राजस्थान के रहने वाली अंजू 6 महीने पहले पाकिस्तान के व्यक्ति के प्यार में पड़कर वहां चली गई थी अब वह वापस नसरुल्लाह नाम के व्यक्ति से निकाह करके वापस भारत लौट आई है.
भारत में आकर वह पाकिस्तान की खूब तारीफ कर रही है और बोल रही है कि वहां के लोगों से उसे खूब प्यार मिला और अब उसने अपना नाम फातिमा रख लिया है.
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Anju Returned From Pakistan – अंजू शादी करके भारत लौटी
आपको बता दे की अंजू राजस्थान की रहने वाली है और वह अपने पति और दो छोटे बच्चों को छोड़कर पाकिस्तानी प्रेमी के प्यार में पड़कर 5 महीने पहले पाकिस्तान चली गई थी अब वह वापस भारत लौट कर आ गई है.
हालांकि अंजू ने पाकिस्तानी प्रेमी नसरुल्लाह से शादी कर ली है. अंजू बुधवार 1929 नवंबर 2023 को अटारी वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत में आई है. फिलहाल अंजू को बीएसएफ के कैंप में रखा गया है और उससे पूछताछ की जा रही है.
फेसबुक पर पाकिस्तानी व्यक्ति से हुई थी दोस्ती
अंजू मूल रूप से राजस्थान के अलवर जिले के भिवाड़ी शहर की रहने वाली है यहां पर वह अपने पति अरविंद और दो बच्चों के साथ रहती थी.
लेकिन 2018 में उसने फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल बनाई और वहां पर उसकी दोस्ती पाकिस्तान के नसरुल्ला से हो गई.
यह दोस्ती कब प्यार में बदल गई उसे पता नहीं लगा और जब प्यार प्रमाण पर चढ़ा तो वह 2022 में टूरिस्ट वीजा लेकर पाकिस्तान अपने प्रेमी के पास चली गई.
अंजू भारत लौटकर अब पाकिस्तान की खूब तारीफ कर रही है
अंजू का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह बोलते दिखाई दे रही है कि उसे पाकिस्तान के लोगों से बहुत प्यार मिला और वह अब बहुत खुश है. वह लगातार पाकिस्तान की तारीफें करती दिख रही है.
अंजू कहती है, “वहां लोग बहुत अच्छे हैं. उन्होंने कहा कि सभी लोगों की तरफ से बहुत प्यार मिला और सम्मान के साथ मेहमानवाजी की. “
दरअसल अंजू टूरिस्ट वीजा लेकर पाकिस्तान घूमने की बात कह कर घर से निकली थी और वहां पर जाकर उसने खैबर पख्तूनख्वा में रहने वाले नसरुल्ला से निकाह कर लिया है और निकाह की तस्वीर भी उसने फेसबुक पर अपलोड की थी.
अंजू फिर से पाकिस्तान लौटने का दे रही है संकेत
पाकिस्तान से शादी करके लौटी अंजू फिर से पाकिस्तान जाने के संकेत दे रही है बरहाल इस बात को लेकर उसने अभी साफ तौर पर कुछ नहीं कहा है
लेकिन उसने एक वीडियो में कहा था कि वह भारत में सिर्फ अपने डॉक्यूमेंट लेने आई है और वह वापस पाकिस्तान लौट जाएगी।
प्यार और सभी प्रकार की रिष्ते नाते की मूल जननी काम (सम्भोग) ही है। नारियों को पुरूषों की अपेक्षा सर्वाधिक मान्यताओं के अनुसार आठगुणा कामांध होतीं हैं। सुन्दरता प्रथम आकर्षण होता है। कामाग्नि को ष्षान्त करने के लिए मानवात्माएँ यथासम्भव निर्लज बनतीं हैं। दो विपरीत लिंगी मानवात्माएँ जब सुन्दर भी हों तो कुरूप का त्याग करने में संकोच नहीं करतीं हैं। जब लड़कियों को पिता का घर छोड़ने की प्रथा है, प्रेम करने की संवैधानिक स्वतंत्रता है, एक नारी ब्रह्मचारी की भारतीय मान्यताओं को तिलांजली देने में राजाओं को भी संकोच नहीं होता है। पतिव्रता की अहमियत समाप्त हो रही है। तो प्रेम, विष्वास, श्रद्धा, वात्सल्य प्रेम सबकुछ समाप्त करने की राजनीतिज्ञों में होड़ मची है। तो भविष्य में वेष्या तथा पत्नि में फर्क करना असम्भव होगा। कामाग्नि को नियंन्त्रित करनेवाली कठोर कानूनों को स्थापित करने अनिवार्य हैं।