Tatsam Tadbhav Shabd : दोस्तों आज हमने तत्सम और तद्भव शब्द लिखे है। शब्द हिंदी व्याकरण का दूसरा खडं है, जिसके अंतर्गत शब्द की परिभाषा आती है।
अक्सर छोटी कक्षा में शब्दों पर अधिक जोर दिया जाता है क्योंकि उस समय किसी भी भाषा को सीखना सरल होता है। इसीलिए आज हमने Tatsam shabd kise kahate hain और Tadbhav shabd kise kahate hain इसकी जानकारी दी है साथ ही example सहित समझाया है।
स्त्रोत के आधार पर शब्द – स्त्रोत का अर्थ है मूल्य उद्गम स्थान कोई शब्द भाषा में कहां से आया, किस रूप में स्वीकार किया गया या किसी अन्य भाषा के शब्द के साथ मिलकर मूल शब्द ने एक नया रूप बना लिया। इस आधार पर शब्दों का वर्गीकरण स्त्रोत के आधार पर वर्गीकरण कहा जाता है।
स्त्रोत के आधार पर शब्दों को 5 वर्गों में बांटा गया है।
- तत्सम
- तद्भव
- देशज
- विदेशी
- संकर
आज हम इनमें से तत्सम और तद्भव शब्द के आधार की विस्तार से चर्चा करेंगे –
विषय-सूची
Tadbhav Tatsam Shabd in Hindi
तत्सम शब्द किसे कहते है (परिभाषा)
जो शब्द संस्कृत भाषा से जो ज्यों के त्यों ले लिए गए, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। जैसे भूमि, प्रथम, राष्ट्र, रक्षा, मयूर, पुत्र, कार्य आदि।
तद्भव शब्द किसे कहते है – (परिभाषा)
संस्कृत से आए जिन शब्दों का हिंदीकरण करके ग्रहण किया गया है अर्थात जिन्हें हिंदी की प्रकृति के अनुरूप ढाल लिया गया है उसे तद्भव शब्द कहते है। जैसे काम, बरस, मां, सांप, दांत इत्यादि।
तत्सम और तद्भव शब्दों को पहचानने के नियम
(1) तत्सम शब्दों में ‘व’ का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में ‘ब’ का प्रयोग होता है। जैसे – वन = बन
(2) तत्सम शब्दों में ‘र’ की मात्रा का प्रयोग होता है। जैसे – आम्र = आम
(3) तत्सम शब्दों में ‘श’ का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में ‘स’ का प्रयोग हो जाता है। जैसे – दिपशलाका = दिया सलाई
(4) तत्सम शब्दों में ‘ष’ वर्ण का प्रयोग होता है। जैसे – कृषक = किसान
(5) तत्सम शब्दों में ‘ऋ’ की मात्रा का प्रयोग होता है। जैसे – कृतगृह = कचहरी
(6) तत्सम शब्दों में ‘श्र’ का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में ‘स’ का प्रयोग हो जाता है। जैसे – धन्नश्रेष्ठी = धन्नासेठी
(7) तत्सम शब्दों के पीछे ‘क्ष’ वर्ण का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों के पीछे ‘ख’ या ‘छ’ शब्द का प्रयोग होता है। जैसे – पक्षी = पंछी
तत्सम तद्भव शब्द लिस्ट
तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
अग्नि | आग |
अगम्य | अगम |
दंड | डंडा |
अमूल्य | अमोल |
अज्ञान | अजान |
अमृत | अमरत |
अंगुलि | अंगुली |
कुक्कुर | कुता |
कुंभकार | कुम्हार |
अंगुष्ठ | अँगूठा |
कदली | केला |
अष्टादइश | अठारह |
अष्ट | आठ |
कुष्ठ | कोढ |
अक्षि | आँख |
कोकिल | कोयल |
आमलक | आँवला |
आम्र | आम |
आश्रय | आसरा |
कूप | कुआँ |
आलस्य | आलस |
गर्दभ | गधा |
अश्रु | आँसू |
गर्त | गड्ढा |
अदर्घ | आधा |
ग्राहक | गाहक |
ग्रंथी | गाँठ |
गोस्वामी | गुसाईं |
ग्राम | गाँव |
उज्ज्वल | उजला |
उपालंभ | उलाहना |
गृह | घर |
ग्रामीण | गँवार |
उलूक | उल्लू |
उच्च | ऊँचा |
गंभीर | गहरा |
कज्जल | काजल |
उष्ट्र | ऊँट |
ओष्ठ | ओंठ |
घट | घड़ा |
कच्छप | कछुआ |
कुपुत्र | कपूत |
घृणा | घिन |
कर्पूर | कपूर |
घृत | घी |
काष्ठ | काठ |
चंद्र | चाँद |
कार्य | काज |
क्षेत्र | खेत |
चन्द्रिका | चांदनी |
कृषक | किसान |
चूर्ण | चूरन |
चतुर्दश | चोदह |
चंचु | चोंच |
छिद्र | छेद |
छत्र | छाता |
जन्म | जनम |
जंघा | जाँघ |
ज्येष्ठ | जेठ |
कर्ण | कान |
कर्म | काम |
चैत्र | चैत |
चतुर्थ | चोथा |
निष्ठुर | निठुर |
निद्रा | नींद |
निंब | नीम |
नकुल | नेवला |
नम्र | नरम |
नासिका | नाक |
प्रहर | पहर |
मृतिका | मिट्टी |
धूम्र | घुआँ |
नग्न | नंगा |
नक्षत्र | नखत |
मृत्यु | मोत |
स्वर्णकार | सुनार |
मार्ग | मारग |
श्वसुर | ससुर |
सत्य | सच |
शुष्क | सुखा |
श्रृंगार | सिंगार |
शिक्षा | सीख |
शय्या | सेज |
लक्ष | लाख |
लवंग | लोंग |
शर्करा | शक्कर |
सप्तशती | सतसई |
श्रावण | सावन |
धैर्य | धीरज |
मोक्तिक | मोती |
मित्र | मीत |
मेघ | मेह |
मयूर | मोर |
सौभाग्य | सुहाग |
योगी | जोगी |
राजपूत्र | राजपूत |
रात्रि | रात |
रक्षा | राखी |
रुष्ट | रूठा |
लज्जा | लाज |
लक्ष्मण | लखन |
सूर्य | सूरज |
लवण | नमक |
हस्ती | हाथी |
स्वपन | सपना |
हास्य | हँसी |
अ, आ से शुरू होंने वाले तत्सम = तद्भव शब्द
- आम्र = आम
- आश्चर्य = अचरज
- अक्षि = आँख
- अमूल्य = अमोल
- अग्नि = आग
- अंधकार = अँधेरा
- अगम्य = अगम
- अकस्मात = अचानक
- आलस्य = आलस
- अश्रु = आँसू
- अक्षर = अच्छर
- अंगरखा = अंगरक्षक
- आश्रय = आसरा
- आशीष = असीस
- अशीति = अस्सी
- ओष्ठ = ओंठ
- अमृत = अमिय
- अंध = अँधा
- अर्द्ध = आधा
- अन्न = अनाज
- अक्षवाट = अखाडा
- अंगुष्ठ = अंगूठा
- अक्षोट = अखरोट
- अट्टालिका = अटारी
- अष्टादश = अठारह
- अगणित = अनगिनत
- अध् = आज
- अम्लिका = इमली
- अमावस्या = अमावस
- अर्पण = अरपन
- अन्यत्र = अनत
- अनार्य = अनाड़ी
- अज्ञान = अजान
- आदित्यवार = इतवार
- आम्रचूर्ण = आमचूर
- आमलक = आँवला
- आर्य = आरज
- आश्रय = आसरा
- आश्विन = आसोज
- अंतःकथा = अंतर्कथा
- अग्र = आगे
- अस्थि = हड्डी
- आर्द्रक – अदरक
इ, ई से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- इक्षु = ईंख
- ईर्ष्या = ईर्षा
- इष्टिका = ईंट
उ, ऊ से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- उलूक = उल्लू
- उच्च = ऊँचा
- उज्ज्वल = उजला
- उष्ट्र = ऊँट
- उत्साह = उछाह
- ऊपालम्भ = उलाहना
- उद्वर्तन = उबटन
- उलूखल = ओखली
- उपर्युक्त = उपरोक्त
ए, ऐ से शुरू होने वाले तत्सम = तद्भव शब्द - एकादश = ग्यारह
- एला = इलायची
- एकत्र = इकट्ठा
ऋ से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- ऋक्ष = रीछ
क, ख से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- कुपुत्र = कपूत
- कर्म = काम
- काक = कौआ
- कपोत = कबूतर
- कदली = केला
- कपाट = किवाड़
- कीट = कीड़ा
- कूप = कुआँ
- कोकिल = कोयल
- कर्ण = कान
- कृषक = किसान
- कुंभकार = कुम्हार
- कटु = कडवा
- कुक्षी = कोख
- क्लेश = कलेश
- काष्ठ = काठ
- कृष्ण = किसन
- कुष्ठ = कोढ़
- कृतगृह = कचहरी
- कर्पूर = कपूर
- कार्य = काज, काम
- कार्तिक = कातिक
- कुक्कुर = कुत्ता
- कन्दुक = गेंद
- कच्छप = कछुआ
- कंटक = काँटा
- कुमारी = कुँवारी
- कृपा = किरपा
- कपर्दिका = कौड़ी
- कुब्ज = कुबड़ा
- कोटि = करोड़
- कर्तव्य = करतब
- कंकण = कंगन
- किंचित = कुछ
- केवर्त = केवट
- किरण = किरन
- कज्जल = काजल
- कातर = कायर
- कुठार = कुल्हाड़ा
- कटु = कड़ुवा
- किंचित = कुछ
- कुक्षि = कोख
- कर्पट = कपड़ा
- खटवा = खाट
ग, घ से शुरु होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- गृह = घर
- ग्राम = गाँव
- गर्दभ = गधा
- ग्रीष्म = गर्मी
- ग्राहक = गाहक
- गौ = गाय
- गर्जर = गाजर
- ग्रन्थि = गाँठ
- गोधूम = गेंहूँ
- गौरा = गोरा
- गृध = गीध
- गायक = गवैया
- ग्रामीण = गँवार
- गोमय = गोबर
- गृहिणी = घरनी
- गोस्वामी = गुसाई
- गोपालक = ग्वाला
- गणना – गिनती
- घोटक = घोडा
- घटिका = घड़ी
- घृणा = घिन
- घट = घडा
- घृत = घी
च, छ से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- चन्द्र = चाँद
- चक = चाक
- चर्म = चमडा
- चूर्ण = चूरन
- छत्र = छाता
- चतुर्विंश = चौबीस
- चतुष्कोण = चौकोर
- चतुष्पद = चौपाया
- चक्रवाक = चकवा
- चवर्ण = चबाना
- चर्मकार = चमार
- चंचु = चोंच
- चतुर्थ = चौथा
- चैत्र = चैत
- चंद्रिका = चाँदनी
- चित्रकार = चितेरा
- चिक्कण = चिकना
- छत्र =छतरी
- छिद्र = छेद
- छाँह = छाया
ज, झ से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- जिह्वा = जीभ
- ज्येष्ठ = जेठ
- जमाता = जवाई
- ज्योति = जोत
- जन्म = जनम
- जंधा = जाँध
- जीर्ण = झीना
त, थ से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- तैल = तेल
- तृण = तिनका
- ताम्र = ताँबा
- तिथिवार = त्यौहार
- ताम्बूलिक = तमोली
- तड़ाग = तालाब
- त्वरित = तुरंत
- तपस्वी = तपसी
- तुंद = तोंद
- तीर्थ = तीरथ
- तीक्ष्ण = तीखा
द, ध से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- दूर्वा = दूब
- दीपावली = दीवाली
- दुग्ध = दूध
- दंत = दांत
- दीप = दीया
- दधि = दही
- देव = दई
- दिशांतर = दिशावर
- दौहित्र = दोहिता
- दंतधावन = दतून
- दंड = डंडा
- द्वादश = बारह
- द्विगुणा = दुगुना
- दंष्ट्रा = दाढ
- दिपशलाका = दिया सलाई
- द्विप्रहरी = दुपहरी
- दक्षिण = दाहिना
- दंष = डंका
- द्विपट = दुपट्टा
- दुर्बल = दुर्बला
- दुःख = दुख
- द्वितीय = इजा
- धरित्री = धरती
- धूलि = धुरि
- धन्नश्रेष्ठी = धन्नासेठी
- धृष्ठ = ढीठ
- धैर्य = धीरज
- धूम्र = धुआँ
- धर्म = धरम
न, प से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- नारिकेल = नारियल
- नयन = नैन
- नव्य = नया
- नृत्य = नाच
- निंद्रा = नींद
- नासिका = नाक
- नवीन = नया
- नग्न = नंगा
- निष्ठुर = निठुर
- निर्वाह = निवाह
- निम्ब = नीम
- नकुल = नेवला
- नव = नौ
- पुत्र = पूत
- प्रहर = पहर
- पितृश्वसा = बुआ
- प्रतिवेश्मिक = पड़ोसी
- प्रत्यभिज्ञान = पहचान
- प्रहेलिका = पहेली
- पुष्प = फूल
- पृष्ठ = पीठ
- पौष = पूस
- पुत्रवधू = पतोहू
- पंच = पाँच
- पत्र = पत्ता
- पद = पैर
- पश्चाताप = पछतावा
- प्रकट = प्रगट
- प्रतिवासी = पड़ोसी
- पितृ = पिता
- पीत = पीला
- नापित = नाई
- पर्यंक = पलंग
- पक्वान्न = पकवान
- पाषाण = पाहन
- प्रतिच्छाया = परछाई
- पिपासा = प्यास
- पक्ष = पंख
- प्रस्वेदा = पसीना
- प्रस्तर = पत्थर
- परीक्षा = परख
- पुष्कर = पोखर
- पर्ण = परा
- पूर्व = पूरब
- पंचदश = पन्द्रह
- पक्क = पका
- पट्टिका = पाटी
- पवन = पौन
- प्रिय = पिय
- पुच्छ = पूंछ
- पर्पट = पापड़
- पक्षी = पंछी
- पद्म = पदम
- परख: = परसों
- पाष = फंदा
फ, ब से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- फाल्गुन = फागुन
- बिंदु = बूंद
- बालुका = बालू
- बधिर = बहरा
- बलिवर्द = बैल
- बली वर्द = बींट
- बंध्या = बाँझ
- बुभुक्षित = भूखा
भ, म से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- भिक्षा = भीख
- भ्राता = भाई
- भुजा = बाँह
- भगिनी = बहिन
- भक्त = भगत
- भल्लुक = भालू
- भाद्रपद = भादौं
- भद्र = भला
- भ्रत्जा = भतीजा
- भ्रमर = भौरां
- भ्रू = भौं
- भिक्षुक = भिखारी
- मृग = हिरण
- मनुष्य = मानुष
- मृत्यु = मौत
- मुख = मुँह
- मार्ग = पग
- मित्र = मीत
- मुष्टि = मुट्ठी
- मूल्य = मोल
- मूषक = मूस
- मेघ = मेह
- मातुल = मामा
- मौक्तिक = मोती
- मर्कटी = मकड़ी
- मश्रु = मूंछ
- मक्षिका = मक्खी
- मिष्ट = मीठा
- मृत्तिका = मिट्टी
- मस्तक = माथा
- मुषल = मूसल
- महिषी = भैंस
- मरीच = मिर्च
- मयूर = मोर
य, र से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- यमुना = जमुना
- युवा = जवान
- यश = जस
- यज्ञोपवीत = जनेऊ
- यव = जौ
- योगी = जोगी
- यति = जति
- यूथ = जत्था
- युक्ति = जुगति
- यषोदा = जसोदा
- यशोगान = यशगान
- यज्ञ = जज्ञ
- रोदन = रोना
- राजपुत्र = राजपूत
- राजा = राय
- रक्षा = राखी
- रज्जु = रस्सी
- रिक्त = रीता
- रात्रि = रात
- राशि = रास
ल, व से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- लक्ष = लाख
- लौह = लोहा
- लक्ष्मण = लखन
- लज्जा = लाज
- लवंग = लौंग
- लोक = लोग
- लोमशा = लोमड़ी
- लवणता = लुनाई
- लेपन = लीपना
- लौहकार = लुहार
- वत्स = बच्चा
- व्याघ्र = बाघ
- वणिक = बनिया
- वाणी = आवाज
- वरयात्रा = बारात
- वर्ष = बरस
- वैर = बैर
- विवाह = ब्याह
- वधू = बहू
- वाष्प = भाप
- वट = बड
- वज्रांग = बजरंग
- वल्स = बछड़ा
- विद्युत् = बिजली
- वक = बगुला
- वंष = बांस
- वृश्चिका = बिच्छु
- वार्ता = बात
- वानर = बन्दर
- व्यथा = विथा
- वर्षा = बरसात
- विकार = बिगाड़ा
- वचन = बचन
- वृद्ध = बुड्ढ़ा
स, श, ष, श्र से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- सूर्य = सूरज
- स्वर्ण = सोना
- स्तन = थन
- सूचिका = सुई
- सुभाग = सुहाग
- स्वर्णकार = सुनार
- स्वसुर = ससुर
- सत्य = सच
- सर्प = साँप
- सप्त = सात
- सूत्र = सूत
- स्थिर = अटल
- स्थल = थल, जमीन
- स्नेह = नेह, प्यार
- स्कन्ध = कंधा
- ससर्प = सरसों
- सपत्नी = सौत
- स्फोटक = फोड़ा
- शलाका = सलाई
- श्यामल = साँवला
- शून्य = सूना
- शप्तशती = सतसई
- शाक = साग
- श्मषान = समसान
- शिर = सिर
- श्यालस = साला
- शय्या = सेज
- शुष्क = सूखा
- श्याली = साली
- शूकर = सूअर
- शिला = सिल, पत्थर
- शत = सौ
- शीर्ष = सीस
- शर्कर = शक्कर
- शुक = तोता
- शिक्षा = सीख
- श्रावण = सावन
- श्रेष्ठी = सेठ
- श्राप = शाप
- श्रृंगाल = सियार
- श्रंखला = साँकल
- श्रृंग = सींग
ह, क्ष से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- हास्य = हँसी
- हस्त = हाथ
- हिरन = हरिण
- हस्ती = हाथी
- हरिद्रा = हल्दी
- हट्ट = हाट
- होलिका = होली
- ह्रदय = हिय
- हंडी = हांड़ी
- क्षीर = खीर
- क्षति = छति
- क्षीण = छीन
- क्षत्रिय = खत्री
- क्षेत्र = खेत
- क्षत्रिय = खत्री
- क्षार = खार
- क्षमा = छमा
त्र से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव शब्द
- त्रिणी = तीन
- त्रयोदश = तेरह
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पठ धातु रूप संस्कृत – Path Dhatu Roop
गम् / गच्छ धातु रूप – Gam Dhatu Roop
बालिका शब्द रूप Balika Shabd Roop
लता शब्द के रूप – Lata Shabd Roop
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