Essay on Mere Jeevan ka Lakshya Teacher in Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य शिक्षक बनना

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दोस्तो आज हमने Essay on Mere Jeevan ka Lakshya Teacher in Hindi लिखा है मेरे जीवन का लक्ष्य शिक्षक बनना पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है. हमने इस निबंध के माध्यम से समझाया है कि कोई भी व्यक्ति अगर अपना लक्ष्य निर्धारित कर ले चाहे वह शिक्षक बनना ही क्यों ना हो तो वह जरूर एक Teacher बन सकता है और वह शिक्षक बन कर क्या-क्या कार्य समाज के लिए कर सकता है यह भी बताया है

Essay on Mere Jeevan ka Lakshya Teacher in Hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य एक सफल और विनम्र शिक्षक बनना है क्योंकि एक शिक्षक ही ही होता है जो कि इस दुनिया के सभी व्यक्तियों को अशिक्षा के अंधकार से शिक्षा के प्रकाश की ओर ले कर जाता है. शिक्षक के बिना शिक्षा देना संभव नहीं है और जो व्यक्ति शिक्षित नहीं होता है वह कभी अपना जीवन सही प्रकार से यापन नहीं कर पाता है.

Essay on Mere Jeevan ka Lakshya Teacher in Hindi

मेरा लक्ष्य सिर्फ एक शिक्षक बनना ही नहीं है मेरा लक्ष्य यह है कि मैं शिक्षक बनकर अशिक्षित लोगों को शिक्षित बनाऊ और उन्हें जीवन जीने के लिए एक अच्छा मार्ग भी सुझाऊ. मेरे आदर्श शिक्षक डॉ. राधाकृष्णन रहे है जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत काम किया है और अनेकों लोगों को शिक्षित भी किया है.

वह हमारे देश के राष्ट्रपति भी रह चुके है. उनके जैसा विनम्र स्वभाव और अनेक गुणों से भरे हुए शिक्षक को मैंने आज तक नहीं देखा है. उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों को शिक्षित करने में ही लगा दिया उनके जैसा कोई और नहीं हो सकता मैं भी उनके सुझाए हुए मार्ग पर चलकर उनके जैसा ही एक अच्छा और सच्चा शिक्षक बनना चाहता हूं.

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हमारे देश में आज भी ज्यादातर लोग अशिक्षित ही हैं जिसके कारण ना तो लोगों का मानसिक विकास हो पाता है और ना ही देश का विकास हो पाता है. हमारे देश में अशिक्षा के कारण गरीब लोगों को लूट लिया जाता है और अशिक्षा होने के कारण हमारे समाज में कई ऐसी कुरुतिया और पुरानी मान्यताएं व्याप्त है जिनके कारण लोग पढ़ना नहीं चाहते है

इसी कारण हमारे देश में आज भी अंधविश्वास फैला हुआ है. जिसके कारण न जाने कितने लोगों का जीवन बर्बाद हो जाती है. अंधविश्वास फैलने का सिर्फ एक ही कारण है कि लोग शिक्षित नहीं होते है और वे कुछ ऐसे लोगों के बहकावे में आ जाते हैं जो कि सिर्फ अपना स्वार्थ देखते हैं और लोगों को भड़काने का काम करते है.

मैं शिक्षक बनकर शिक्षा का एक दीप जलाना चाहता हूं जिससे हमारी समाज में फैली हुई कुरीतियों और अंधविश्वास का नाश किया जा सके.

मैंने बचपन में ही यह ठान लिया था कि मैं बड़ा होकर एक अच्छा शिक्षक बनूंगा क्योंकि मैंने हमारे गांव में देखा था कि काफी गरीब बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं और कुछ पढ़ने की कोशिश करते हैं तो उन्हें समाज के कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा रोक लिया जाता है और उनसे बाल मजदूरी करवाई जाती है यह देख कर मुझे गुस्सा तो बहुत आता था लेकिन मैं कुछ कर नहीं पाता था.

लेकिन मैंने एक बात जरूर जान ली थी कि अगर सभी लोग शिक्षित हो जाएं तो हमारी समाज की सभी बुराइयां मिटाई जा सकती हैं और एक नए भारत का निर्माण किया जा सकता है.

मैं शिक्षक बनकर बड़े, छोटों और बुजुर्गों सभी को शिक्षित करना चाहता हूं यह मेरे जीवन का परम लक्ष्य है और मैं इसे पा कर ही रहूंगा. मैंने आज 21वीं सदी के भारत में भी देखा है कि लड़कियों को अधिक नहीं पढ़ाया जाता है उन्हें यह पढ़ाई कर पढ़ाई नहीं करने दिया जाता है कि उन्हें आगे जाकर सिर्फ घर का काम ही करना है.

मैं ऐसे लोगों को शिक्षक बनकर समझाना चाहता हूं कि लड़कियां भी पढ़ लिखकर लड़कों की तरह पूरे विश्व में आपका नाम रोशन कर सकती हैं और हमारे देश की लड़कियों ने ऐसा किया भी है न जाने फिर भी लोग लड़कियों को क्यों नहीं पढ़ाते है.

मैं एक शिक्षक इसलिए भी बनना चाहता हूं ताकि लोगों को शिक्षा देकर मैं समाज की सेवा भी कर सकूं और लोगों को जान भी पाऊं उनकी सोच किस प्रकार की है अगर उनकी सोच गलत है तो मैं उन्हें शिक्षा का पाठ पढ़ा कर उनकी सोच बदल सकता हूं मेरे जीवन का लक्ष्य धन दौलत कमाना नहीं है क्योंकि धन-दौलत तब तक काम की नहीं है जब तक लोग शिक्षित ही नहीं होंगे.

मैं मानता हूं कि एक शिक्षक के ऊपर बहुत सी जिम्मेदारियां होती है लेकिन मैं उन सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाना चाहता हूं एक शिक्षक पर परिवार के साथ-साथ पूरे देश के लोगों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी भी होती है और यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है जिसको शिक्षक बड़े ही सरल स्वभाव से निभाता है.

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एक शिक्षक विनम्र और अच्छे गुणों वाला होता है उनका जीवन भी बहुत ही साधारण होता है लेकिन उनके शिक्षा का प्रकाश बहुत ही असाधारण होता है जो कि लोगों के जीवन को बदल देता है यह बदलाव मैंने अपने जीवन में भी देखा है क्योंकि मैंने अच्छे शिक्षकों से शिक्षा ली है और आज उन्हीं की तरह एक अच्छा शिक्षक बन कर सभी को शिक्षित करना चाहता हूं यही मेरे जीवन का लक्ष्य बन गया है.

शिक्षक बनने के लिए बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और साथ ही अपनी कई इच्छाओं और भावनाओं का त्याग भी करना पड़ता है तभी एक शिक्षक सही मायनों में एक अच्छा शिक्षक बन पाता है.

शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जिसे चलाने पर पूरे मानव जीवन का उद्धार होता है.

एक शिक्षक के बिना जीवन अधूरा ही रहता है इसीलिए मैं शिक्षक बनकर पूरे देश की सेवा करना चाहता हूं जिससे हमारे देश के किसी भी बच्चे के जीवन में शिक्षा का अंधकार न फैल पाए. जब हमारा पूरा देश विकसित होगा तब सही मायनों में हमारे देश का विकास होगा और तभी हम विकसित देश कहला पाएंगे.

मैं शिक्षक बनकर गांव गांव शहर शहर जाकर सभी लोगों को शिक्षित करना चाहता हूं यही मेरे जीवन का लक्ष्य और उद्देश्य है. एक अच्छा शिक्षक ही सभी बच्चों का विकास कर सकता है उन्हें अच्छी जानकारी देकर उनके मस्तिष्क का विकास कर सकता है उन्हें जीवन में आने वाली कठिनाइयों से कैसे लड़ना है इस बारे में बता सकता है. और एक अच्छे भविष्य का निर्माण कर सकता है.

बच्चे तो एक कोरे कागज की तरह ही होते है उन्हें जैसी स्याही से लिखा जाएगा आगे जाकर वैसे ही परिणाम मिलेंगे इसलिए एक शिक्षक उस कोरे कागज का इस्तेमाल करना भली-भांति जानता है और वही अच्छे और सच्चे भविष्य का निर्माण कर सकता है इसीलिए मैं एक अच्छा और सच्चा शिक्षक बनना चाहता हूं.


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22 thoughts on “Essay on Mere Jeevan ka Lakshya Teacher in Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य शिक्षक बनना”

  1. Respected sir or mam
    Thank you so much 😊 it helped me a lot.
    Well I want to become a cardiothoracic surgeon but my teacher said go ready the speech on ” me banuga shikshak ” that’s why I’m here 😅.
    Thank you once again

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    • aap lakshye bana ke tayari karo aap ko safal hone se koi nhi rok shkta or Hindi subject ko rochak dhang se padhne ki jarurt hai.

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