Jal hi Jeevan Hai Essay in Hindi आज हम जल ही जीवन है पर निबंध हिंदी में लिखने वाले हैं। यह निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है।
दोस्तों जल हमारे जीवन के लिए बहुत आवश्यक है इसके बिना हमारा जीवन विलुप्त हो जाएगा। इसलिए हमें जितना हो सके उतना जल का संरक्षण करना चाहिए। जिस दिन जल की समाप्ति होगी उसी दिन पृथ्वी पर से सजीव प्राणियों की भी मृत्यु हो जाएगी।
इसीलिए हमने जल को बचाने के लिए इस निबंध को अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है जिससे अनुच्छेद और निबंध लिखने वाले विद्यार्थियों को कोई भी परेशानी नहीं हो।
Get Some Essay on Jal Hi Jeevan Hai 150, 350, 1000 words Essay in Hindi
विषय-सूची
Jal hi Jeevan Hai Essay in Hindi 150 Words
जल ही जीवन है इस बात में कोई अतिशयोक्ति नहीं है क्योंकि धरती पर सभी जीवित प्राणियों के लिए जल अमृत के समान है। जल के बिना धरती के किसी भी प्राणी का जीवन संभव नहीं है। हमारी धरती पर वैसे तो 70% जल ही है
लेकिन मनुष्य के लिए पीने लायक जल केवल 2% ही है जो कि हमें भूमिगत, नदियों, तालाबों और वर्षा के पानी से उपलब्ध होता है। लेकिन दिनों दिन वर्षा की कमी के कारण भूमिगत जल में कमी आ गई है जिसके कारण पूरे विश्व में पानी की किल्लत हो गई है
और अगर इसी तरह जल का दुरुपयोग होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब जल की कमी से पूरी पृथ्वी तबाह हो जाएगी। पृथ्वी पर से जीवन का नामो निशान मिट जाएगा।
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कुछ अर्थशास्त्रियों की मानें तो तीसरा विश्वयुद्ध जल के लिए ही लड़ा जाएगा जो कि एक बहुत गंभीर विषय है। हमें जल बचाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
Jal hi Jeevan Hai Essay in Hindi 350 Words
जल आज हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मनुष्य के शरीर का 70% हिस्सा जल ही है तो आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर जल नहीं होगा तो क्या हो सकता है। जल के बिना पूरा पर्यावरण नष्ट हो जाएगा। मनुष्य भोजन के बिना कई महीनों तक जीवित रह सकता है लेकिन जल के बिना उसकी 1 सप्ताह के अंदर ही मृत्यु हो जाएगी।
हमारी पृथ्वी पर सभी संसाधन सीमित मात्रा में है वैसे ही जल भी सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है। जैसे हमारे जीवन की हर एक सांस अमूल्य है वैसे ही जल भी अमूल्य है।
जल पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों के लिए अमृत के समान है। आज हम जल का इस प्रकार दुरुपयोग कर रहे है जिससे आने वाले कुछ वर्षों में सभी जगह पानी की किल्लत हो जाएगी।
हमारी आगे आने वाली पीढ़ी को जल नहीं मिलेगा तो आप सोच सकते हैं कि आने वाले वर्षों में जल के बिना स्थिति कितनी भयावह होगी। आज मानव द्वारा जो जल पीने लायक है,
उसे भी प्रदूषित किया जा रहा है नदियों, नहरों, तालाबों में नालों का पानी छोड़ दिया जा रहा है जिसके कारण शुद्ध जल भी प्रदूषित हो रहा है और इसके कारण कई बीमारियां फैल रही है।
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जल की सही कीमत वही लोग जानते है जो कि कई किलोमीटर दूर से पानी का एक घड़ा लेकर आते है कभी-कभी तो है जल भी प्रदूषित होता है लेकिन जल संकट के कारण और अपने प्राणों को बचाने के लिए उन्हें प्रदूषित जल भी पीना पड़ता है।
हमें जल को बचाने की जितनी कोशिश हो सके उतनी करनी चाहिए। जब भी आपको किसी नल से पानी बहता दिखे तो तुरंत उस नल को बंद कर देना चाहिए अब आप सोचेंगे कि इस थोड़ी से जल को बचा कर क्या फायदा होगा।
तो हम आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते है कि बूंद-बूंद से ही घड़ा भरता है और बूंद-बूंद से ही एक समुद्र तो जितना जल हम बचाएंगे भविष्य में हमें उतनी ही कम कठिनाइयां होगी।
जल को बचाने के लिए अनावश्यक कार्यों में जल का उपयोग ना करें। वर्षा का जल संग्रहित करे और जल के महत्व को लोगों को समझाना चाहिए। हम जल बचाओ की रैली निकालकर लोगों को जल बचाने के लिए प्रेरित कर सकते है।
Jal hi Jeevan Hai Essay in Hindi 1000 words
जल मानव जीवन के लिए ही नहीं महत्वपूर्ण है यह मानव के शरीर का भी अभिन्न अंग है क्योंकि मानव का 70% से अधिक शरीर पानी ही होता है। और पृथ्वी पर रहने वाले अन्य सजीव प्राणियों के लिए भी जल का होना अति आवश्यक है।
हमारे पृथ्वी को हरा भरा रखने और पृथ्वी का तापमान नियंत्रित इस जल के कारण ही हो पाता है अगर पृथ्वी पर जल नहीं होगा तो यह है मंगल ग्रह की तरह सिर्फ सूखा ही होगा जहां पर जीवन का कोई नामोनिशान नहीं होगा।
हमें Jal का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर हम ऐसा करते है तो हम हमारे जीवन के साथ ही खिलवाड़ कर रहे है। ऐसा प्रतीत होता है कि हम अपने पैर पर खुद ही कुल्हाड़ी मार रहे है। जल हमारी पृथ्वी पर कई रूपों में विद्यमान है जैसे कि पहाड़ों पर बर्फ के रूप में, नदियों, जलाशयों और भूमिगत जल के रूप में, वाष्प के रूप में।
जल के इतने रूप होने के कारण हमारी पूरी पृथ्वी पर जल उपलब्ध हो पाता है क्योंकि जल अगर ठोस अवस्था में ही होता तो यह सिर्फ पहाड़ों पर ही होता है जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं हो पाता। जल के वाष्प रूप के कारण बड़े महासागरों और समुद्रों से जल वाष्प के रूप में उड़कर बादल बनता है
और पूरी पृथ्वी पर जाकर वर्षा करता है जिससे सभी स्थानों पर जल की पूर्ति हो पाती है वर्षा के जल के कारण ही तालाब, बांध और भूमिगत जल में वृद्धि होती है।
अगर पृथ्वी पर बरसात ही नहीं होगी तो पानी की कमी हो जाएगी सभी तालाब, बांध और भूमिगत जल स्त्रोत सूख जाएंगे। वर्तमान में भी यही स्थिति उत्पन्न हो रही है क्योंकि हमारे देश में साल-दर-साल वर्षा कम होती जा रही है। इसका मुख्य कारण पेड़ों की कटाई है क्योंकि पेड़ों और वनों के कारण ही वर्षा होती है।
और हमारे देश में तो पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है जिसके कारण हर साल किसी ना किसी राज्य में सूखा पड़ता है। और साथ ही हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि बहुत ही अधिक तेजी से हो रही है जनसंख्या के मामले में हमारा देश दूसरे नंबर पर आता है लेकिन 2022 तक हमारा देश जनसंख्या के मामले में प्रथम होगा।
जैसा कि हम सब जानते है कि जनसंख्या बढ़ेगी तो जल की भी उतनी ही आवश्यकता होगी लेकिन जल तो दिनों दिन कम होता जा रहा है तो इसकी पूर्ति कैसे होगी ?
भूमिगत जल तो पहले से ही कम हो चुका है हमारे देश के ज्यादातर राज्यों को डार्क जोन घोषित कर दिया गया है इसका मतलब है कि इन राज्यों में पानी की बहुत ज्यादा किल्लत है और अगर आने वाले कुछ सालों में इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यहां पर भूमिगत जल का स्रोत विलुप्त हो जाएगा।
और जल के अन्य स्त्रोतों की बात करें तो नदियों और तालाबों में जल तो उपलब्ध है लेकिन वह भी दिन-प्रतिदिन कम हो रहा है साथ ही हम नदियों तालाबों के जल को प्रदूषित भी कर रहे हैं जिसके कारण नदियों का जल पीने लायक नहीं है।
नदियों में जल प्रदूषण की बात करें तो हम यमुना नदी का उदाहरण ले सकते हैं क्योंकि जब यमुना नदी उत्तरकाशी से निकलती है तब इसका जल बहुत ही स्वच्छ होता है लेकिन जैसे-जैसे यह शहरों से निकलती है दिल्ली में शहर में इस नदी में इतना दूषित पानी छोड़ा जाता है।
जिसके कारण यह है जब तक आगरा पहुंचती है तब तक इसका रूप काला हो चुका होता है इसका मतलब आप समझ सकते हैं कि नदियों को हम कितना प्रदूषित कर रहे है।
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नदियों के प्रदूषित होने के कारण इन नदियों का जल जो भी पशु-पक्षी पीते है वह भी बीमार पड़ जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है। और इसी जल को हमारे देश में सिंचाई के लिए उपयोग में लिया जाता है
जिसके कारण फसलों में अनेक बीमारियां लग जाती है जो कि बाद में उन फसलों के माध्यम से हमारे शरीर में आ जाती है। इसी कारण दिनों-दिन नई बीमारियां हमारे देश में फैल रही है। अगर जल्द ही इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया तो जल की कमी से मानव सभ्यता समाप्त हो जाएगी या फिर प्रदूषित जल की वजह से कई महामारियां फैल जाएंगी।
जल हमारी पृथ्वी की अमूल्य धरोहर है अगर हम इसका ख्याल नहीं रखेंगे तो पूरी पृथ्वी नष्ट हो जाएगी। हमें जल को बचाने के लिए भरपूर प्रयास करने चाहिए इसके लिए हमें केवल सरकार को ही दोष नहीं देना चाहिए।
हमें खुद भी जागरुक होकर जल को बचाना होगा। क्योंकि जल का दोहन केवल सरकार नहीं करती हम सब लोग करते है हम ही जल का अत्यधिक दोहन करते है और हम इन्हीं से प्रदूषित करते है।
इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि हम इस अमूल्य जल को बचाएं और ऐसे कदम उठाएं जिनसे भूमिगत जल की मात्रा में बढ़ोतरी हो सके।
जल को बचाने के लिए हम निम्नलिखित कार्य कर सकते है –
1। हमें अनावश्यक कार्यों में जल का उपयोग बंद करना होगा।
2। वर्षा के जल को टांके बनाकर संग्रहित करना होगा।
3। अधिक मात्रा में पेड़ पौधे लगाने होंगे पेड़ों की कटाई पर रोक लगानी होगी।
4। जिन भी उद्योग-धंधों से दूषित जल नदियों में मिलाया जाता है उन को सख्त हिदायत देनी होगी कि वे नदियों में दूषित जल में मिलाएं।
5। हमें खुद की दिनचर्या में सुधार करना होगा क्योंकि हम नदियों या तालाबों के पास जाते है उनमें कचरा या पत्थर फेंकने लगते है जिनसे उनका जल प्रदूषित हो जाता है।
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6। हमें गैर कार्यों जैसे वाहनों को धोना, मिट्टी पर पानी का छिड़काव करना आदि में पानी का उपयोग करना बंद करना होगा।
7। हमें एक ऐसी योजना बनानी होगी जिससे सभी नदियों को जोड़ा जा सके जिससे देश के किसी भी हिस्से में जल की कमी ना हो।
8। हमें जागरुक होना होगा क्योंकि हमारे देश में ज्यादातर पानी की टंकियों से जल का रिसाव होता रहता है जिसको हमें बंद करना होगा क्योंकि पानी की बूंद बूंद से ही घड़ा भरता है और पानी की बूंद बूंद बचा कर ही हम जल का संरक्षण कर सकते है।
9। हमें प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा क्योंकि इसी के कारण सबसे ज्यादा जल प्रदूषित होता है।
10। जन-जन में हमें जागरूकता फैलानी होगी कि जल हमारे जीवन के लिए कितना आवश्यक है और इसका संरक्षण कैसे किया जा सकता है।
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या निबंधामुळे मला माझ्या वर्गाच्या भाषण स्पर्धेत पहिल्या क्रमांकाचे बक्षीस मिळाले .तुमचे खूप खूप सर.
मृणाली जी सराहना करने के लिए आप का खूब खूब आभार
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sarhana ke liye aap ka bahut bahut dhanyawad Abhishek kumar IAS.
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Shubh sharma hane essay ki galtiyo ko sudhar liya hai, sujhav ke liye dhanyawad.
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बहुत अच्छा निबंध लेखन है।
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essay ke liye thanks
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Bhai Kya baat likhi hay bhaiyo aur bahno Pani ki barbaadi mat Karo please Bhai log paani ko bachao barbaad mat Karo thank you
Pani ka rakhwala, Aap accha sandesh de rahe hai aise hi acche karye karte rahe dhanyawad.
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Hira mani ji, Hame bhut khushi hui aap ko lekh accha laga dhanyawad.
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आप की लेख बहुत ही काम की है, बहुत ही विस्तृत है। परन्तु कुछ कुछ शब्दों की गलती के कारण अर्थ का अनर्थ हो रहा है। यदि यह सुधर सकता है तो सुधार दीजिए। ताकि भविष्य में किसी को परेशानी ना हो।
धन्यवाद।
ऐसा लिखने के लिए क्षमा चाहते हैं।
गिरधर नामदेव जी, आप को क्षमा मांगने की कोई जरूरत नही है, आप ने लेख की गलतियाँ बताकर अच्छा किया है. हमे आप को बताते हुए खुशी हो रही है कि हम ने सभी गलतियाँ तुरंत प्रभाव से ठीक कर ली है. हमारा मनोबल बढ़ाने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद, ऐसे ही वेबसाइट पर आते रहे.
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Dhanyawad Aditya rai, Aap ko hamare duvara likha gya essay aacha laga hame bhut khushi hui, aise website par aate rahe.
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Man khush ho gya , mai 10 saal ki hu mere school me Kal hi her can hai pe ninndh likhna tha to mujhe itne ideas nhi the .Maine soncha ki Google par search kar lu kaho mai padhti gai likhte gai man nhi mana ki tum Jay par mam ne kaha tha ki 150 wards hi likhne hai, Maine phir bhi 150 aur 350 wala pura aur 1000 ka quarter likh dala.
Aaj mai itni prerit ho gai hu ki ab her can me kabhi bhi paani barbad nhi karungi aur na kisi ko karne dungi.
Thanks a lot !!!
Protsahan ke liye bhut bhut Dhanyawad Jahnavi, hame kushi hai ki aap ne jal bachane ka nirnye liya. Aise hi website par aate rhe
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Protsahan ke liye bhut bhut Dhanyawad Vinay ji, aise hi website par aate rhe
Bahut accha sir ji
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