Vishwa Paryavaran Diwas in Hindi : इस साल पर्यावरण दिवस पर “Beat Plastic Pollution” का विषय रखा गया है. हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है जिसमें हर साल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले एक विषय पर ध्यान दिया जाता है और उसको कम करने के लिए कारगर उपाय किए जाते है.
इस साल 45वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा. सर्वप्रथम विश्व पर्यावरण दिवस सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में आयोजित किया था.
विषय-सूची
Vishwa Paryavaran Diwas ka Mahatva
पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने के लिए 119 देशों ने हिस्सा लिया था धीरे-धीरे इसमें और भी देश जुड़ते जा रहे है सन 2017 में इस दिवस पर 143 देशों ने हिस्सा लिया था.
जो कि एक बहुत बड़ा कदम है क्योंकि जब तक पूरा विश्व पर्यावरण के विषय में नहीं सोचेगा तब तक पर्यावरण प्रदूषित होता रहेगा. इसलिए कम से कम पर्यावरण दिवस के दिन सभी देशों को एकजुट होकर पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कारगर उपाय किए जाने चाहिए.
2018 का विश्व पर्यावरण दिवस भारत के लिए महत्वपूर्ण क्यों है
2018 का विश्व पर्यावरण दिवस हमारे देश भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस को होस्ट करने के लिए हमारे देश भारत को चुना गया है. जिसके लिए हमें एक विषय भी दिया गया है “Beat Plastic Pollution” जिसका अर्थ है कि प्लास्टिक को समाप्त करना है.
हमारे देश भारत के लिए सौभाग्य की बात है कि इस बार हमारे देश द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर सभी देशों को इसका महत्व बताया जाएगा और साथ ही बीट प्लास्टिक पोलूशन विषय पर संबोधित किया जाएगा और इसको कम करने के लिए कारगर उपाय बताए जाएंगे.
इस बार हमारे देश को इसलिए चुना गया है क्योंकि हमारा देश विशाल जनसंख्या वाला देश है फिर भी हमारा देश पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए बहुत सारे उपाय करता है. हमारे देश के दिल्ली राज्य में प्रदूषण से बचने के लिए जो कारगर उपाय किए गए थे वह बहुत सराहनीय थे. और इस बार हमारे देश के कुल वन क्षेत्र में 1 से 2% का विस्तार हुआ है
जिस को मध्य नजर रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ इस बार भारत देश को विश्व पर्यावरण दिवस को होस्ट करने का मौका दिया है जो कि किसी विकासशील देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि विकासशील देशों में पर्यावरण को बचाने के लिए विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है.
लेकिन भारत में पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए पूरे विश्व में एक विशिष्ट पहचान बनाई है.
विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अपील
भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत को विश्व पर्यावरण दिवस पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा पोस्ट करने के लिए चुने जाने पर सभी देशवासियों को बधाइयां देते हुए कहा था कि
आने वाली 5 जून को हमारा देश भारत आधिकारिक तौर पर World Environment Day Celebration विश्व पर्यावरण दिवस Host करेगा. यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह जलवायु परिवर्तन को कम करने की दिशा में विश्व में भारत के बढ़ते हुए नेतृत्व को भी स्वीकृति मिल रही है – इस का परिचायक है.
World Enviornment Day पर इस बार की theme है “Beat Plastic Pollution” है, मेरी आप सभी से अपील है कि इस theme के भाव को, इसके महत्व को समझते हुए हम सभी यह सुनिश्चित करें कि हम Polythene, Low grade plastic का उपयोग ना करें और Plastic Pollution का जो एक नकारात्मक प्रभाव हमारी प्रकृति पर, वनों पर और हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, उसे कम करने का प्रयास करें.
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विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व – Vishwa Paryavaran Diwas ka Mahatva
विश्व पर्यावरण दिवस हमारे पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि तेज रफ्तार जिंदगी में लोग पर्यावरण के विषय में बिल्कुल भी नहीं सोचते है. जबकि हमारी पूरी पृथ्वी पर्यावरण पर ही टिकी हुई है क्योंकि जब पृथ्वी पर पेड़ पौधे ही नहीं होंगे तो किसी प्रकार की जलवायु नहीं होगी जिस कारण पूरी पृथ्वी सूर्य के समान एक आग का गोला बन जाएगी जिससे पृथ्वी से जीवन ही समाप्त हो जाएगा.
हमारी पृथ्वी का जैसे-जैसे पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है वैसे वैसे कई जीव जंतुओं की प्रजातियां विलुप्त हो चुकी है और लगभग 20000 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है. यह हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ही भयावह स्थिति है. पृथ्वी पर बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम करने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.
इस पर्यावरण दिवस की वजह से अब लगभग सभी देशों में पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा है और इस पर विशेष कानून भी बनाए गए है. पर्यावरण प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए भारत में पर्यावरण सुरक्षा के लिए पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 कानून बनाया गया है.
पर्यावरण दिवस मनाने से लोगों में जागरूकता फैलती है, जिससे वे कम से कम प्रदूषण फैलाते हैं और साथ ही पेड़ पौधे भी लगाते है इसलिए विश्व पर्यावरण दिवस का हमारे जीवन में बहुत महत्व है.
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विश्व पर्यावरण दिवस की आवश्यकता क्यों पड़ी – World Environment Day
दिन प्रतिदिन पूरे विश्व का पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है पर्यावरण प्रदूषण के कई प्रकार है जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण इत्यादि है.
अन्य कारण इस प्रकार है –
- पूरे विश्व में वायु प्रदूषण की वजह से लगभग 55 लाख लोगों की हर साल मृत्यु हो जाती है जो कि साल भर की कुल मतों का 10% है.
- हमारे देश भारत में वायु प्रदूषण की वजह से हर साल लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है, और यह आंकड़ा हर साल बढ़ता ही जा रहा है.
- आपको जानकर हैरानी होगी कि विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 11 शहर शीर्ष पर है.
- उद्योग-धंधों की बढ़ती संख्या के कारण जल प्रदूषण वायु प्रदूषण और मृदा प्रदूषण ने भी तेज रफ्तार पकड़ी हैं.
- आधुनिक युग में वाहन बहुत ज्यादा मात्रा में बढ़ गए हैं जिनके कारण कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन अधिक मात्रा में हो रहा है और यह पृथ्वी के वातावरण को प्रदूषित कर रहा है साथ ही कई भयानक बीमारियों को भी जन्म दे रहा है.
- अंधाधुन पेड़ों की कटाई के कारण ऑक्सीजन की मात्रा में कमी आई है और पृथ्वी का तापमान भी बढ़ रहा है जिससे कई वन्य जीव प्रजातियां विलुप्त हो रही है और मानव को भी सांस लेने में तकलीफ हो रही है.
- प्लास्टिक और पॉलिथीन का बहुत ज्यादा मात्रा में उपयोग बढ़ गया है यह सस्ता तो है लेकिन जितना यह सकता है उतना ही हमारे पर्यावरण के लिए हानिकारक है इसे जलाने पर कई जहरीले गैस निकलती है यह हजारों सालों तक नष्ट नहीं होता है जिसके कारण जल प्रदूषण भी होता है.
- प्लास्टिक को कई जीव जंतु खा लेते हैं जिसके कारण उनकी मृत्यु हो जाती हैं और समुद्र में प्लास्टिक का कचरा फेंके जाने के कारण वह प्लास्टिक आरक्षण मछलियां खा लेती हैं जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है और समुद्र कि कुछ मछलियां तो प्लास्टिक के कारण विलुप्त भी हो चुकी है.
- हमारी पृथ्वी पर पीने लायक मीठा पानी सिर्फ 2% ही है लेकिन पानी के अत्यधिक दोहन के कारण जल की कमी आ चुकी है जिसके कारण जगह-जगह सूखे के हालात पैदा हो गए है और हरियाली कम हो गई है जिस से सीधे तौर पर यह पृथ्वी के वातावरण को हानि पहुंचा रहा है.
- मानव द्वारा इतना अधिक प्रदूषण फैलाया जा रहा है कि हमारी पृथ्वी की रक्षा करने वाली है ओजोन परत हुई है पतली हो रही है जिसके कारण सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें सीधे हमारे ऊपर पढ़ रही हैं इससे कैंसर जैसी भयानक बीमारियां हो रही है.
- खेतों में फसल, फल और सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए Fertilizer (उर्वरक) का उपयोग बहुत ज्यादा कर दिया है जिसके कारण खेतों की भूमि जहरीली हो गई है और वहां पर उगने वाले फल और सब्जियां स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने की वजह हानि पहुंचा रही है.
प्रदूषण के कारण पृथ्वी की जलवायु में भी परिवर्तन आ रही है आपने देखा होगा कि कहीं पर ज्यादा बरसात तो कहीं पर अकाल रेगिस्तानी क्षेत्रों में बर्फ का गिरना आदि इस बात की ओर संकेत कर रहे हैं कि पृथ्वी का वातावरण गड़बड़ा रहा है.
अगर जल्द ही हमने प्रदूषण पर लगाम नहीं लगाई तो शायद प्रकृति हमें इसके बाद प्रदूषण को कम करने के लिए मौका ही नहीं दे इसलिए समय रहते अगर हम प्रदूषण को कम कर लेते हैं तो मानव जाति के साथ अन्य प्रजातियों को भी बचा सकते है.
इन सभी प्रदूषण के प्रकारों की रोकथाम के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया जाता है और इसके साथ ही इसको कम करने के लिए विभिन्न कार्य जैसे कि पेड़ पौधे लगाना, सोलर ऊर्जा को प्रोत्साहन देना आदि है.
पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए उपाय
पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए हमें कारगर उपाय करने होंगे जिनमे हमे मुख्य तौर पर इन तीन बातों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी सूर्य की तरह आग का गोला बन जाएगी और पृथ्वी से जीवन सदा के लिए समाप्त हो जाएगा.
Reduce (रिड्यूस) –
मानव जाति हमेशा से ही लालची रही है उसको जितना मिलता है वह उसमे संतोष नहीं कर पाती है. पृथ्वी पर हर चीज सीमित मात्रा में है और इससे सभी जीवो का जीवन चल सकता है. लेकिन मानव के अत्यधिक लालच के कारण पृथ्वी के अमूल्य खनिज पदार्थों का बेहिसाब दोहन हो रहा है. जिससे पृथ्वी के कई अमूल्य स्त्रोत जल, खनिज संपदा, पेड़ पौधे इत्यादि में कमी आ गई है.
Reuse (रियूज) –
अगर कोई ऐसी वस्तु चीन का पुनः उपयोग किया जा सकता है जैसे कि पुराना सामान, किताबें, प्लास्टिक की थैलियां, कंप्यूटर, मोबाइल, कपड़े, चप्पल, जूते इत्यादि जिनको अगर हम काम में नहीं ले रहे हैं तो किसी जरूरतमंद को दे दें ताकि वस्तुओं का पुनः उपयोग किया जा सके जिससे नई वस्तुओं का उत्पादन नहीं करना पड़ेगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी.
Recycle (रीसायकल) –
मानव द्वारा प्लास्टिक का बहुत अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है इस प्लास्टिक को रीसायकल करके पुनः उपयोग में लिया जा सकता है लेकिन हमारे द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है जिसके कारण प्लास्टिक का कचरा हर जगह देखने को मिलता है.
प्लास्टिक को जलाकर खत्म नहीं किया जा सकता क्योंकि अगर इसको चलाया गया तो इसमें से जहरीली गैस निकलती है जो कि कई गंभीर बीमारियों को जन्म देती है एक शोध के अनुसार प्लास्टिक के कारण कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा रहता है.
जल बचाएं –
हमारी पृथ्वी पर वैसे तो धरातल से ज्यादा जल है लेकिन इसमें पीने योग्य सिर्फ 1% ही है जो की नदियों तालाब बांध और भूमिगत जल. हमें जितना हो सके इतना जल बचाना चाहिए, हमें वर्षा का जल संचित करना चाहिए.
एक शोध के अनुसार अगर इसी प्रकार जल की बर्बादी होती रही तो भारत में 2025 तक आधी आबादी को पानी के बिना रहना पड़ेगा.
बिजली बचाएं –
हमें जितना हो सके उतनी बिजली बतानी चाहिए क्योंकि अक्सर देखा गया है कि घरो में ऑफिसों में और सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें दिन में भी जलती रहती है जिसके कारण बेवजह बिजली की खपत होती है. बिजली का 65% हिस्सा कोयले को जलाकर उत्पन्न की जाती है.
कोयले को जलाने से वातावरण में CO2, SO2 जैसी ज़हरीली गैस निकलती है जो कि हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ही हानिकारक है.
पेड़ पौधे लगाएं –
हमें जितना अधिक हो सके पेड़ पौधे लगाने चाहिए चूँकि वनों की अंधाधुंध कटाई से पेड़ों की कमी हो चुकी है जिसके कारण पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं हो पा रही है और पेड़ो द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड को भी अवशोषित कर लिया जाता है लेकिन पेड़ कम होने की वजह से कार्बन डाइऑक्साइड गैस बढ़ गई है
जिससे पृथ्वी का तापमान भी बढ़ रहा है और यह पृथ्वी के वातावरण के लिए हानिकारक है इसलिए हमें अधिक मात्रा में पेड़ पौधे लगाने चाहिए.
प्लास्टिक का उपयोग कम करें –
हमें प्लास्टिक से बनी वस्तुओं को कम से कम काम में लेना चाहिए, क्योंकि प्लास्टिक से बनी वस्तुएं हजारों सालों तक ज्यों की त्यों पड़ी रहती है और इसे जहरीले केमिकल्स के द्वारा बनाया जाता है जिससे यह कई सालों तक वातावरण को प्रदूषित करता रहता है. हमें ऐसा प्लास्टिक काम में लेना चाहिए जिसको दोबारा रिसाइकल किया जा सके.
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सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहिए –
हमें सौर ऊर्जा की इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए जिससे कि हमें अन्य स्रोतों से बिजली ना लेनी पड़े. सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से पृथ्वी के वातावरण को कुछ भी नुकसान नहीं होता है
और हमें हमारी जरूरत की बिजली मिल जाती है और अब तो सरकार द्वारा भी सोलर पैनल लगवाने के लिए सब्सिडी दी जाती है. जिससे जो व्यक्ति अब तक इसको लगवाने में असमर्थ है वह भी इसका इस्तेमाल कर सकते है.
अन्न की बर्बादी कम करे –
हमें अन्न बर्बादी को रोकना चाहिए, हमें उतना ही खाना लेना चाहिए जितना की हम खा सकते है. अक्सर शादियों और पार्टियों में देखा जाता है कि लोग अधिक मात्रा में भोजन डलवा लेते हैं और इतना खा नहीं पाते है
जिससे कि खाने की बर्बादी होती है इस कारण जिस व्यक्ति को खाने की जरूरत है या भूखा ही रह जाता है. किसी शायर ने कूड़े में पड़े खाने को देख कर सच ही कहा है कि मनुष्य का पेट भर जाने के बाद वह अपनी औकात भूल जाता है.
कारपूलिंग करें –
ऑफिस जाने वाले सभी लोग अपनी अलग-अलग कारे लेकर जाते हैं जिससे कि अधिक मात्रा में प्रदूषण होता है अगर वही लोग एक ही दिशा में और एक ही ऑफिस में जा रहे हैं तो एक कार के इस्तेमाल से 4 लोग एक ही कार में जा सकते हैं जिस से प्रदूषण भी कम होगा. आजकल कारपूलिंग के लिए बहुत सारी वेबसाइट है
और एप्लीकेशन का निर्माण किया जा चुका है जिनसे कि हम रियल टाइम में पता लगा सकते हैं कि कौन सी कार कहां जा रही है और वह कारपुलिंग के लिए उपलब्ध है या नहीं. इसको आप Google पर कारपुलिंग लिखकर सर्च कर सकते है.
कम दुरी तक जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करे –
अगर आप कम दूरी पर जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करेंगे तो इससे आपकी सेहत भी बनेगी और साथ ही प्रदूषण भी नहीं होगा. साइकिल का इस्तेमाल आप रोजमर्रा की वस्तुएं लाने के लिए प्रचार में जब जाते है तो कर सकते है.
हमें Google जैसी कंपनियों से सीखना चाहिए वह अपने कैंपस में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं जिससे वह एक बड़ी कंपनी होने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा भी करते है.
हिंदी यात्रा का संदेश –
दोस्तों हमें अगर पृथ्वी को बचाए रखना है तो आज और अभी से पर्यावरण की रक्षा करनी होगी नहीं तो मानव जीवन पर बहुत बड़ा संकट आ जाएगा. इसलिए आप अपने साथ-साथ पर्यावरण का भी विशेष ध्यान रखें और अपने आसपास जितना हो सके पेड़ पौधे लगाएं.
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Nice thought VIJAI KUMAR JAIN