Karwa Chauth ki Puja Samagri : आप यदि आप करवा चौथ का व्रत रख रहे हैं तो आपको करवा चौथ व्रत करने के लिए कुछ विशेष सामग्रियों की जरूरत होती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि करवा चौथ पूजन के लिए किन-किन सामग्रियों की जरूरत पड़ती है।
उससे पहले हम आपको बताना चाहते हैं कि इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023 बुधवार को रखा जाएगा। इस बार करवा चौथ की पूजा करने के लिए 01 घंटा 18 मिनट का समय ही मिलेगा इसलिए पहले से ही पूजा सामग्री थाल में सजाकर रखनी होगी।
01 नवंबर को करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। करवा चौथ का चांद रात 08.15 मिनट पर निकलेगा।
विषय-सूची
करवा चौथ पूजा समान (Karwa Chauth Puja Samagri List)
- मिट्टी या तांबे का करवा और ढक्कन
- करवा माता की तस्वीर
- रोली
- कुमकुम
- मौली
- अक्षत
- पान
- चंदन
- फूल
- हल्दी
- चावल
- मिठाई
- देसी घी
- गुलाल
- शहद
- दक्षिणा
- कच्चा दूध
- सींक
- छलनी
- व्रत कथा की पुस्तक
- दही
- शक्कर का बूरा
- फल
- फूल
- दीपक
- अगरबत्ती
- लकड़ी का आसन
- हलुआ
- आठ पूरियों की अठावरी
- कपूर
- गेहूं
- बाती (रूई)
- पानी
- लकड़ी का आसान
- तेल
- कपड़े
- ड्रायफ्रूट्स
- इत्र
करवा चौथ 16 श्रृंगार लिस्ट (Karwa Chauth 16 Shringar Samagri List)
- मंगलसूत्र
- काजल
- नथ
- कान के गहने
- अंगूठी
- कमरबंध
- पायल
- सिंदूर
- बिंदी
- बाजूबंद
- साड़ी
- चुनड़ी
- मेहँदी
- चूड़ियां
- गजरा
- टीका
- लिपिस्टिक
- आलता
- मांग टीका
करवा चौथ का व्रत कैसे किया जाता है
करवा चौथ व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक रखा जाता है। करवा चौथ का व्रत सुबह सरगी देकर और चौथ माता की कथा सुनकर प्रारंभ किया जाता है और रात को चंद्र उदय होने पर चांद को अर्ध देकर पूरा किया जाता है।
इस व्रत को करते समय महिलाएं जल अन्न ग्रहण नहीं करती है. करवा चौथ का व्रत कुंवारी लड़कियां अच्छा वर पाने के लिए करती हैं और विवादित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को रखती है।
करवा चौथ में करवा, छलनी, दीपक, सींक का महत्व
करवा – करवा को भगवान गणपति का प्रतीक माना जाता है, करवे में लगी टोटी गणेश जी की सूंड मानी जाती है। विवाहित महिलाएं करवा में जल भरकर चंद्रमा को अर्थ देकर अपना व्रत पूरा करती है।
दीपक – हिंदू शास्त्रों के अनुसार छलनी के अंदर दीपक जलाकर चांद देखकर पति को देखने से पति की आयु बढ़ती है और घर की नकारात्मकता दूर होती है साथ ही वैवाहिक जीवन भी खुशहाल होता है।
कांस की सींक – मान्यता है कि यह सींक शक्ति का प्रदर्शन करती है, कांस की सींक को करवे की टोटी में डाला जाता है।
करवा चौथ व्रत का महत्व
करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाओं और कुंवारी लड़कियों दोनों के लिए ही पवित्र माना गया है। हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा माना जाता है कि करवा चौथ का सबसे पहला व्रत मां पार्वती द्वारा भगवान शिव के लिए रखा था, कहते हैं इसी व्रत के प्रभाव से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई थी।
तब से ही सुहागन महिलाओं द्वारा करवा चौथ का व्रत रखा जाता है और अपने पति की लंबी आयु की कामना की जाती है साथ ही इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
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करवा चौथ व्रत कथा – Karva Chauth ki Kahani / Katha [PDF]
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