दोस्तो आज हमने Essay on Cleanliness in School in Hindi लिखा है स्वच्छ विद्यालय पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है. इस लेख में हमने विद्यालय को स्वच्छ कैसे रखे इस बारे में बताया है विद्यालय में स्वच्छता हमारे जीवन में किस प्रकार महत्व रखती है यह हमने निबंध की सहायता से बताया है.
दोस्तों हमारे जीवन में साफ-सफाई बहुत जरूरी है चाहे वह घर पर हो, चाहे स्कूल में हो या फिर कहीं पर भी हमें हर जगह को साफ सुथरा रखना चाहिए यह किसी और के लिए नहीं हमारे लिए ही फायदेमंद है.
साफ-सफाई का मतलब यह नहीं होता है कि आपने एक दिन सफाई कर दी और फिर महीनों तक सफाई नहीं की इसका मतलब यह होता है कि हमें नियमित रूप से साफ सफाई करनी चाहिए.
विषय-सूची
Essay on Cleanliness in School in Hindi for class 1 to 4
वर्तमान समय में साफ सफाई बहुत जरूरी है क्योंकि आजकल साफ-सफाई नहीं रहने की वजह से बहुत सी ऐसी बीमारियां फैल रही है जिनका इलाज संभव नहीं है.
बीमारियों से बचने के लिए हमें स्वच्छता को अपनाना होगा. हम विद्यार्थी हैं इसलिए याद आते समय हम स्कूल में ही रहते हैं इसलिए हम जिस स्कूल में जाते हैं वह साफ सुथरा होना बहुत जरूरी है.
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हमारे आसपास का वातावरण स्वच्छ नहीं होने के कारण आए दिन कई गंभीर एलर्जी इंसान और जानवरों को हो रही है.
विद्यालय में साफ सफाई के लिए कर्मचारी होते हैं लेकिन अगर हम विद्यार्थी भी स्वच्छता के प्रति अगर सचेत हो जाएं तो विद्यालय में जरा भी गंदगी नहीं फैलेगी.
हमें हमेशा फटे हुए कागज और अन्य कूड़ा करकट हमेशा कूड़ेदान में ही डालना चाहिए कभी भी इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए क्योंकि इससे हमारे और हमारे मित्रों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है.
हमें सदैव हमारे विद्यालय को साफ सुथरा रखना चाहिए.
Essay on Cleanliness in School in Hindi for Class 5 to 8
स्कूलों में साफ सफाई को बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने 25 सितंबर 2014 में स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान उद्घाटन किया था. इस अभियान के तहत सभी स्कूलों में साफ सफाई अनिवार्य कर दी गई थी.
विद्यालय में साफ सफाई बहुत जरूरी है क्योंकि हमारे देश के भविष्य विद्यार्थी रोज स्कूल में जाते हैं और लगभग अपना पूरा दिन वही बिताते है अगर विद्यालय की साफ सुथरा नहीं होगा तो विद्यार्थियों में स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां हो सकती है.
विद्यालय में प्रत्येक वर्ष रंग-रोगन होना चाहिए जिससे विद्यालय की दीवारें खराब नहीं होंगी और उनमें काई भी नहीं जमेगी. जिससे बीमारियों वाले बैक्टीरिया उत्पन्न होने की संभावना खत्म हो जाएगी.
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विद्यालय में प्रत्येक कक्ष के आगे कूड़ादान होना चाहिए जिससे कक्षा से निकलने वाला घोड़ा सीधा कूड़ेदान में ही डालें सके. विद्यालय में पानी की टंकियों की सफाई प्रतिमाह होनी चाहिए जिससे टंकियों में बचा हुआ पानी प्रदूषित नहीं होगा.
प्रत्येक विद्यार्थी को विद्यालय की ड्रेस को नियमित रूप से साफ करना चाहिए. विद्यालय विद्यार्थी का दूसरा घर होता है इसलिए विद्यार्थियों को भी विद्यालय में साफ सफाई रखने में सहयोग देना चाहिए.
स्कूलों में प्रत्येक वर्ष ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाना चाहिए जिसमें विद्यार्थियों को साफ सफाई के बारे में बताना चाहिए.
विद्यालय का वातावरण स्वच्छ और स्वस्थ हो इसके लिए हमें विद्यालय में चारों ओर पेड़ पौधे लगाने चाहिए. प्रत्येक विद्यालय को विद्यार्थियों द्वारा रैली निकलवाई जानी चाहिए जिसमें स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने चाहिए.
स्कूलों के मैदानों की साफ-सफाई प्रतिदिन होनी चाहिए क्योंकि बच्चे रोज वहीं पर खेलते हैं अगर मैदानों की साफ सफाई नहीं होगी तो वहां पर पढ़ने वाले विद्यार्थी बीमार हो सकते है.
Essay on Cleanliness in School in Hindi for Class 9 to 12
विद्यालय में साफ-सफाई का बहुत महत्व होता है क्योंकि यह विद्यार्थी के लिए दूसरे घर और एक मंदिर के समान होता है जहां विद्या की देवी मां सरस्वती का वास होता है. स्वच्छता को लेकर हमें सदैव सजग रहना चाहिए. स्वच्छता को बढ़ाने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया है जिसके अंतर्गत हमारे पूरे देश में साफ-सफाई की जानी है और लोगों को भी साफ सफाई में सहयोग देना है.
इस अभियान से कई मंत्री, एनजीओ और साधारण लोग जुड़े हुए है. इस अभियान के कारण हमारे देश में स्वच्छता को बढ़ावा मिला है. इस अभियान से सभी वर्ग के लोग जुड़ते हैं और अपने आसपास की सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे है.
स्वच्छ भारत अभियान से अब सभी विद्यालयों को भी जोड़ा गया है जिसका उद्घाटन मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने किया है. विद्यालय में संस्था बहुत अहम है क्योंकि यह हमारे देश का एक विशेष हिस्सा है. यहां पर हमारे देश को आगे बढ़ाने वाली भावी पीढ़ी पढ़ती है.
अगर विद्यालय में ही स्वच्छता नहीं होगी तो प्रतिदिन कोई ना कोई विद्यार्थी बीमार पड़ता रहेगा जिससे उसकी पढ़ाई में बाधा आएगी. विद्यालयों में सफाई बहुत ही गंभीर विषय है क्योंकि आमतौर पर देखा गया है कि कई विद्यालयों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है.
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कई विद्यालयों की खबर समाचार पत्र पत्रिकाओं में आती रहती है कि वहां पर मिलने वाला खाना प्रदूषित होने के कारण कई बच्चे बीमार पड़ गए. ऐसा सिर्फ साफ सफाई में लापरवाही बरतने से होता है.
अभिभावकों को भी समय समय पर स्कूल में जाकर देखना चाहिए कि वहां पर साफ सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है या नहीं क्योंकि जब तक स्कूलों में साफ सफाई नहीं होगी तब तक वहां पर शिक्षा संभव नहीं है. स्कूलों में वैसे तो साफ सफाई के लिए कर्मचारी रखे हुए होते हैं लेकिन हम विद्यार्थियों को भी स्कूल की साफ सफाई में सहयोग करना चाहिए.
आइए जानते हैं कि स्कूलों में इस प्रकार से हम साफ-सफाई कर सकते है-
शिक्षकों को विद्यार्थियों को साफ सफाई के महत्व के बारे में बताना चाहिए और समय-समय पर साफ सफाई के बारे में कई प्रतियोगिताएं आयोजित करवानी चाहिए.
साफ सफाई के महत्व के बारे में निबंध लेखन, कविता, चित्रकला, नाटक और वाद विवाद प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों को स्वच्छता के बारे में सरल माध्यम से बताया जा सकता है.
स्कूलों में प्रतिवर्ष रंगाई और पुताई का काम होना चाहिए जिससे स्कूल साफ सुथरा दिखाई दे.
स्कूलों में बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए और प्रत्येक शौचालय की नियमित रूप से साफ सफाई होनी चाहिए.
विद्यालय में समय समय पर पानी की पाइपों और टंकियों की सफाई होनी चाहिए क्योंकि अगर पानी ही प्रदूषित होगा तो सभी विद्यार्थी बीमार पड़ सकते है. टंकी की सफाई की दिनांक विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर अंकित की जानी चाहिए जिससे अभिभावकों को पता चल सके कि टंकी की सफाई कितने समय के अंतराल में हो रही है.
विद्यालय के वातावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए पेड़ पौधे और फूलों के बगीचे लगाने चाहिए जिससे विद्यालय का वातावरण सुगंधित और प्रदूषण रहित होगा और विद्यार्थियों का स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहेगा.
विद्यालय के पेड़-पौधे से प्रतिदिन पत्ते गिरते रहते हैं जिससे कूड़ा करकट फैल जाता है इसलिए प्रतिदिन पेड़ पौधों की पत्तियों को इकट्ठा करके इन से खाद बनानी चाहिए और पौधों में डाल देनी चाहिए इससे बड़ा भी नहीं फैलेगा और पेड़ पौधों को खाद भी मिल जाएगी.
शिक्षकों को समय-समय पर विद्यालय में आने वाले पानी की जांच करवानी चाहिए.
विद्यालय में समय समय पर कीटनाशक दवाई का छिड़काव किया जाना चाहिए जिससे वहां पर पनप रहे कीटाणु और मच्छरों को हटाया जा सके. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो कई प्रकार की बीमारियां फैल सकती है.
विद्यालयों की सभी कमरे हवादार होने चाहिए जिससे विद्यार्थियों को घुटन महसूस नहीं हो और वहां का वातावरण भी स्वच्छ बना रहे.
विद्यालय में प्रत्येक कक्ष के पास एक छोटा कूड़ा दान लगवाना चाहिए जिससे उस कक्षा से निकलने वाला कूड़ा करकट उसी कूड़ेदान में डाला जा सके और इससे पूरे विद्यालय में कूड़ा करकट भी नहीं फैलेगा.
विद्यालय के मैदान में छोटी घास लगवानी चाहिए जिससे वहां पर मिट्टी नहीं उड़े.
विद्यार्थियों को भी स्कूल को स्वच्छ रखने में सहयोग करना चाहिए उन्हें कचरा यहां वहां नहीं फैलाना चाहिए हमेशा कूड़ेदान में ही डालना चाहिए.
विद्यार्थियों को भी साथ रहना चाहिए हमेशा साफ-सुथरी वेशभूषा पहननी चाहिए जिसे भी कम से कम बीमार पड़े और रोज स्कूल जा पाए.
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Image Credit – www.dnaindia.com
Nice sir
thank you
Hamko English me chahiea 5 translation school ko safaie rakhne ke liea chote children ke liea
Arun kumar ji aap eske liye english essay ki website par visit kare.
Very useful essay thanks for help
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nice essay ,it help me very much.thankyou!!!!
Welcome shantan and thank your for appreciation, keep visitong hindiyatra.
thanks for helpful and useful content
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thank you Anushka Umale for appreciation.