विज्ञान ने तरक्की की है मानव ने Plastic का निर्माण बहुत ज्यादा मात्रा में बढ़ा दिया है. मानव ने प्लास्टिक का निर्माण अपनी सुविधा के लिए किया था

लेकिन अब यही प्लास्टिक मानव के जीवन के साथ – साथ पृथ्वी के वातावरण के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है.

हमारे भारत देश में 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिदिन 15000 टन प्लास्टिक अपशिष्ट निकलता है.  जो कि दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे विश्व में इतना प्लास्टिक हो गया है कि इस प्लास्टिक से पृथ्वी को 5 बार लपेटा जा सकता है.

और इस प्लास्टिक का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा महासागरों में फैला हुआ है. Plastic Pollution Essay Hindi me School or College ke Student ke Liye.

essay on plastic pollution in hindi

Essay on Plastic Pollution in Hindi


प्लास्टिक को बनाने के लिए कई जहरीले केमिकल काम में लिए जाते है जिसके कारण यह जहां भी पड़ा रहता है धीरे-धीरे वहां पर बीमारियो और प्रदूषण को जन्म देता है.

प्लास्टिक मानव की दिनचर्या में इस तरह से शामिल हो चुका है कि जब सुबह की शुरुआत ही प्लास्टिक के टूथ ब्रशसे होती है

और जिस बाल्टी से नहाता है वह भी प्लास्टिक की होती है जिस चम्मच से खाता है वह भी प्लास्टिक की होती है और जब वह ऑफिस के लिए निकलता है तो अपना खाना भी प्लास्टिक के डिब्बे में लेकर जाता है

और पानी भी प्लास्टिक की बोतल में ही लेकर जाता है. इसका मतलब प्लास्टिक मानव जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है.

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लेकिन प्लास्टिक मानव को जितनी सहूलियत प्रदान करता है उतनी ही बीमारियां भी फैलाता है. एक अध्ययन में सामने आया है कि एक ही प्लास्टिक की बोतल को बार-बार पीने के पानी में काम में लेने पर उसमें कई जहरीले पदार्थ घुलने लग जाते है और इससे कैंसर जैसी भयानक बीमारियां भी हो सकती है. प्लास्टिक को मानव जीवन के लिए इतना खराब होने के बाद भी काम में क्यों लिया जाता है आइए जानते हैं –

प्लास्टिक क्यों उपयोग में लिया जाता है – Why Plastic is Used

मानव द्वारा प्लास्टिक का उपयोग अपनी सहूलियत के लिए किया जाता है. एक प्लास्टिक का बैग है अपने वजन से 2000 गुना ज्यादा वजन उठा सकता है और इसको कहीं पर भी ले जाया जाना आसान होता है. मानव ने जिस प्रकार तरक्की की है  मानव उतना ही आलसी होता जा रहा है.

जिसके कारण वह कहीं पर भी जब भी वस्तु खरीदने जाता है तो वह घर से कपड़े, कागज या जुट का थैला नहीं लेकर जाता है. जिसके कारण सामान बेचने वाले विक्रेता मजबूरी में पॉलिथीन की बेगो में लोगों को समान देते है. जिस कारण प्लास्टिक का उपयोग बहुत मात्रा में बढ़ गया है.

और आजकल तो फास्ट फूड का जमाना है तो लोग रास्ते में चलते ही खाना पसंद कर रहे हैं और यह खाना भी उन्हें प्लास्टिक की थेलियो में ही दिया जाता है. आजकल हर वस्तु ऐसे ही लिपटी हुई आती है.

प्लास्टिक के दुष्प्रभाव – Harmful effect of plastic in hindi

प्लास्टिक का पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं के साथ साथ अन्य जीवन के लिए जरूरी घटकों  पर भी इसका बहुत ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है. प्लास्टिक एक धीमे जहर का काम कर रहा है यह मानव के जीवन में इस तरह से घुल चुका है कि मानव ना चाहते हुए भी इसका उपयोग कर रहा है.

प्लास्टिक से ऐसे जहरीले पदार्थ निकलते है कि वह धीरे-धीरे मानव स्वास्थ्य को खराब करते है. आइए जानते हैं कि प्लास्टिक का दुष्प्रभाव कितना बढ़ चुका है –

(1) जल प्रदूषण – Water Pollution

प्लास्टिक ऐसे पदार्थों को मिलाकर बनाया जाता है जो कि हजारों सालों तक नष्ट नहीं होता है.  और यही पर प्लास्टिक आजकल जल प्रदूषण का भी कारण बन रहा है क्योंकि मानव द्वारा हर वस्तु का निर्माण प्लास्टिक द्वारा ही किया जा रहा है जैसे कि पानी पीने की बोतल, खाना खाने के लिए चम्मच, टूथ ब्रश, सामान लाने के लिए, अन्य वस्तुओं की पैकिंग के लिए भी प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है.

यहां तक कि बच्चों के खेलने के लिए भी प्लास्टिक के खिलौने बनाए जाने लगे है. और मानव द्वारा ज्यादातर प्लास्टिक की ऐसी वस्तुएं बनाई जाती हैं जो कि एक बार में काम में लेने के बाद फेंक दी जाती है.

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जिसके कारण यह फेंकी हुई वस्तुएं हवा के कारण इधर-उधर जमा होती रहती है और फिर जब बारिश होती है तो यह पानी के साथ बहकर  नदियों और नालों में चली जाती है और उसके बाद महासागर में चली जाती है. कई बार तो इन प्लास्टिक की थैलियों के कारण नदी-नाले रुक जाते है

जिस का एक उदाहरण हमें कुछ सालों पहले मुंबई शहर में देखने को मिला था चूँकि प्लास्टिक की थैलियों और बोतलों के कारण नालों का बहाव रुक गया था और आधा मुंबई शहर बाढ़ की चपेट में आ गया था.

प्लास्टिक के हजारों सालों तक खराब नहीं होने के कारण यह महासागरों में पड़ा रहता है प्लास्टिक से धीरे धीरे जहरीले पदार्थ निकलते रहते हैं जो कि जल में घुल जाते हैं और उसे प्रदूषित कर देते हैं.

(2) मृदा प्रदूषण – Soil Pollution

जैसा कि आपको पता है कि प्लास्टिक की विघटन प्रक्रिया में 500 से हजारों साल लग जाते हैं  इसलिए जब प्लास्टिक हो भूमि के अंदर गाड़ दिया जाता है तो यह विघटित नहीं हो पाता है और जहरीली गैसे और प्रदार्थ छोड़ता रहता है.

जिसके कारण वहां की भूमि बंजर हो जाती है और अगर कोई फसल पैदा भी होती है तो उसमें जहरीले पदार्थ मिले होने के कारण यह मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं.

(3) वायु प्रदूषण – Air Pollution

मानव जीवन में जिस प्रकार प्लास्टिक का उपयोग बढ़ता जा रहा है उसी प्रकार प्लास्टिक के कचरे के समाधान के लिए कई लोग प्लास्टिक को जला देते हैं. वे लोग समझते हैं कि प्लास्टिक को जलाने से इस को नष्ट किया जा सकता है और प्रदूषण से भी बचा जा सकता है. लेकिन होता है

बिल्कुल इसके उलट है क्योंकि प्लास्टिक को जब बनाया जाता है तो इसमें बहुत सारे जहरीले केमिकल का इस्तेमाल होता है और जब इस को जलाया जाता है तो वह सारे केमिकल हवा में फैल जाते हैं और वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं. प्लास्टिक को जलाए जाने के कारण जो धुँआ उत्पन्न होता है

अगर उसमें ज्यादा देर तक सांस लें ली जाए तो मानव को कई सारी बीमारियां हो सकती हैं.  यह मानव जीवन के लिए बहुत ही खतरनाक है.

(4) मानव जीवन पर प्रभाव – Influence on human life

चूँकि प्लास्टिक का उपयोग मानव द्वारा ही सबसे ज्यादा उपयोग में लिया जाता है. जिसके कारण इसके दुष्प्रभाव भी मानव पर ही ज्यादा पड़ते है. मानव का जन्म होता है तब से ही उसके हाथों में प्लास्टिक थमा दिया जाता है.  छोटे बच्चे के मुंह में दूध के निप्पल से लेकर उसे प्लास्टिक का डायपर बनाया जाता है.

बच्चे को खेलने के लिए भी प्लास्टिक के खिलौने ही दिए जाते हैं. यहां तक कि मानव अपने पूरे जीवन भर में सबसे ज्यादा प्लास्टिक से ही घिरा रहता है और इसी का ही सबसे ज्यादा उपयोग करता है.

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लेकिन प्लास्टिक से मानव जीवन को बहुत खतरा है क्योंकि  मानव को जीवन के लिए जिन आवश्यक वस्तुओं की आवश्यकता पड़ती है उन सभी में यह प्लास्टिक जहर घोल देता है. जिससे अनेकों भयंकर बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं. एक शोध के मुताबिक प्लास्टिक से कैंसर जैसी बीमारियां भी हो सकती है. प्लास्टिक भविष्य में मानव जीवन के पतन का कारण भी बन सकता है.

(5) समुद्री जीवो पर दुष्प्रभाव –

पृथ्वी का सबसे ज्यादा प्लास्टिक से बनी हुई वस्तुएं महासागरों में ही पाई जाती है.  क्योंकि प्लास्टिक मानव द्वारा समुद्रों में इस तरह से फेक दिया जाता है कि जैसे कि समुंदर कोई कचरा पात्र हो.  प्लास्टिक नदियों और नालों में बहने वाले पानी के साथ बहकर समुद्र तक पहुंच जाता है.

प्लास्टिक से बनी वस्तुओं में जायलेन, इथिलेन ऑक्साइड और बेंजेन जैसे जहरीले केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. समुद्री जीव प्लास्टिक को खाना समझकर खा लेते हैं जिसके कारण इनके फेफड़ों या फिर श्वास नली में यह प्लास्टिक फंस जाता है और उनकी मृत्यु हो जाती है. जिसके कारण आए दिन समुद्री जीवो की जनसंख्या कम हो रही है.

(6) जीव जंतुओं पर दुष्प्रभाव –

प्लास्टिक द्वारा ज्यादातर वस्तुएं ऐसी बनाई जाती हैं जो कि मानव द्वारा एक बार में इस्तेमाल लेने के बाद फेंक दी जाती हैं  जैसे कि पानी की बोतलें, खिलौने, टूथ ब्रश, पैकिंग का सामान, पॉलिथीन बैग, प्लास्टिक के बॉक्स आदि ऐसी वस्तु है जो कि मानव द्वारा एक बार ही इस्तेमाल में ली जाती है.

फिर इन सब वस्तुओं को कचरे में फेंक दिया जाता है. इस कचरे में बचा-खुचा खाने का सामान भी पड़ा रहता है जो कि गायों या अन्य पशुओं द्वारा इन प्लास्टिक की वस्तुओं के साथ ही खा लिया जाता है यह प्लास्टिक जीव जंतुओं के फेफड़ों में फंस जाता है. जिसके कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है और उनकी मृत्यु हो जाती है.

प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को रोकने के उपाय – How to Stop Plastic Pollution

  1. प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का बहिष्कार करें.
  2. प्लास्टिक की बैग और बोतल जो कि उन्हें इस्तेमाल के योग्य हूं उन्हें फेंके नहीं उनका तब तक इस्तेमाल करें जब तक कि वह खराब ना हो जाए.
  3. प्लास्टिक से बनी हुई ऐसी वस्तुओं के इस्तेमाल से बचें जिन्हें एक बार इस्तेमाल में लिए जाने के बाद फेंकना पड़े.
  4. प्लास्टिक की जगह कपड़े, कागज और जुट से बने थैलों का इस्तेमाल करें.
  5. जब भी आप कोई वस्तु खरीदने जाए तो फिर से कपड़े का थैला अपने साथ लेकर जाएं जिससे कि आपको प्लास्टिक की थैलियों में सामान नहीं लाना पड़े.
  6. दुकानदार से सामान खरीदते वक्त उसे कहें कि कपड़े या कागज से बनी थैलों में ही समान दे.
  7. खाने की वस्तुओं के लिए स्टील या फिर मिट्टी के बर्तनों को प्राथमिकता दें.
  8. प्लास्टिक की पीईटीई (PETE) और एचडीपीई (HDPE) प्रकार के सामान चुनिए. क्योंकि इस प्रकार के प्लास्टिक को रिसाइकिल करना आसान होता है.
  9. प्लास्टिक के दुष्प्रभाव का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए जिससे कि लोगों द्वारा इसको कम उपयोग में लिया जाए.
  10. स्कूलों में विद्यार्थियों को प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में निबंध लिखवाने चाहिए इस पर वाद-विवाद प्रतियोगिता होनी चाहिए जिससे कि विद्यार्थियों को पता चल सके की प्लास्टिक हमारे जीवन के लिए कितना हानिकारक है जिससे कि वह बचपन से ही कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करने लगेंगे.
  11. कभी भी प्लास्टिक को स्वयं नष्ट करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे हम किसी ना किसी प्रकार के प्रदूषण को बढ़ावा ही देंगे. इससे अच्छा होगा कि हम किसी रिसाइकिल करने वाली कंपनी को यह प्लास्टिक दे दे.

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प्रदूषण पर निबंध – Essay on Pollution in Hindi

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74 thoughts on “प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध दुष्प्रभाव, निवारण – Plastic Pollution”

    • Dear Aman, We are surrounded by plastic on all sides, we have to use plastic even if we do not want to. But we must say that we have reduced the use of plastic. Thank you.

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  1. AAPKA NIBANDH HAME BAHUT HI ACHA LAGA HUM KOSIS KARENGE KI HUM PLATICS SE BANI VASTUVO KA KAM SE KAM PRYOG KRE OR KEWAL EK BAAR USE HONE WALE PLATICS KA UPYOG BAND KR DE

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  2. जी मै आपके निबंध पर एक यूट्यूब वीडियो बनाऊंगा बहुत ही अच्छा लगा मुझे

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    • महेश जी आप का बहुत बहतु धन्यवाद, ऐसे ही हिंदीयात्रा पर आते रहे.

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  3. प्लास्टिक तथा पॉलिथीन के बारे में बहुत अच्छा लेख ,हम प्लास्टिक तथा पॉलिथीन का उपयोग कम से कम करेगे।
    धन्यबाद ।

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    • हमे खुशी हुई आप को हमारा लेख पसंद आया और आप ने इस से शिक्षा भी ली, ऐसे ही वेबसाइट पर आकर हमारा होंसला बढ़ाते रहे, धन्यवाद.

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  4. Me class 9th ka student ho mujhe bus itna joanna hai ki plastic ka pryog ayk prkop par 250 shabdo me nibndh likhana hai

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  5. मै आपके निंबन्ध को मेरी फेसबुक आईडी पर शेयर करना चाहता हुं मार्ग दर्शन करे कैसे करु

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    • निहाल चन्द जी इस निबंध को शेयर करने के लिए आप को निबंध के नीचे Share on टाइटल के नीचे facebook, twitter, Whatsapp आइकॉन(चित्र) आ रहे है उन पर क्लिक कर के आप इस निबंध को शेयर कर सकते है.

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    • आपकी सराहना के लिए धन्यवाद, हम रोज ऐसे ही विषयों पर निबंध लिखते रहते है, अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट हिंदी यात्रा को देखते रहे.

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    • आप का भी धन्यवाद निशांत सिंह हमारी वेबसाइट पर आने के लिए, हम रोज ऐसे ही विषयों पर निबंध लिखते है, आप रोज hindiyatra पर आकर देख सकते है

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